करणदीप कोचर कौन हैं? गोल्फ में भारत की चमकती हुई उम्मीद!
जीव मिल्खा सिंह इंविटेशनल गोल्फ टूर्नामेंट जीतने के बाद चर्चा का विषय बने करणदीप कोचर
21 वर्षीय करणदीप कोचर ने सोमवार को जीव मिल्खा सिंह इंविटेशनल गोल्फ टूर्नामेंट जीतने के शहर के गोल्फिंग क्षेत्र के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।
उन्होंने चंडीगढ़ गोल्फ क्लब कोर्स में टूर्नामेंट का तीसरा संस्करण जीतकर पूर्व एशियाई नंबर एक गोल्फर अनिर्बान लाहिड़ी को बाहर कर दिया और 24.24 लाख की इनामी राशि जीती। इसके बाद वह प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) की वरियता सूची में पहले स्थान पर पहुंच गए।
इसके बाद मूल रूप से चंडीगढ़ के रहने वाले यह गोल्फर भारतीय गोल्फ सर्किट में चमकती हुई उम्मीद के रूप में उभरे हैं। नवंबर में कोचर ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कोलकाता के सुनीत चौरसिया को तीसरे राउंड में अंडर-69 और राउंड ऑफ में 18-अंडर-270 के स्कोर से PGTI खिलाड़ी के रूप में पहले पेशेवर खिताब पर कब्जा जमाया। अब उन्होंने ओलंपिक को अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। तो, हम इस युवा गोल्फिंग स्टार के बारे में क्या जानते हैं?
गोल्फ के लिए जुनून
उन्होंने छोटी सी उम्र में गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था और इंडियन गोल्फ यूनियन (IGU) सर्किट की सभी जूनियर श्रेणी की रैंकिंग में शीर्ष पर रहते हुए सभी को प्रभावित किया। करणदीप को उनके दादाजी ने इस खेल के बारे में बताया था।
उन्होंने टेलीग्राफ को बताया कि "मैंने अपने दादाजी की वजह से गोल्फ की शुरुआत की। वह चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में खेला करते थे। जब मैं तीन साल का था, तब वो एक दिन मुझे क्लब में ले गए। इसके बाद मैंने गोल्फ का आनंद लेना शुरू कर दिया। दादाजी ने हमेशा मेरा समर्थन किया।"
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने गोल्फ पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने के लिए 12वीं की परीक्षा के बाद पढाई छोड़ दी। उन्हें जेसी ग्रेवाल ने प्रशिक्षित किया, जिन्होंने शुभंकर शर्मा और गुरबाज मन को भी गुर सिखाए हैं। वह भारत की राष्ट्रीय गोल्फ अकादमी के निदेशक भी हैं।
करणदीप पूर्व अमेरिकी विश्व नंबर वन गोल्फर जॉर्डन स्पीथ और जीव मिल्खा सिंह के प्रशंसक हैं, जो यूरोपीय दौरे में शामिल होने वाले पहले भारतीय गोल्फर थे।
PGTI इवेंट जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय
कोचर 2016 से लगातार सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं, यही कारण है कि अब उनसे उम्मीद काफी बढ़ गई है। वह पहली बार 2016 में तब सुर्खियों में आए, जब वह के सबसे कम उम्र के युवा के रूप में कोलकाता के टॉलीगंज क्लब में PGTI प्लेयर्स चैंपियनशिप जीतकर PGTI इवेंट जीतने वाली अकेले शौकिया गोल्फर बन गए।
अभिनव बिंद्रा के भांजे
राइफल शूटिंग और गोल्फ पूरी तरह से अलग खेल हैं। फिर भी कोचर अक्सर अपने मामा और 2008 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा से उनके पास समय होने पर टिप्स लेते हैं।
कोचर ने ESPN को दिए एक साक्षात्कार में कहा "वह (बिंद्रा) मेरी मां के चचेरे भाई हैं। मैंने उन्हें हमेशा मामू कहा है। हालांकि, मैं उनसे हमेशा नहीं मिलता क्योंकि वो अक्सर व्यस्त रहते हैं, लेकिन अगर मुझे कोई बात परेशान करती है तो या तो मैं उन्हें मैसेज करके या बात करके मदद लेता हूं। तीन साल पहले जब मैंने पहली बार टूर खिताब जीता था, तब मैंने उनसे कुछ बात की थी।"
उन्होंने कहा, "राइफल शूटिंग और गोल्फ दो बहुत अलग खेल हैं, लेकिन एक बात उनके पास है वह यह है कि खुद को शांत रहने की जरूरत है। वो मुझे सलाह देते हैं कि किस तरह से शांत रहना होता है।"
विश्व रैंकिंग
जीव मिल्खा सिंह इंविटेशनल जीतने के बाद कोचर की विश्व रैंकिंग में 442 से 355 तक सुधार हुआ है।
ओलंपिक क्वालिफाइंग की संभावना?
ओलंपिक योग्यता प्रणाली के अनुसार, भारत के दो शीर्ष रैंक वाले गोल्फरों के पास टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका है। भारत के मौजूदा शीर्ष रैंक के गोल्फर राशिद खान (282) हैं। इसके बाद उदयन माने (292) और कोचर (355) हैं।