बास्केटबॉल क्या है?
बास्केटबॉल आयताकार कोर्ट पर खेला जाने वाला एक टीम स्पोर्ट है। इस खेल में दोनों टीमों में पांच खिलाड़ी शामिल होते हैं जो विरोधी टीम के हूप और नेट में गेंद को पहुंचाकर स्कोर करने का प्रयास करते हैं। इसी हूप और नेट को बास्केट के नाम से भी जाना जाता है।
बास्केटबॉल का आविष्कार कब, किसने और कहां किया था?
बास्केटबॉल का आविष्कार दिसंबर 1891 में कनाडा के जेम्स डब्ल्यू नाइस्मिथ द्वारा किया गया था, जो मैसाचुसेट्स के वाईएमसीए (YMCA) ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षक थे।
नाइस्मिथ ने अपने छात्रों को न्यू इंग्लैंड की ठंडी सर्दियों के दौरान फ़िट और गर्म रखने के लिए एक उपयुक्त इनडोर गेम की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने 13 नियम बनाए थे, जिनमें से अधिकांश नियम आज भी इस खेल में लागू होते हैं।
साल 1893 में, महिलाओं का पहला बास्केटबॉल मैच यूएसए में स्थित मैसाचुसेट्स के नॉर्थम्प्टन के स्मिथ कॉलेज में खेला गया था।
मूल रूप से, बास्केटबॉल आड़ू के फल को रखने वाली टोकरियों के साथ खेला जाता था। गेंद को हर स्कोर के बाद ख़ुद से वापस लाना पड़ता था। बाद में, टोकरी के नीचे एक छेद बनाया गया जिसकी मदद से गेंदों को एक लंबे रॉड (छड़) के सहारे बाहर निकाला जा सके। साल 1906 में, मेटल (धातु) से बने हूप ने पीच बास्केट (आड़ू की टोकरी) की जगह ली जिसमें एक बैकबोर्ड भी लगाया गया।
मूल खेल की एक और ख़ासियत यह थी कि इसमें सॉकर बॉल (फ़ुटबॉल में इस्तेमाल होने वाली गेंद) का इस्तेमाल किया जाता था जिसकी जगह बाद में एक भूरे रंग की गेंद ने ले ली जो इस खेल के लिए विशेष रूप से बनाई गई थी। 1950 के दशक के अंत में टोनी हिंकल ने, ऑरेंज कलर (नारंगी रंग) की एक गेंद इजाद की जो एक ऐसे विकल्प की खोज थी जिसने खिलाड़ियों और दर्शकों को और अधिक आकर्षित किया। यह खोज आगे चलकर इस खेल की एक ख़ास विशेषता बन गई।
बास्केटबॉल के नियम क्या हैं?
बास्केटबॉल एक इनडोर कोर्ट पर पांच खिलाड़ियों से बनी दो टीमों के बीच खेला जाता है।
मैच को जीतने के लिए एक टीम को दूसरी टीम की तुलना में अधिक फ़ील्ड गोल करने होते हैं, जो तब होता है जब एक खिलाड़ी विरोधी टीम की बास्केट में गेंद को पहुंचा देता है। गेंद पर पज़ेशन (नियंत्रण) हासिल करने के बाद एक निश्चित समय (24 सेकंड) के भीतर टीमों को गेंद को विरोधी टीम तक पहुंचाना होता है। यदि समय समाप्त हो जाता है, तो जिस टीम के पास गेंद की पज़ेशन है उसे गेंद छोड़ना होती है और डिफ़ेंस टीम के रूप में खेलना होता है।
खिलाड़ी गेंद को अपने हाथों से नियंत्रित करते हैं लेकिन गेंद को सिर्फ़ पास करके या ड्रिब्लिंग (फ़र्श पर गेंद को उछालकर) के माध्यम से फ़ील्ड पर आगे ले जा सकते हैं। यदि कोई खिलाड़ी ड्रिब्लिंग करना बंद कर देता है, तो वह ड्रिब्लिंग फिर से शुरू नहीं कर सकता है। ड्रिब्लिंग बंद करने के बाद उन्हें गेंद को पास करना होगा या उसे शूट (विरोधी टीम के हूप तक पहुंचाने का प्रयास) करना होगा। अगर कोई खिलाड़ी 'ट्रैवलिंग' उल्लंघन और बॉल को बिना ड्रिबल किए हाथ में लेकर दौड़ता है तो इसके परिणामस्वरूप एक टर्नओवर जारी किया जाता है। मैच के दौरान बॉल और बॉल हैंडलर को कोर्ट के अंदर ही रहना चाहिए। यदि गेंद किसी खिलाड़ी के पज़ेशन में है और वह अपने पैर से सीमा रेखा से बाहर निकल जाता है, तो एक टर्नओवर जारी किया जाएगा।
गोल कहां से शूट की गई है, इसके आधार पर फ़ील्ड गोल के लिए अलग-अलग अंक दिए जाते हैं। आर्क के अंदर से दागे गए गोल जो आयताकार कोर्ट पर तीन-बिंदु वाले रेखा को दर्शाते हैं, के लिए दो अंक दिए जाते हैं। आर्क के बाहर से दागे गए गोल के लिए टीम को तीन अंक मिलते हैं।
फ़्री थ्रो के ज़रिए एक अंक हासिल किया जा सकता है, जो एक प्वाइंट शॉट के बराबर होता है। विरोधी टीम के फ़ाउल करने पर टीम को फ़्री थ्रो दिया जाता है।
जब एक अटैकिंग प्लेयर शूट करने का प्रयास कर रहा है और एक डिफ़ेंडर गेंद को अपने नियंत्रण में लेने के इरादे के बिना नियम के विपरीत गेंद से शारीरिक संपर्क में आता है या उसकी वजह से कोई रुकावट होती है तो उसे फ़ाउल माना जाता है।
गेंद को ब्लॉक करके या स्टीलिंग (विरोधी टीम को चकमा देकर बॉल की पज़ेशन लेना) के माध्यम से डिफ़ेंडर गेंद पर अपना नियंत्रण हासिल कर सकता है। हालांकि, वे उस दौरान कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं जब विरोधी टीम के खिलाड़ी ने एक शॉट लगाया हो और गेंद बास्केट की तरफ़ जा रही हो। डिफ़ेंडरों को इस बारे में जागरूक होने की ज़रूरत होती है कि वे 'पेंट' के अंदर तीन सेकंड से अधिक समय तक नहीं रह सकते हैं, जो बास्केट के ठीक सामने का क्षेत्र है। अटैकिंग प्लेयर पर भी यही नियम लागू होता है। अगर किसी ने पेंट में तीन सेकंड बिताए हैं, तो उन्हें वापस लौटने से पहले उस जगह से बाहर होना होता है।
बास्केटबॉल का मैच कितने देर का होता है?
