एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में संजीत ने जीता स्वर्ण, शिव थापा और अमित पंघल को रजत से करना पड़ा संतोष

भारत ने एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य सहित 15 पदक जीते, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

3 मिनटद्वारा लक्ष्य शर्मा
Amit Panghal lost to Shakhobidin Zoirov 3

भारतीय हैवीवेट मुक्केबाज संजीत (Sanjeet**)** ने सोमवार को एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2021 में स्वर्ण पदक जीता। वहीं टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके अमित पंघल (Amit Panghal) और ओलंपियन शिवा थापा (Shiva Thapa) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

संजीत ने पांच बार के एशियन चैंपियनशिप के पदक विजेता और रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कजाकिस्तान के वासिली लेविट (Vassiliy Levit) को 91 किग्रा के फाइनल में हराया।

भारत के युवा बॉक्सर ने अपने से अधिक अनुभवी कजाकिस्तानी मुक्केबाज़ के खिलाफ बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ क्लीन हिट की वजह से वो शीर्ष वरीयता प्राप्त लेविट को 4:1 के स्प्लिट फैसले से हराने में कामयाब रहे।

इससे पहले दिन में मौजूदा फ्लाईवेट एशियन चैंपियन अमित पंघल 52 किग्रा के कड़े मुकाबले में मौजूदा विश्व और उज्बेकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन जोइरोव शाखोबिदीन (Zoirov Shakhobidin) से खिलाफ अपना बाउट गंवा बैठे।

इन दोनों दिग्गज बॉक्सर के बीच में काफी रोमांचक मुकाबला हुआ, इस बाउट में दोनों ही बॉक्सर हारने के मूड में नहीं थे लेकिन अंत में भारतीय स्टार को स्प्लिट फैसले के आधार पर 3-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने अमित और शाखोबिदीन के बीच हुए मुकाबले के दूसरे राउंड को लेकर आपत्ति दर्ज कराई लेकिन ज्यूरी कमीशन ने उसे नकार दिया। इस तरह विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीत चुके पंघल को यहां भी रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

विश्व चैंपियनशिप 2019 और इस साल की शुरुआत में गवर्नर्स कप में हार के साथ, अमित पंघल की जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ ये तीसरी हार है।

इसके बाद दो बार के ओलंपियन शिव थापा भी 64 किग्रा वर्ग में मंगोलिया के एशियन गेम्स के रजत पदक विजेता बातरसुख चिनजोरिग (Baatarsukh Chinzorig) से हार गए। उन्हें भी स्प्लिट फैसले के आधार पर 3:2 से हार मिली।

दोनों ही बॉक्सर ने ऑर्थोडॉक्स स्टांस के साथ शुरुआत थी लेकिन बातरसुख पहले राउंड में हावी रहे। हालांकि दूसरे राउंड में थापा ने वापसी की और अपने शानदार मूवमेंट्स की बदौलत उन्होंने चिनजोरिग को मुश्किल में डाला।

आखिरी बाउट में बातरसुख ने अधिक जैब लगाए, जिससे भारतीय खिलाड़ी दबाव में आ गया और अंतिम घंटी बजने के साथ ही जज ने बातरसुख चिनजोरिग को विजेता घोषित कर दिया, जिसकी वजह से थापा को सिल्वर से संतोष करना पड़ा।

थापा का यह रजत पदक उनका पांचवां एशियाई चैंपियनशिप पदक था, जिससे वह टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज बन गए।

एक सप्ताह के लंबे अभियान के बाद, 19 सदस्यीय भारतीय दल एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप से 15 पदक (दो स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य) जीतने में सफल रहा।

भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ 13 पदक (जिसमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य) था, जो बैंकॉक में हुए 2019 सीजन में आए थे।

भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 10 पदक हासिल किए। इसमें पूजा रानी (Pooja Rani) का स्वर्ण भी शामिल है। जबकि 51 किग्रा वर्ग में एमसी मैरी कॉम (Mary Kom) रजत पदक जीतने में सफल रही थीं।

इसके अलावा सिमरनजीत कौर (Simranjit Kaur**) (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन** (Lovlina Borgohain) (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा) और स्वीटी (81 किग्रा) ने कांस्य पदक अपने नाम किए।

पुरुष वर्ग में भारत ने कुल पांच पदक हासिल किए। संजीत के गोल्ड के अलावा पंघल और थापा ने रजत जीता जबकि विकास कृष्ण (Vikas Krishan) (69 किग्रा) और वरिंदर सिंह (varindar singh) (60 किग्रा) ने कांस्य जीता।

आशीष कुमार (Ashish Kumar) (75 किग्रा) पोडियम पर जगह नहीं बना सके। यह टूर्नामेंट जुलाई में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में जाने से पहले भारतीय मुक्केबाजों के लिए प्रभावी रूप से अंतिम मुक्केबाजी टूर्नामेंट था।

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