भारतीय बॉक्सिंग के चमकते सितारों में से एक विकास कृष्ण यादव पिछले एक दशक में अपने देश के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक रहे हैं। विकास तीन बार के ओलंपियन और पूर्व विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता है।
विकास कृष्ण यादव का ताल्लुक हरियाणा के हिसार से है, जहां के सिंगवा खास गांव में 10 फरवरी 1992 को उनका जन्म हुआ था। उनके पिता बिजली विभाग में सरकारी मुलाजिम थे, साल 1994 में उनके पिता का तबादला भिवानी जिले में हो गया, औऱ विकास अपने पिता के साथ भिवानी आ गए, जहां विकास की शुरूआती शिक्षा-दीक्षा हुई, और फिर यही से उनका बॉक्सर बनने का सपना जूनून में बदल गया।
सभी जानते है कि भिवानी को भारत का मिनी-क्यूबा कहा जाता है, क्योंकि यहां से निकले नए-नए बॉक्सर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का मान बढ़ा चुके है, भिवानी को मुक्केबाजी विरासत और संस्कृति से मिली हुई है। विकास 10 साल की उम्र में ही भिवानी बॉक्सिंग क्लब में शामिल हो गए थे, और बाद में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के लिए पुणे चले गए।
29 साल के विकास कृष्ण साल 2010 से इंटरनेशनल बॉक्सिंग में धमाल मचा रहे हैं। उन्होंने बाकू में विश्व युवा चैंपियनशिप की लाइटवेट कैटगरी में स्वर्ण पदक और सिंगापुर में युवा ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था।
मैं एक योद्धा की तरह सोचता हूं, मेरा आत्मविश्वास मेरी ताकत या मेरे शरीर के डील-डौल से नहीं आता, यह आता है मेरे विश्वास से। जिस वक्त मैं लड़ रहा होता हूं, सिर्फ उस व्यक्ति के बारे में सोच रहा होता हूं।
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