रोज और उसका परिवार युद्ध के कारण दक्षिण सूडान छोड़कर 2002 में काकुमा शरणार्थी शिविर पहुंचा। उनके माता-पिता 2008 में दक्षिण सूडान वापस चले गए, लेकिन उनके भाई-बहन काकुमा में ही रहने लगे। स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने कई दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लिया और 2015 में उन्होंने टेगला लोरूप फाउंडेशन द्वारा आयोजित काकुमा में 10 किमी की दौड़ में भाग लिया। वो तब से फाउंडेशन के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं, और IOC शरणार्थी ओलंपिक टीम के हिस्से के रूप में रियो 2016 ओलंपिक खेलों के लिए चुनी जा चुकी हैं। वहां वो ध्वजवाहक थीं।
ओलंपिक खेलों के बाद से, उन्होंने मई 2018 में जापान के योकोहामा में विश्व रिले चैंपियनशिप में एथलीट रिफ्यूजी टीम का प्रतिनिधित्व किया। उसके बाद उन्हें शरणार्थियों पर ग्लोबल कॉम्पैक्ट के 5वें फॉर्मल कंसल्टेशन में भाग लेने के लिए जिनेवा में आमंत्रित किया गया।
रोज ने टोक्यो 2020 ओलंपिक गेम्स में 800 मीटर से अधिक में भी भाग लिया। तब से, वह टोरंटो के शेरिडन कॉलेज में फुलटाइम छात्र-एथलीट बनने के लिए कनाडा चली गई।
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