यारोस्लावा महुचिख एक्सक्लूसिव: यूक्रेन में चल रहे युद्ध से बचने पर, कैसे खेल एकजुट और मदद करते हुए शांति को बढ़ावा देता है

टोक्यो 2020 की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और वर्तमान विश्व इंडोर हाई जंप चैंपियन ने Olympics.com को निप्रॉ से बचकर निकलने के बाद मार्च की चैंपियनशिप की तैयारी के अपने अनुभवों के बारे में बताया।

7 मिनटद्वारा रौशन प्रकाश वर्मा
Yaroslava Mahuchikh
(2022 Getty Images)

यारोस्लावा महुचिख, महिलाओं की विश्व इंडोर हाई जंप चैंपियन हैं।

वह वर्तमान में यूक्रेन से शरणार्थी हैं। वह फिलहाल, एथलेटिक्स सीजन के दौरान जर्मनी में रह रही हैं और वहीं प्रशिक्षण भी ले रहीं हैं।

23 जून को ओलंपिक दिवस 2022 के मौके पर, निप्रॉ की मूल निवासी ने #शांति के लिए बढ़ाएंगे कदम की थीम के साथ Olympics.com से एक विशेष इंटरव्यू में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने खेल के माध्यम से अपने देश में शांति को बढ़ावा देने की कोशिश के बारे में चर्चा की।

महुचिख कहती हैं, "हर किसी के प्रति दयालु और उदार बनें क्योंकि खेल लोगों को एकजुट करता है, खेल मदद करता है और एथलीट एक-दूसरे की मदद करते हैं।"

उन्होने आगे कहा, "ओलंपिक खेलों में सभी लोग एक साथ रहते हैं। जिस जगह पर ओलंपिक का आयोजन होता है वहां सभी देशों के लोग एकत्रित होते हैं। ओलंपिक निश्चित रूप से लोगों को एकजुट करता है। इसने हमेशा लोगों को एकता का पाठ पढ़ाया है, यह आज भी लोगों को एकजुट कर रहा है और आने वाले समय में भी ओलंपिक ऐसा करना जारी रखेगा।"

यूक्रेन के एथलीट प्रशिक्षण लेने के लिए भागे

महुचिख ने अपने देश पर हमले के तीन सप्ताह के बाद एक बड़ी कामयाबी हासिल की। उन्होंने अपने देश पर हमले के बाद सर्बिया के बेलग्रेड में आयोजित 2022 विश्व इंडोर चैंपियनशिप में जीत दर्ज किया। 

उनके देश पर हुए आक्रमण ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता के प्रशिक्षण को बाधित कर दिया था। महुचिख 24 फरवरी के बाद के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहती हैं, "यह बहुत मुश्किल था, हम पहले खमेलनित्स्की चले गए।" 24 फरवरी के बाद महुचिख और अन्य यूक्रेन निवासियों की दुनिया पूरी तरह से बदल गई थी। 

"हमारी छोटी सी राष्ट्रीय टीम के लिए प्रशिक्षण शिविर था जो विश्व चैंपियनशिप (इंडोर) में हिस्सा लेने वाली थी। लेकिन, हमारे ट्रिप के बीच में ही हमें सीमा पर जाने के लिए कहा गया था।"

"हमारी यात्रा तीन दिनों तक चली। अंत में, हम सर्बिया पहुंचे, जहां हमने बिना किसी सायरन के आवाज और बिना धमाकों के प्रशिक्षण शुरू किया।"

महुचिख को यह पता था कि वह कुछ वक्त के लिए घर पर नहीं होंगी: उन्होंने अपनी यादों को ताजा करते हुए कहा, "सबसे कठिन पल अपने परिवार और पिता से दूर जाना होता है।"

"लेकिन तब आपको एहसास होता है कि आपको प्रतिस्पर्धा करनी है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश के लिए प्रदर्शन करना है, यह दिखाना है कि यूक्रेन अभी भी मजबूत है।"

उनके दिमाग में बहुत सारे विचारों के उथल-पुथल और जितना समय इसे हासिल करने में लगा, यह देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि यह एक हाई जंपर के लिए आसान नहीं था। वह खतरे से दूर निकलने के लिए लॉन्ग ड्राइव के दौरान खुद से सवाल कर रहीं थीं। 

महुचिख कहती हैं, "मेरे मन में बहुत से विचार चल रहे थे कि मैं क्यों जा रही हूं।" मैंने अभी-अभी मानवीय सहायता देना शुरू किया था। (लेकिन) मैंने खुद को समझाया कि निप्रॉ में हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता हैं, क्योंकि उस समय यह अपेक्षाकृत सुरक्षित क्षेत्र था। हमारे शहर ने एक साथ मिलकर समूह बनाया और बहुत लोगों तक मदद पहुंचाई। 

"फिर मैंने सोचा कि मुझे विश्व चैंपियनशिप में क्यों जाना चाहिए और मैंने तय किया मैं वहां जंप करूंगी।  तब मुझे समझ आया कि यह मेरा कार्यक्षेत्र है। यह मेरा क्षेत्र है, मुझे अपने क्षेत्र में अपने देश की रक्षा करनी है, और मुझे एहसास हुआ कि जो लोग अपना काम कर रहे हैं, वे अपने देश की हर क्षेत्र में मदद कर सकते हैं।”

