हॉकी स्टिक, हॉकी खेल का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। इस उपकरण के बिना हॉकी खेलना असंभव है। हॉकी स्टिक मैदान पर मौजूद सभी खिलाड़ियों के पास होती है, जिसमें गोलकीपर भी शामिल होता है।
हॉकी स्टिक के माध्यम से मैदान पर एक टीम के खिलाड़ी प्रतिद्वंदी टीम के खिलाड़ियों को चकमा देते हुए गेंद को आगे बढ़ाते हैं और उनके कोर्ट में गोल करने का प्रयास करते हैं।
आसान शब्दों में, हॉकी स्टिक लकड़ी से बना एक लंबा शाफ्ट या विभिन्न सामग्रियों के मिश्र धातु के साथ मिलकर बना होता है जिसका निचला हिस्सा घुमावदार होता है जो 'J' अक्षर जैसा दिखता है।
हॉकी स्टिक से संबंधित नियमों में कई बार बदलाव किए गए हैं, लेकिन मूल डिजाइन 1800 के दशक में इस्तेमाल किए गए स्टिक के समान ही है।
आपके दिमाग में हॉकी स्टिक को लेकर कई सवाल होंगे, मसलन हॉकी के खेल में प्रयोग की जाने वाली हॉकी स्टिक क्या है, हॉकी स्टिक कैसी होती है, इसकी लंबाई और ये कितने प्रकार की होती है। इसके अलावा हॉकी स्टिक को लेकर और अन्य सवालों के जवाब हम आपके लिए लेकर आए हैं।
हॉकी स्टिक के हिस्से
हॉकी स्टिक को तीन भागों में बांटा जाता है- हेड, स्प्लिस और हैंडल।
हैंडल या ग्रिप, खिलाड़ियों द्वारा पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली छड़ी का लंबा सीधा हिस्सा है और इसकी बेहतर पकड़ के लिए इसपर टेप बांधा जाता है।
छड़ी के मध्य भाग, हैंडल के अंत से हेड की शुरुआत तक, को स्प्लिस कहा जाता है। यह छड़ी का सबसे मोटा हिस्सा होता है।
वहीं, हेड गेंद को हिट करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हिस्सा है। यह एक हुक के आकार का होता है और अंत में एक वक्र के साथ, हिटिंग साइड पर सपाट होता है। ख़ासतौर से वक्रता की जगह पर छड़ी घुमावदार होती है।
हॉकी स्टिक की वक्रता 25 मिमी से अधिक नहीं होनी चाहिए। आसान शब्दों में, जब छड़ी को सपाट सतह पर नीचे की ओर रखा जाता है, तो सतह और छड़ी के बीच की अधिकतम दूरी 25 मिमी से कम होनी चाहिए।
बढ़ा हुआ वर्क ज्यादा ताकत और गति की ओर ले जाता है, विशेष रूप से ड्रैग फ्लिक्स में, जिससे अक्सर चोटें लगती हैं।
नियम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि स्टिक के न खेलने वाले हिस्से को लगातार चिकनी प्रोफाइल के साथ लपेटा जाए।
हॉकी स्टिक क्या है?
हॉकी स्टिक, हॉकी में इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण है जो एक लंबी छड़ी के जैसी होती है। हॉकी स्टिक लकड़ी की बनी होती है। इसका निचला हिस्सा घुमावदार या वक्र होता है, जो बाईं ओर सपाट होता है।
हॉकी स्टिक के माध्यम से गेंद को नियंत्रित करने के लिए फ़ील्ड हॉकी या आइस हॉकी में इस्तेमाल किया जाता है। जब से फ़ील्ड हॉकी खेली जा रही है, तब से हॉकी स्टिक ने हमेशा एक पारंपरिक आकार बनाए रखा है। हालांकि, इस स्टिक ने वक़्त और तकनीक के साथ ही नई सामग्रियों के आविष्कार होने के कारण बदलाव भी देखा है।
हॉकी स्टिक की लंबाई और वजन
हॉकी स्टिक की लंबाई 105 सेमी तक होती है और इसका वजन 737 ग्राम से अधिक नहीं होता है। मैच के दौरान खिलाड़ियों को गेंद छूने या हिट करने के लिए सिर्फ़ स्टिक के सपाट हिस्से को इस्तेमाल करने की अनुमति होती है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो फाउल (बैकस्टिक) हो जाता है और गेंद विपक्षी टीम को दे दी जाती है।
हॉकी स्टिक की लंबाई खिलाड़ी की व्यक्तिगत ऊंचाई पर आधारित होती है: स्टिक का शीर्ष आमतौर पर खिलाड़ी के कूल्हे तक आता है।
गोलकीपर की हॉकी स्टिक का डिजाइन अलग होता है। हालांकि, वे एक साधारण फील्ड हॉकी स्टिक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गोल-कीपिंग के लिए ख़ास बनाई गई स्टिक के अंत में एक और वक्र होता है, जो गेंद को ब्लॉक करने के लिए इसे अधिक क्षेत्रफल देता है।
हॉकी स्टिक किस चीज़ से बनाई जाती है?
