महान शीतकालीन ओलंपिक प्रतिद्वंदी: स्विट्ज़रलैंड बनाम जर्मनी - पुरुष बॉबस्ले
ओलंपिक शीतकालीन खेलों के इतिहास में बॉबस्ले प्रतियोगिता कि बात करें तो 1980 और 1990 के दशकों में स्विट्ज़रलैंड अथवा जर्मनी के बीच खेले गए मुकाबले बहुत करीबी होते थे। पूर्वी जर्मनी के खिलाड़ियों ने 1980 के दशक में दबदबा बनाये रखा जबकि 1990 के बाद स्विट्ज़रलैंड के खिलाड़ियों ने दो बार ओलंपिक स्वर्ण जीता। इस अनोखी और अद्भुत भिड़ंत के बारे में olympics.com आपको बताएगा।
बॉबस्ले खेल के इतिहास में स्विट्ज़रलैंड और जर्मनी के बीच 1990 और 1980 के दशकों में देखे गए मुकाबले बहुत ही करीबी, जुनूनी और उच्च स्तर के होते थे। इन दोनों दशकों में आयोजित हुई प्रतियोगिताओं (पुरुष वर्ग) में जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड के खिलाड़ियों ने स्वर्ण के लिए एक दुसरे का सामना किया और ओलंपिक पोडियम पर अपना स्थान पक्का किया।
टू मैन और फोर मैन प्रतियोगिताओं में स्विट्ज़रलैंड के खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य अपने नाम किये। वहीं दूसरी ओर जर्मनी की टीम ने पांच स्वर्ण, सात रजत और छह कांस्य पदक जीते।
स्विट्ज़रलैंड से शुरुआत बॉबस्ले का इतिहास 19वीं सदी के स्विट्ज़रलैंड में शुरू हुआ जब स्थानीय लोगों ने बर्फ से जमे हुए रास्तों पर उतरना शुरू किया। साल 1880 के आस-पास खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए उन्हें उपकरण दिए गए और पहले बॉबस्ले क्लब की स्थापना1897 में सेंट मोरिट्ज़ में हुई।
साल 1960 के खेलों को छोड़ कर बॉबस्ले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का एक अटूट हिस्सा रही है लेकिन महिलाओं की प्रतियोगिता को पहली बार 2002 साल्ट लेक सिटी खेलों में जोड़ा गया।
इस खेल की शुरुआत स्विट्ज़रलैंड में हुई और इसी कारण से देश के खिलाड़ियों का ओलंपिक खेलों में सफल होना स्वाभाविक था। वहीं दूसरी ओर जर्मनी में भी कुछ क्षेत्रों ने इस खेल की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
80 के दशक में पूर्वी जर्मनी का दबदबा
साल 1976 के खेलों में संघीय जर्मनी गणराज्य (पश्चिम जर्मनी) के खिलाड़ियों ने कुछ पदक जीते लेकिन 1980 लेक प्लासिड खेलों में स्विट्ज़रलैंड और पूर्वी जर्मनी के खिलाड़ियों ने अपना वर्चस्व स्थापित किया। टू मैन प्रतियोगिता में स्विट्ज़रलैंड की जोड़ी Erich Schärer और Joef Benz ने स्वर्ण जीता जबकि रजत (Bernhard Germeshausen और Hans-Jurgen Gerhardt) और कांस्य (Meinhard Nehmer और Bogdan Musiol) पूर्वी जर्मनी के खिलाड़ियों के नाम रहा।
पूर्वी जर्मनी के लिए टू मैन प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों ने फोर मैन वर्ग में भाग लिया और स्वर्ण जीता। इस बार रजत पदक स्विट्ज़रलैंड के नाम रहा और टू मैन प्रतियोगिता विजेताओं के साथ Ulrich Bächli और Rudolf Marti ने भाग लिया। कांस्य पदक पूर्वी जर्मनी की टीम (Horst Schonau, Roland Wetzig, Detlef Richter और Andreas Kirchner) के नाम रहा।
चार वर्ष बाद सारायेवो खेलों में पूर्वी जर्मनी के खिलाड़ियों ने टू मैन और फोर मैन प्रतियोगिताओं में स्वर्ण अथवा रजत पदक जीते और सारे मुकाबले बेहद करीबी रहे। इन खेलों में विश्व इतिहास के सबसे महान'बॉबस्ले खिलाड़ियों में से एक Wolfgang Hoppe को विश्व ने पहली बार देखा और उन्होंने दो स्वर्ण जीत कर अपने कौशल और प्रतिभा का परिचय दिया।