एक परिवार का अलग हो जाना

मार्च में विश्व इंडोर चैंपियनशिप से पहले यूक्रेन छोड़ने के बाद से, महुचिख घर वापस नहीं गईं हैं। उन्होंने अपने प्रायोजकों की मदद से जर्मनी के एर्लांगेन से बाहर रहते हुए डायमंड लीग सर्किट में भी प्रतिस्पर्धा की है।

वह कहतीं हैं, "उन्होंने मदद की और हमें अपार्टमेंट प्रदान किए। मेरी मां के अलावा मेरी बहन और उसकी बेटी वहां गए थे।"

यूक्रेन की एथलीट ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल संघों के प्रति भी आभार प्रकट किया, जिन्होंने उनके देश के एथलीटों को युद्ध के दौरान नए प्रशिक्षण कैंप पाने में मदद की और खुली बांहो के साथ उनका स्वागत किया।

 लेकिन, वह कहती हैं, "मेरा घर यूक्रेन में था और अभी भी वहीं है, निप्रॉ में - जो मेरा शहर है और जहां मेरा अपार्टमेंट है।"

मध्य-पूर्वी यूक्रेन में निप्रॉ अब संघर्ष की अग्रिम पंक्ति में है। महुचिख कहती हैं, ''निप्रॉ में कई लोग घर पर रहे। हालांकि, कुछ पोलैंड में भी हैं।"

“बेशक हर कोई घर जाना चाहता है। मैंने हाल ही में अपनी बहन से बात की। मैंने उससे कहा कि मैं घर वापस जाना चाहती हूं, सामान्य जीवन में लौटना चाहती हूं, युद्ध के सायरन के बिना जीना चाहती हूं।” 

"लेकिन वह उन लोगों की कहानियां पढ़ती है जो पोलैंड से वापस लौटे हैं। आप भी घर जाना चाहते हैं, लेकिन वह अभी भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि अब भी मेरे शहर में मिसाइलें दागी जा रही हैं।”

महुचिख यूक्रेन में "मुस्कान और खुशी" ला रहीं हैं

बेलग्रेड में जीत एक बहुत ही स्वागत योग्य परिणाम के साथ आई। एक विश्व चैंपियन के रुप में महुचिख ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और उन्हें अपने देश की स्थितियों को लेकर बोलने के लिए कई अवसर मिले। उनकी इस जीत ने उनके हमवतन लोगों का मनोबल बढ़ाने का काम भी किया जो कि एक अतिरिक्त बोनस था।

"युद्ध के दौरान तमाम बुरी सूचनाओं के बीच लोग अच्छी खबर सुनेंगे और मुस्कुराएंगे। महुचिख याद करते हुए कहती हैं, मैंने यह हासिल भी किया, क्योंकि लोगों ने मुझे मुस्कान और खुशी लाने के लिए धन्यवाद दिया।" "प्रतियोगिता के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया और उससे पहले भी मैं मिक्स्ड जोन से गुजरी। बेशक, एक स्वर्ण पदक विजेता के रूप में मीडिया आपको रजत या कांस्य पदक विजेता की तुलना में अधिक तवज्जो देता है। यह मेरे लिए अतिरिक्त प्रेरणा थी।”

"आप जानते हैं कि आप प्रतियोगिताओं में परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और फिर पत्रकारों से बात कर सकते हैं, और वे इसे प्रकाशित करेंगे। सर्बिया में इवेंट के बाद, मेरे पास इंटरव्यू के लिए बहुत सारे अनुरोध थे। मैं खेल के स्तर पर अपने परिणामों के माध्यम से मदद कर सकती हूं जिसकी वजह से मुझे मीडिया से बात करने का मौका मिला।"

"(मैं चाहती हूं कि लोग जानें) कि हम एक बहुत मजबूत राष्ट्र हैं। यूक्रेन ने इतिहास में बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ सहा है। लेकिन मुझे पता है कि हम मजबूत हैं, और हम इस युद्ध से अंततः सुरक्षित बाहर आएंगे। हमें बस खुद पर विश्वास करना है।"

खेल एकजुट करता है

तमाम बातों से अलग, महुचिख इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि खेल शांति को बढ़ावा दे सकता है - चाहे यूक्रेन और अन्य युद्ध क्षेत्रों में स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाने के माध्यम से, या सिर्फ लोगों को एकजुट करके।

"खेल, जीवन के सभी पहलुओं में, पुरुषों और महिलाओं के अच्छे लक्षणों को दिखाता है: उनका मजबूत चरित्र, अंत तक चलते रहने की उनकी इच्छा के अलावा और भी बहुत कुछ।"

"मेरे हिसाब से ओलंपिक खेल, सभी देशों को एकजुट करता है। ओलंपिक खेलों से दुनिया को मदद मिलती है। यह हमेशा सभी देशों में प्रसारित होता है और यहां तक कि जो लोग खेल के प्रशंसक नहीं हैं वे भी ओलंपिक देखते हैं। यह कुछ अविश्वसनीय है।"

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