मूल रूप से हॉकी स्टिक को शहतूत (मलबरी) की लकड़ी से बनाया जाता था। लेकिन, वक़्त के गुज़रने के साथ जैसे-जैसे नई सामग्रियों और तकनीकों की जानकारी सामने आई, हॉकी स्टिक में कई बदलाव देखने को मिले। इसी तरह, जब से रेत और पानी आधारित कृत्रिम मैदान पर हॉकी खेलने की परंपरा की शुरुआत हुई तब से हॉकी स्टिक के निर्माण में कई बदलाव हुए।
90 के दशक में एल्यूमीनियम की शाफ्ट से बनी स्टिक को खेल में लाया गया। इस स्टिक के इस्तेमाल से एक ओर जहां खिलाड़ियों के द्वारा गेंद को मारने की क्षमता में वृद्धि हुई तो वहीं दूसरी तरफ़ इससे चोट लगने की आशंका भी बढ़ गई। कई बार इन स्टिक्स के टूट जाने के बाद मैदान पर खिलाड़ियों को चोटें आईं। इस वजह से FIH ने धातु के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
इसके बाद हॉकी स्टिक बनाने वाले ब्रांड ने फाइबरग्लास, कार्बन फाइबर और केवलर जैसी सामग्रियों की ओर रुख़ किया।
हॉकी स्टिक का आविष्कार कहां हुआ था?
जब हॉकी की शुरुआत हुई, तब हॉकी स्टिक हाथ से बनाई जाती थी। 1800 के दशक में कनाडाई मीकमाह ने नोवा स्कोटिया में हॉर्नबीम के पेड़ की लकड़ी से एक हॉकी स्टिक को आकार दिया था।
माना जाता है कि यह पहली कॉमर्शियल हॉकी स्टिक थी। मीकमाह के द्वारा बनाई गई "मिक-मैक स्टिक" करीब एक सदी तक लोकप्रिय स्टिक बनी और जैसे-जैसे उत्तरी अमेरिका में आइस हॉकी का विकास हुआ, मेपल की लकड़ी हॉकी स्टिक बनाने के लिए सबसे पसंदीदा लकड़ी बन गई।
पहले 130 वर्षों तक, हॉकी स्टिक का निचला हिस्सा (जिसे हॉकी स्टिक का सिर कहा जाता है) सपाट रहा। लेकिन, 1960 के दशक के दौरान इसे घुमावदार बना दिया गया।
हॉकी स्टिक के प्रकार
हॉकी स्टिक मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। हॉकी स्टिक का पहला प्रकार - लकड़ी की हॉकी। हॉकी खेलने के लिए लकड़ी की हॉकी स्टिक सबसे पारंपरिक और क्लासिक उपकरण है। लकड़ी की हॉकी सबसे कम खर्चीली होती है।
हॉकी स्टिक का दूसरा प्रकार- कंपोजिट हॉकी स्टिक। कंपोजिट हॉकी स्टिक बाजार में सबसे लोकप्रिय और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत स्टिक है। हाल के वर्षों में, यह बहुत अधिक किफ़ायती और इंडोर हॉकी के लिए पसंदीदा विकल्प बन गई है। कंपोजिट हॉकी स्टिक में ज़्यादा से ज़्यादा कार्बन और फाइबरग्लास सामग्री का उपयोग किया जाता है। इसी कारण ये हॉकी स्टिक वजन में काफी हल्की होती है जिससे खिलाड़ियों को खेलने में आसानी होती है।
हॉकी स्टिक से जुड़े रोचक तथ्य
- हॉकी स्टिक बनाने के लिए कार्बन फाइबर का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है।
- हॉकी के शुरुआती दिनों में स्टिक का निचला हिस्सा, जिससे गेंद को नियंत्रित किया जाता है यह घुमावदार नहीं हुआ करता था।
- हॉकी स्टिक की लंबाई 105 सेमी तक होती है और इसका वजन 737 ग्राम से अधिक नहीं हो सकता है।
- पहली कॉमर्शियल हॉकी स्टिक 1800 के दशक में कनाडाई मीकमाह के द्वारा बनाई गई थी।