टोक्यो पैरालंपिक बैडमिंटन: प्रमोद भगत ने जीता गोल्ड, मनोज सरकार ने हासिल किया ब्रॉन्ज़

भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी ने पुरुष एकल SL3 वर्ग में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को सीधे गेम में हराते हुए स्वर्ण पदक जीता। मनोज सरकार ने कांस्य पदक हासिल किया।

2 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
TOKYO, JAPAN - SEPTEMBER 04: Pramod Bhagat of Team India celebrates winning against Daniel Bethell of Team Great Britain in the Badminton Men's Singles SL3 Gold Medal Match on day 11 of the Tokyo 2020 Paralympic Games at Yoyogi National Stadium on September 04, 2021 in Tokyo, Japan. (Photo by Kiyoshi Ota/Getty Images)
(Kiyoshi Ota/ Getty Images)

भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत (Parmod Bhagat) ने शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल (Daniel Bethell) को हराकर पुरुष एकल SL3 वर्ग के गोल्ड मेडल मैच में शानदार जीत हासिल की।

बैडमिंटन के टोक्यो में पैरालंपिक डेब्यू करने के साथ प्रमोद भगत भी अपनी कैटेगरी में पहले पैरालंपिक चैंपियन बन गए।

तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन ने 2019 विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में 45 मिनट तक चले इस मुकाबले में 21-14, 21-17 से जीत दर्ज की।

टोक्यो 2020 में अब तक सिर्फ एक गेम हारने के बाद प्रमोद भगत ने पूरे आत्मविश्वास के साथ स्वर्ण पदक मैच की शुरुआत की और कुछ ही समय में अपने विरोधी खिलाड़ी पर हावी हो गए।

भारतीय शटलर ने डेनियल बेथेल को पीछे करने के लिए अपने शक्तिशाली बॉडी स्मैश और ड्रॉप शॉट्स का सहारा लिया। प्रमोद भगत ने पहले गेम के बीच में 11-8 की बढ़त हासिल की और उसके बाद मैच पर अपना नियंत्रण रखते हुए शुरुआती गेम को 21-14 से जीत लिया।

वापसी करने के इरादे से डेनियल बेथेल ने दूसरे गेम में अच्छी शुरुआत करते हुए 11-4 की बढ़त बना ली।

ऐसा लगने लगा कि ब्रिटेन का यह खिलाड़ी इस मुकाबले को निर्णायक गेम में ले जाने को मजबूर कर सकता है। ऐसे में विश्व चैंपियन प्रमोद भगत ने वापसी करने पर अपना पूरा जोर लगाते हुए पांच बैक-टू-बैक प्वाइंट्स लिए। इसके बाद गेम पर अपनी पकड़ बनाए रखते हुए भारतीय एथलीट ने स्वर्ण पदक हासिल कर लिया।

वहीं, उनके बगल के कोर्ट पर उनके हमवतन मनोज सरकार (Manoj Sarkar) ने जापान की उम्मीद दाईसुके फुजीहारा (Daisuke Fujihara) को 22-20, 21-13 से हराकर कांस्य पदक जीता।

31 वर्षीय भारतीय शटलर ने अपने शानदार करियर में पैरालंपिक पदक जोड़ने के लिए मैच के शुरुआती गेम में काफी संघर्ष किया।

इस जीत के साथ भारतीय दल के पदकों की संख्या 17 हो गई। जिसमें चार स्वर्ण, सात रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं। इसके साथ इस शानदार प्रदर्शन की मदद से भारत पदक तालिका में 25 वें स्थान पर पहुंच गया। यह जर्मनी के हीडलबर्ग में 1972 के पैरा ओलंपिक खेलों में किए गए भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी है।