ग्राहम रीड (Graham Reid) ने जब से भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के तौर पर पदभार संभाला है, तब से उनका प्राथमिक उद्देश्य टीम की मानसिकता को बेहतर करना रहा है।
चाहे TCUP (थिंकिंग क्लियरली अंडर प्रेशर) दृष्टिकोण पर ज़ोर देना हो या फिर विजयी मानसिकता को स्थापित करना, ऑस्ट्रेलियाई कोच ने टीम के हॉकी के बारे में सोचने वाले नज़रिए को बदलने की उत्सुकता दिखाई है।
और अगले साल टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही इस टीम के लिए उनका मानना है कि यही उनकी सफलता की कुंजी होगी।
ग्राहम रीड ने एक इंटरव्यू में हॉकी इंडिया को बताया, "इस खेल जगत में ओलंपिक गेम्स सबसे कठिन प्रतियोगिता है और इसलिए एक खिलाड़ी की मानसिकता को इसकी बराबरी करनी होती है।"
“एक खिलाड़ी के तौर पर सबसे बड़ी चुनौती अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किए रहना होता है। पहले गेम में बहुत सी भावनाएं उभर कर सामने आती हैं। जो खिलाड़ी उन भावनाओं को नियंत्रित कर लेंगे और गेम प्लान पर अडिग रहेंगे, वो ही आगे रहेंगे।”
भारतीय हॉकी टीम कुछ हफ्तों पहले मिले ब्रेक से पहले बेंगलुरु में राष्ट्रीय शिविर में ही थी। लेकिन शहर में COVID-19 मामलों की बढ़ोतरी के साथ शिविर के फिर से शुरू होने पर कई सवाल उठे हुए हैं।
ग्राहम रीड ने कहा, "इन 12 महीनों के दौरान हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चितता होगी।"
ऑस्ट्रेलियाई कोच ने ज़ोर देते हुए कहा, “बहुत सी चीजें ऐसी होने वाली हैं जिनको हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। हमें केवल उन चीजों की चिंता करनी चाहिए, जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं।
रीड आने वाले महीनों में टीम के साथ मिलने वाले हर सत्र का अधिक से अधिक लाभ उठाने के इच्छुक हैं, क्योंकि वे टोक्यो 2020 में सबसे बड़ी परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहते हैं।
रीड ने ज़ोर देकर कहा, "हम कितनी कड़ी मेहनत करते हैं बस उसपर नियंत्रण कर सकते हैं, इसके अलावा हम कितनी अच्छी तरह से ट्रेनिंग कर रहे हैं और हमारा फिटनेस स्तर क्या है। आने वाले समय में मानसिक तौर पर मज़बूती निश्चित तौर पर एक बड़ा कारक होगी और भारतीय खिलाड़ियों में कठिन परिस्थितियों से निपटने की जन्म जात क्षमता है।”
"यह मेरी इच्छा है कि खिलाड़ी मानसिक ताक़त के बारे में अपनी समझ को विकसित करें और आवश्यकता पड़ने पर उसका इस्तेमाल करने के साथ ही उसपर भरोसा कर सकें।"
एक समय पर एक ही कदम बढ़ाने की जरूरत
भारतीय हॉकी महिला टीम के लिए भी चीजें अलग नहीं हैं। उनके मुख्य कोच ज़ोर्ड मारिजने (Sjoerd Marijne) नीदरलैंड वापस लौट गए हैं, वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो एक समय में एक ही कदम उठाने के इच्छुक हैं।
मारिजने ने कहा, “हम चुनौतीपूर्ण समय से गुज़र रहे हैं, जिसमें हमें एक-एक कदम आगे बढ़ने की जरूरत होती है। फिलहाल हम राष्ट्रीय शिविर में लौटने और फिर से प्रशिक्षण को शुरू करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी बात को ख़त्म करते हुए कहा, “एक बार हमें पता चल जाए कि हम कब ओलंपिक खेलों की तैयारी शुरू कर सकते हैं तो हम आगे की योजनाओं को बनाने में सक्षम होंगे। मसलन, प्रतियोगिताओं की तैयारी कैसे की जाए।