एक अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल मैच आमतौर पर 10 मिनट के चार क्वार्टर में बंटा हुआ होता है, जिसका मतलब है कि एक मुक़ाबला 40 मिनट का होगा। यह नियम एनबीए (NBA) से अलग होता है जहां हर क्वार्टर 12 मिनट का होता है। एनबीए और अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में एक और अंतर टाइम आउट की संख्या और समय के आधार पर होता है। मैच के लिए, सभी टाइमआउट एक मिनट लंबे होते हैं और प्रत्येक टीम को पहले हाफ़ में दो टाइम आउट मिलते हैं और फिर दूसरे हाफ़ में तीन टाइम आउट दिए जाते हैं जबकि ओवरटाइम में सिर्फ़ एक ही टाइम आउट मिलता है।
अगर चारों क्वार्टर के ख़त्म होने के बाद भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहता है, तो पांच मिनट का ओवरटाइम दिया जाता है। टीमें तब तक ओवरटाइम खेलती रहती हैं जब तक किसी एक टीम को जीत नहीं मिल जाती है।
ओलंपिक और बास्केटबॉल
बास्केटबॉल, पहली बार 1904 के सेंट लुइस ओलंपिक में एक प्रदर्शनी खेल के रूप में खेला गया था। पुरुषों की प्रतियोगिता को औपचारिक रूप से 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेल में शामिल किया गया था।
बाद में, महिला बास्केटबॉल को मॉन्ट्रियल 1976 के खेलों में ओलंपिक प्रोग्राम का हिस्सा बनाया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल पर अपना दबदबा बनाए रखा है। इसका स्पष्ट प्रमाण यह है कि साल 1972 से पहले तक के सभी ओलंपिक खेलों में यूनाइटेड स्टेट्स ने पुरुषों के सभी ख़िताब पर कब्ज़ा किया था। इसी साल म्यूनिख खेलों में अमेरिका को सोवियत संघ से हार का सामना करना पड़ा था।
महिलाओं की स्पर्धा में, सोवियत संघ ने 1976, 1980 और 1992 में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद अमेरिकी टीम ने अपना वर्चस्व बनाया और 1992 के ओलंपिक खेलों को छोड़कर 1984 से 2020 तक सभी ख़िताब अपने नाम किए।
साल 1992 में बार्सिलोना ओलंपिक खेलों में, नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) के पेशेवर खिलाड़ियों को पहली बार अपनी राष्ट्रीय टीमों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका में, 1992 की टीम को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में "ड्रीम टीम" के रूप में पहचान मिली और इसे व्यापक रूप से अब तक की सबसे अच्छी बास्केटबॉल टीम बताया गया। प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 1992 के ओलंपिक टूर्नामेंट में यह टीम पूरी तरह से हावी रही।
तब से, पेशेवर खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी जाती रही है।
साल 2021 में आयोजित टोक्यो 2020 के बाद से, एक अन्य बास्केटबॉल प्रतियोगिता, 3x3 को भी ओलंपिक का हिस्सा बनाया गया जहां एथलीट पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। 3x3 से संबंधित अधिक जानकारी यहां प्राप्त करें।
सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल खिलाड़ियों के बारे में जानें
पुरुषों के बास्केटबॉल में अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों में कई दिग्गजों ने ओलंपिक के मंच पर भी अपना लोहा मनवाया है जिनमें एनबीए सुपरस्टार माइकल जॉर्डन, मैजिक जॉनसन, लेब्रोन जेम्स और लैरी बर्ड के नाम शामिल हैं।
मौजूदा समय में ओलंपिक बास्केटबॉल के दिग्गजों में टीम यूएसए के केविन डुरंट, स्लोवेनिया के लुका डोंसिक और फ़्रांस के खिलाड़ी रूडी गोबर्ट शुमार हैं।
महिलाओं की स्पर्धा में, सू बर्ड और डायना टॉरासी ने 5-5 स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक में अपना दबदबा बनाए रखा है। उनका नाम ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले शीर्ष अमेरिकी खिलाड़ियों में लिया जाता है।
दुनिया के अन्य हिस्सों से आने वाले बास्केटबॉल खिलाड़ी जिन्हें देखना दिलचस्प होगा, उनमें ऑस्ट्रेलिया की स्टीफ टैलबोट, फ़्रांस की गैबी विलियम्स और चीन की जू हान शामिल हैं।