बॉलीवुड और तमिल सिनेमा के सुपरस्टार आर माधवन के बेटे वेदांत माधवन अन्य स्टार किड्स से बिल्कुल अलग हैं।
वेदांत माधवन ने अपनी किशोरावस्था में ही अपनी एक अलग पहचान बना ली है, जिसका उनके पिता और सिनेमा की दुनिया से कोई संबंध नहीं है।
पिछले कुछ वर्षों में, वेदांत तैराकी के खेल में भारत की सबसे उज्ज्वल संभावनाओं में से एक के रूप में उभरकर सामने आए हैं। वह पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को कई सम्मान दिला चुके हैं।
वेदांत ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, "मुझे सही मायनों में आर माधवन का बेटा बनकर चर्चा में रहना पसंद नहीं है। मैं अपना खुद का नाम बनाना चाहता हूं, जो मैं हूं उसके लिए मेरे प्रतियोगी मेरा पूरा सम्मान करते हैं।"
वेदांत के पिता आर माधवन, 2000 के दशक की शुरुआत में अलैपायुथे और रहना है तेरे दिल में जैसे क्लासिक्स के साथ भारतीय सिनेमा पर एक अलग छाप छोड़ी है। अपने पिता की तरह ही अब वेदांत भारत के लिए स्विमिंग पूल में धूम मचा रहे हैं। आर माधवन को अपने होनहार बेटे पर गर्व है, जो अभी तक कई पुरस्कार जीत चुके हैं।
आर माधवन, जिन्हें अक्सर मैडी कहा जाता है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “वेदांत पूरी दुनिया में स्विमिंग चैंपियनशिप जीत रहा है और हमें बहुत गौरवान्वित कर रहा है। उनके द्वारा चुना हुआ प्रोफेशन मेरे लिए मेरे अपने करियर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।"
वेदांत माधवन का स्विमिंग करियर
वेदांत माधवन का जन्म 21 अगस्त, 2005 को मुंबई में आर माधवन और उनकी पत्नी सरिता बिरजे के घर में हुआ था, जो ऑस्ट्रिया में एक फैशन डिजाइनर हैं।
भारत में, स्टार किड्स अक्सर अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हैं। नामी फिल्म निर्माताओं या अभिनेताओं के बच्चों को सिनेमा की दुनिया में जल्दी आते हुए देखना बहुत आम बात है।
हालांकि, वेदांत को स्कूल से ही स्विमिंग का एक अलग जुनून था। उन्होंने दुबई के यूनिवर्सल अमेरिकन स्कूल के लिए स्विमिंग इवेंट में हिस्सा लिया और अपने खेल की प्रतिभा को पहचानते हुए इसे अपने प्रोफेशन के तौर पर चुना।
वह पेशेवर रूप से खेल सीखने के लिए पहली बार मुंबई के गोरेगांव स्पोर्ट्स क्लब में शामिल हुए। वेदांत इसके बाद ग्लेनमार्क एक्वाटिक फाउंडेशन, एक सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) प्रोग्राम में चले गए, जिसका उद्देश्य 2017 में भारतीय प्रतिस्पर्धी तैराकों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है।
वेदांत राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इवेंट में लगातार हिस्सा लेते रहे हैं और गुवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 में 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य सहित कई पदक जीत चुके हैं।
वेदांत माधवन को पहली बार थाईलैंड एज ग्रुप चैंपियनशिप 2018 में अंतरराष्ट्रीय सफलता मिली। जहां उन्होंने 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता।
साल 2019 में, वेदांत ने टीम के साथी उत्कर्ष पाटिल, साहिल लस्कर और शोन गांगुली के साथ एशियन एज ग्रुप स्विमिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और ग्रुप II बॉयज 4×100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में रजत पदक जीता।
वेदांत माधवन के लिए साल 2021 का सफर काफ़ी सफल रहा। जहां इस युवा खिलाड़ी ने साल की शुरुआत लातविया ओपन इंटरनेशनल मीट में 1500 मीटर फ्रीस्टाइल कांस्य के साथ की। इसके बाद अक्टूबर में आयोजित जूनियर नेशनल एक्वाटिक चैंपियनशिप में सात पदक अपने नाम किए।
जूनियर नेशनल में वेदांत ने 800 मीटर फ्रीस्टाइल, 1500 फ्रीस्टाइल, 4×100 फ्रीस्टाइल रिले और 4×200 फ्रीस्टाइल रिले में सिल्वर और 100 मीटर फ्रीस्टाइल, 200 मीटर फ्रीस्टाइल और 400 मीटर फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक हासिल किया।
एक हफ्ते बाद, वेदांत ने सीनियर नेशनल में भी पदक जीता। वह मेंस 1500 मीटर और 800 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट में तीसरे स्थान पर रहे। वह 4x200 मीटर रिले में भी चौथे स्थान पर रहे और पोडियम पर जगह बनाने से सिर्फ 4 सेकेंड से चूक गए।
युवा खिलाड़ी सिर्फ यहीं तक नहीं रुका, उन्होंने साल 2022 में एक और अंतरराष्ट्रीय खिताब हासिल किया। इस बार उन्होंने डेनिश ओपन स्विमिंग मीट में 1500 मीटर में रजत पदक हासिल किया।
पेरू में आयोजित FINA विश्व जूनियर तैराकी चैंपियनशिप 2022 में, वेदांत ने पुरुषों की 100 मीटर फ्रीस्टाइल में 52.83 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय का रिकॉर्ड बनाया था।
साल 2023 में, वेदांत ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में महाराष्ट्र के लिए तीन स्वर्ण पदक (लड़कों की 100 मीटर, 200 मीटर और 1500 मीटर फ्रीस्टाइल) और दो रजत पदक (लड़कों की 400 मीटर और 800 मीटर फ्रीस्टाइल) अपने नाम किए।
हालांकि, वेदांत माधवन अभी अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं।
वेदांत ने पिछले साल टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पूरी तरह से स्विमिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और खेल उनके लिए एक शौक से बढ़कर है।
भारतीय ओलंपियन तैराक साजन प्रकाश, श्रीहरि नटराज और वीरधवल खाड़े को आदर्श मानने वाले वेदांत माधवन ने कहा, "मेरा लक्ष्य स्विमिंग में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतना है।"
इंटरव्यू के दौरान वेदांत ने यह भी खुलासा किया कि उनके खेल का फिल्म इंडस्ट्री से कोई लेना देना नहीं है। उनके पिता ने हमेशा स्विमिंग को लेकर उन्हें प्रेरित किया।
वेदांत ने आगे कहा, "मैं बहुत दृढ़ निश्चयी हूं और स्विमिंग को लेकर पूरी तरह से जुनूनी हूं। ठीक उसी तरह जैसे मेरे पिता एक्टिंग के प्रति जुनूनी हैं। मैं उनकी तरह सफल होने की उम्मीद कर रहा हूं।"
स्विमिंग के अलावा, वेदांत का जानवरों के प्रति काफी गहरा लगाव है। उन्होंने नौ साल की उम्र में जरूरतमंद जानवरों को बचाने के लिए प्रतिष्ठित PETA (पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) कंपासनेट किड अवार्ड जीता था।