एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप 2023: रोमांचक मुक़ाबले में ईरान को हराकर फ़ाइनल में पहुंची भारतीय टीम

प्रतियोगिता में यह भारत की लगातार चौथी जीत थी। भारतीय टीम शुक्रवार को हांगकांग के ख़िलाफ़ अपना अख़िरी लीग मैच खेलेगी और उसी दिन फ़ाइनल में भी चुनौती पेश करेगी।

2 मिनटद्वारा रौशन प्रकाश वर्मा
Kabaddi stock photo
(Getty Images)

रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया के बुसान में जारी एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप 2023 में गुरुवार को भारत ने ईरान के ख़िलाफ़ 33-28 की क़रीबी जीत के साथ फ़ाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है।

रोमांचक मुक़ाबले में भारतीय पुरुष कबड्डी टीम के कप्तान पवन सहरावत ने 33 अंकों में से 16 अंक अकेले बनाए। 

आपको बता दें कि इस मुक़ाबले से पहले भारत और ईरान की टीमें प्रतियोगिता में अपराजित थी और दोनों ही टीमों ने इस मैच में सधी हुई शुरुआत की।

असलम इनामदार ने सबसे पहले रेड के माध्यम से 2 अंक हासिल किए जिसके बाद उन्होंने एक बेहतरीन ऑल आउट कर विरोधी टीम को पस्त कर दिया। 

इसके बाद कप्तान पवन सहरावत ने भी 2 अंक बनाए जिसकी मदद से भारतीय टीम ने शुरुआती बढ़त हासिल कर ली। 

हाफ़ टाइम तक भारत ने 19-9 के अंतर के साथ मज़बूत बढ़त बना ली थी। हालांकि, ब्रेक के बाद एशियाई खेलों के मौजूदा चैंपियन ईरान ने शानदार वापसी की।

गुरुवार को खेले गए अपने पहले मैच कोरिया को 72-17 से हराने वाली ईरानी टीम को प्रतियोगिता में पहली बार भारत ने ऑल आउट किया। हालांकि, बाद में उन्होंने अच्छी वापसी की और मैच में एक मिनट का समय बाक़ी रहते हुए स्कोर के अंतर को घटाकर सिर्फ़ दो अंक तक पहुंचा दिया। 

लेकिन मैच का रोमांच अभी बाक़ी था और मैच के ख़त्म होने से 30 सेकेंड पहले भारत की ओर से किए गए सुपर टैकल और उसके बाद अर्जुन देशवाल की दो-प्वाइंट वाली रेड ने भारत को पांच अंकों के अंतर से जीत हासिल करने में अहम भूमिका निभाई। 

इससे पहले टूर्नामेंट में भारत ने जापान को 62-17 से, कोरिया को 76-13 से और चीनी ताइपे को 53-19 से हराया था। भारतीय कबड्डी टीम शुक्रवार को अपना अंतिम लीग मैच हांगकांग के ख़िलाफ़ खेलेगी। ग़ौरतलब है कि शुक्रवार को ही भारतीय टीम अपना फ़ाइनल मुक़ाबला भी खेलेगी। 

लीग स्टेज के बाद अंक तालिका की शीर्ष दो टीमें फ़ाइनल में भिड़ेंगी। भारत ने अब तक खेले गए आठ एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप संस्करणों में से सात में जीत हासिल की है, जबकि ईरान ने एक बार प्रतियोगिता का ख़िताब अपने नाम किया है। उन्होंने साल 2003 में ख़िताब अपने नाम किया था।