भारतीय हॉकी के सबसे दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता है जिन्होंने भारत के लिए हॉकी खेला है।
दूसरे विश्व युद्ध से पहले के वर्षों में हॉकी के खेल पर अपना वर्चस्व कायम करने वाली भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी ध्यानचंद एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे। जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 में भारत को ओलंपिक खेलों में लगातार तीन स्वर्ण पदक जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ध्यानचंद को इस खेल में महारत हासिल थी और वो गेंद को अपने नियंत्रण में रखने में इतने निपुण थे कि वो 'हॉकी जादूगर' और 'द मैजिशियन' जैसे नामों से प्रसिद्ध हो गए।
ध्यानचंद ने तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय सेना के साथ अपने कार्यकाल के दौरान हॉकी खेलना शुरू किया और 1922 और 1926 के बीच, उन्होंने कई सेना हॉकी टूर्नामेंट और रेजिमेंटल खेलों में भाग लिया।
ध्यान सिंह का जन्म इलाहाबाद में हुआ था, उन्हें उनके दोस्त चंद कहकर पुरारते थे। ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि वो अक्सर अपने ड्यूटी के बाद कई घंटे चाँदनी रात में अभ्यास करते थे।
उन्होंने सेना में रहते हुए खेल को समझने वाले लोगों को प्रभावित किया था और जब नवगठित भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) ने एम्स्टर्डम में 1928 ओलंपिक के लिए एक टीम भेजने का फैसला किया, तो ध्यानचंद को ट्रायल के लिए बुलाया गया।
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