बर्मिंघम 2022 में हुए राष्ट्रमंडल खेल में क्रिकेट की वापसी काफी दिलचस्प रही। यह हर चार साल में होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट का मुख्य आकर्षण बन गया, जहां भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रजत पदक अपने नाम किया।
बर्मिंघम में आयोजित इस प्रतियोगिता के महिला T20 इवेंट में भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से तेज़ गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई।
ऐसे में जब कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत का सामना अपने पहले ग्रुप मैच में पांच बार की T20 वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से हुआ तो युवा क्रिकेटर रेणुका सिंह ने इस मौके को भुनाते हुए काफी सुर्खियां बटोरीं।
ग्रुप लीग के मुकाबले में भारत के दिए गए 155 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रलियाई पारी के पांचवें ओवर में मात्र 34 रनों पर 4 बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। रेणुका सिंह ने एलिसा हीली, बेथ मूनी, कप्तान मेग लैनिंग और ताहलिया मैकग्राथ सहित सभी चार विकेट अकेले ही झटके।
ऑस्ट्रेलिया के इन शीर्ष चार खिलाड़ियों ने सामूहिक रूप से 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय T20 मैच खेले थे। वहीं रेणुका सिंह अपने करियर का सिर्फ सातवां T20I मैच खेल रही थीं।
इस प्रतियोगिता में दाएं हाथ की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह 5.47 की इकॉनमी से पांच मैचों में 11 विकेट के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले मैच में 4/18 और बारबाडोस के खिलाफ 4/10 की शानदार गेंदबाजी करते हुए दो बार चार विकेट झटके। उनका औसत 9.45 था। रेणुका की खतरनाक इन-स्विंग यॉर्कर ने काफी सर्खियां बटोरी।
राष्ट्रमंडल खेलों के बाद रजत पदक विजेता रेणुका अपने शानदार अभियान के दम पर गेंदबाजों की ICC महिला T20 रैंकिंग में 10 पायदान की छलांग लगाते हुए अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 18वें स्थान पर पहुंच गईं।
रेणुका सिंह क्रिकेट में कैसे आईं?
रेणुका सिंह का जन्म 1 फरवरी 1996 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था। उनके हाथ पर पिता के साथ खेलती हुई बेटी का टैटू बना हुआ है। उन्होंने इसे अपने पिता केहर सिंह ठाकुर की याद में बनवाया है, जिनकी 1999 में मृत्यु हो गई थी। वह रोहड़ू में हिमाचल प्रदेश के सिंचाई और सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में काम करते थे। सही मायने में क्रिकेट के मैदान पर उनकी सफलता उनके पिता के सपने का ही प्रतिबिंब है।
केहर सिंह क्रिकेट के दीवाने थे। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि उनके बड़े बेटे विनोद का नाम पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर रखा गया है।
पिता की मृत्यु के बाद रेणुका की मां सुनीता को 2000 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में अपने पति की नौकरी की जगह काम करना पड़ा, जबकि उनके बच्चों को शुरू से क्रिकेट में खास लगाव रहा। वे गांव के ही एक टूर्नामेंट में खेलते थे, जहां कभी-कभी रेणुका सुबह और शाम दोनों मैचों में दिखाई देने वाली एकमात्र लड़की होती थीं। उनकी मां सुनीता दो बच्चों के लिए क्रिकेट का खर्च नहीं उठा सकती थीं, इसलिए ना चाहते हुए भी विनोद को यह खेल छोड़ना पड़ा।
साल 2009 में लड़कियों के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की आवासीय अकादमी में शामिल होने के बाद रेणुका के करियर को काफी बढ़ावा मिला। पहाड़ी इलाकों से आने के कारण वह स्वाभाविक रूप से फिट थीं, और अकादमी के कोचों ने उनकी सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए उनसे क्रॉस-कंट्री रन करवाया।
अकादमी में, रेणुका सिंह ने कोच पवन सेन और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच वीना पांडे से प्रशिक्षण लिया।
