वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में जसलीन सिंह सैनी की हार के साथ भारत का अभियान समाप्त
यह हार सैनी के कॉन्टिनेंटल कोटे के जरिए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की संभावना को कम कर सकती है।
भारतीय जूडोका जसलीन सिंह सैनी (Jasleen Singh Saini) सोमवार को हंगरी के बुडापेस्ट में वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप 2021 में मेंस 66 किग्रा के पहले राउंड में बाहर हो गए
वर्ल्ड नंबर 61 जसलीन सिंह सैनी पूल बी में अपने शुरुआती दौर के मुकाबले में मोल्दोवा के गैर वरीयता प्राप्त राडू इज़वोरेनु (Radu Izvoreanu) से 1-0 से हार गए।
इस बाउट की शुरुआत में दोनों ही जुडोका थोड़े असमंजस में दिखें।
इज़वोरेनु को जल्द ही एक शिडो (मामूली उल्लंघन के लिए चेतावनी) मिली , जिसके बाद वह थोड़े डिफेंसिव हो गए। जसलीन सिंह सैनी ने भी कुछ ऐसा ही किया, जिसके बाद अब दोनों जुडोकाओं को शिडो मिल चुका था।
इसके बाद बाउट जल्द ही समाप्त हो गई, और कोई भी जूडोका पॉइंट हासिल करने में नाकाम रहा, जिसकी वजह से मुकाबले को 'गोल्डन स्कोर' में जाना पड़ा। इस दौरान जो जूडोका पहला अंक हासिल करेगा, वह मुकाबला जीत लेगा।
इज़वोरेनु गोल्ड स्कोर में काफी आक्रमक दिखे। उन्होंने दो बार जसलीन सिंह सैनी का बैलेंस खराब करने का प्रयास किया और अंत में वह भारतीय जुडोका को अपनी पीठ पर उठाने में कामयाब रहें, जो वाजा-अरी (आधा अंक) अर्जित करने के लिए पर्याप्त था।
इस वजह से इज़वोरेनु को जीत मिली और इसके साथ ही वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में भारत के अभियान का अंत भी हो गया। टूर्नामेंट में अन्य भारतीय एल सुशीला देवी (L Shushila Devi) को भी रविवार को पहले राउंड में शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
इस हार से जसलीन सिंह सैनी के टोक्यो ओलंपिक में जाने की संभावना पर असर पड़ सकता है।
क्वालिफिकेशन नियमों में कहा गया है कि 28 जून, 2021 तक भार वर्गों में दुनिया के टॉप 18 जुडोका, टोक्यो ओलंपिक के लिए सीधे स्थान हासिल करेंगे।
टॉप 18 के अलावा, एक महाद्वीपीय रैंकिंग सूची तैयार की जाएगी और सूची में सर्वोच्च रैंक वाले खिलाड़ियों को एक ओलंपिक स्थान दिया जाएगा। इस लिस्ट में हर देश से एक जूडोका को स्थान मिलेगा।
किसी भी भार वर्ग में टॉप-18 में कोई भारतीय नहीं है और केवल एक ही कॉन्टिनेंटल कोटे के जरिए टोक्यो ओलंपिक में जगह बना सकता है।
फिलहाल की स्थिति को देखते हुए सुशीला देवी आगामी ओलंपिक में भारत के लिए महाद्वीपीय कोटा हासिल कर सकती हैं। हालांकि जसलीन सिंह सैनी को इस हार से काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब संभावना है कि एल सुशीला देवी अब ओलंपिक में भारतीय जूडो की एकमात्र प्रतिनिधि होंगी।