साल 1988 के कैलगरी खेलों को पुर्तगाल, मेक्सिको और जमैका की टीमों के भाग लेने के कारण याद रखा जायेगा। वह इतिहास के अंतिम खेल थे जिसमे जर्मनी ने दो विभाजित देशों के रूप में भाग लिया। पिछले ओलंपिक खेलों में निराशा हाथ लगने के बाद स्विट्ज़रलैंड ने फोर मैन प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता और पूर्वी जर्मनी ने दो रजत और एक कांस्य जीते।
90 का दशक: स्विट्ज़रलैंड ने मारी बाज़ी
साल 1992 के अल्बर्टविल्ल खेलों में स्विट्ज़रलैंड की टीम (Gustav Weder, Donat Acklin, Lorenz Schindelholz और Curdin Morell) ने फ़ोर मैन प्रतियोगिता में कांस्य जीता और जर्मनी की टीम (Hoppe, Bogdan Musiol, Axel Kühn और René Hannemann) ने रजत पदक जीता। स्वर्ण पदक ऑस्ट्रिया की टीम ने अपने नाम किया।
टू मैन प्रतियोगिता में स्वर्ण के लिए मुकाबला बहुत करीबी था और पहले पांच स्थानों में आधे सेकंड से भी कम समय का अंतर था। जर्मनी के Rudi Lochner और Markus Zimmermann ने रजत पदक जीता और स्वर्ण स्विट्ज़रलैंड की जोड़ी Gustav Weder और Donat Acklin ने अपने नाम किया।
दो वर्षों बाद 1994 लिल्लेहैमर खेलों में Weder और Acklin ने दोबारा स्वर्ण जीता और उन्होंने मुकाबले में अपने ही देश की जोड़ी Reto Götschi और Guido Acklin को हराया।
फोर मैन प्रतियोगिता में स्विट्ज़रलैंड की टीम (Weder, Donat Acklin, Domenico Semeraro और Kurt Meier) को दूसरा स्थान मिला और उन्हें हरा कर स्वर्ण जर्मनी के Harald Czudaj, Karsten Brannasch, Olaf Hampel और Alexander Szelig ने जीता। तीसरा स्थान भी जर्मनी की टीम को मिला और उसमे Wolfgang Hoppe ने अपना छठा ओलंपिक पदक जीता।
नागानो 1998 के खेलों में जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड ने फिर पदक जीते लेकिन इस बार उन्हें कई अन्य उभरती टीमों ने कड़ी चुनौती दी। टू मैन प्रतियोगिता में Christoph Langen और Markus Zimmermann ने कांस्य जीता लेकिन फोर मैन वर्ग में उन्होंने शानदार स्वर्ण जीता जबकि रजत स्विट्ज़रलैंड के नाम रजत रहा।
साल 2002 के खेलों में महिला प्रतियोगिता को भी जोड़ा गया और कनाडा, इटली अथवा यूएसए जैसे देशों ने शानदार प्रदर्शन दिखाना शुरू किया।
ओलंपिक प्रतियोगिता और इस खेल में जर्मनी अथवा स्विट्ज़रलैंड की टीमें पहले जैसा दबदबा तो नहीं बना पायीं लेकिन जर्मनी अभी एक प्रबल और मज़बूत दावेदार है। जर्मनी ने ट्यूरिन 2006 और प्योंगचांग 2018 के खेलों में स्वर्ण जीते लेकिन सोची 2014 खेलों में वह पदक से चूक गए। उस प्रतियोगिता में स्विट्ज़रलैंड की जोड़ी Beat Hefti और Alex Baumann ने स्वर्ण जीता।
बीजिंग 2022 खेलों में बॉबस्ले प्रतियोगिता
अगर आप बीजिंग 2022 खेलों के प्रबल दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम जर्मनी है और यह कोई हैरानी की बात नहीं है। प्योंगचांग खेलों में उन्होंने तीनों प्रतियोगिताओं में स्वर्ण जीते और 2021 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने नौ पदक जीते।
दो बार ओलंपिक स्वर्ण जीत चुके Francesco Friedrich एक बार फिर बीजिंग 2022 में अपने जलवा दिखने के लिए तैयार हैं और उनके ही देश के Johannes Lochner पदक के लिए प्रबल दावेदार हैं। महिला प्रतियोगिता में जर्मनी का मोर्चा संभाल रही हैं वर्तमान ओलंपिक चैंपियन Mariama Jamanka जो दो बार विश्व चैंपियनशिप विजेता भी रह चुकी हैं।
Mariama JAMANKA
बीजिंग 2022 ओलंपिक शीतकालीन खेलों में विश्व को पहली बार मोनोबॉब प्रतियोगिता देखने को मिलेगी। अगले साल के शीतकालीन ओलंपिक खेलों में बॉबस्ले प्रतियोगिता का आयोजन 13 फरवरी से 20 फरवरी तक होगा।