रेणुका ने अकादमी में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी लाइन और लेंथ के साथ अच्छी गति और नियंत्रण भी हासिल किया। इस दौरान इन-स्विंग और यॉर्कर के अलावा, उन्होंने लेग-कटर गेंदबाजी करने में भी महारत हासिल की।
रेणुका सिंह ने 2016 में कर्नाटक के खिलाफ अंडर-19 मैच में हैट्रिक ली और 2019 में बीसीसीआई महिला वनडे टूर्नामेंट में 23 विकेट के साथ सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनकर उभरीं।
राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक तक का सफर
जल्द ही रेणुका सिंह को रेलवे में नौकरी मिल गई। अपने पहले 5 वनडे में 9 विकेट लेकर वह सुर्खियों में आईं और जिसके चलते साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उन्हें अपना अंतरराष्ट्रीय T20 डेब्यू करने का मौका मिला, जिसने उनके करियर को तेजी से आगे बढ़ाया।
होनहार तेज गेंदबाज़ को फ़रवरी 2020 में न्यूज़ीलैंड के दौरे पर अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी के साथ खेलने का मौक़ा मिला। रेणुका सिंह को 2022 में एकदिवसीय वर्ल्ड कप के लिए चुना गया, लेकिन उन्हें एक भी गेम में खेलने का मौका नहीं मिला।
इसी साल बाद में, रेणुका ने राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के मद्देनजर श्रीलंका सीरीज के इर्द-गिर्द दो बार 10-दिवसीय शिविर के दौरान कड़ी मेहनत की। यहां सभी तेज गेंदबाजों को एक प्रशिक्षक द्वारा समूहों में प्रशिक्षित किया गया। शिविर में गेंदबाजों की गति और अच्छे स्पैल पर काम कराया गया। साथ ही कैंप में इस दौरान डाइट चार्ट भी फॉलो किया गया और खिलाड़ी की प्रत्येक कैलोरी का हिसाब रखा गया। हर सत्र के वीडियो विश्लेषण ने रेणुका को अपने खेल को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।
उन्होंने ने श्रीलंका के दौरे में अपनी काबिलियत भी साबित की। रेणुका ने पहले दो मैचों में सात विकेट (3/29 और 4/28) लेते हुए भारत को एकदिवसीय सीरीज जीतने में अहम भूमिका निभाई।
बर्मिंघम में एक यादगार प्रदर्शन और साल 2022 के अपने सफल अभियान के बाद रेणुका सिंह ने आईसीसी वूमेंस क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर का ख़िताब भी अपने नाम किया।
साल 2023 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने वूमेंस प्रीमियर लीग के उद्घाटन संस्करण के लिए रेणुका सिंह ठाकुर को 1.5 करोड़ में अपनी टीम में शामिल किया।
इसके कुछ ही समय बाद, वह T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के एक मैच में अपना पहला पांच विकेट लेने में सफल रहीं। दक्षिण अफ्रीका में T20 महिला विश्व कप 2023 के दौरान गेकेबेरा में इंग्लैंड के ख़िलाफ खेलते हुए रेणुका सिंह ने अपने चार ओवरों में 15 खर्च कर 5 विकेट अपने नाम किया। उन्होंने अपने स्पेल की पहली गेंद पर अनुभवी डेनिएल व्याट को डक पर आउट कर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया।
इस प्रकार, रेणुका सिंह T20 विश्व कप के इतिहास में पांच विकेट लेने वाली पहली भारतीय (पुरुष या महिला) क्रिकेटर बनीं।
हिमाचल प्रदेश ने घरेलू सर्किट में कई क्रिकेटरों को जन्म दिया है, लेकिन उनमें से सभी भारत के लिए नहीं खेले हैं। महिलाओं में अमिता शर्मा, सुषमा वर्मा और हरलीन देओल और पुरुषों में ऋषि धवन के नाम शामिल हैं।
लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि रेणुका सिंह भारतीय महिला क्रिकेट का सुनहरा भविष्य हैं।
रेणुका सिंह की उपलब्धियां
- राष्ट्रमंडल खेल 2022 रजत पदक विजेता
- राष्ट्रमंडल खेल 2022 में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज़
- ICC इमर्जिंग वूमेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2022
- T20 वर्ल्ड कप में पांच विकेट लेने वाली पहली भारतीय
- WPL 2023 में सबसे अधिक क़ीमत पर ख़रीदी जाने वाली स्पेशलिस्ट भारतीय गेंदबाज़