टोक्यो ओलंपिक में मिली हार पर भावुक हुई विनेश फोगाट - कहा मेरे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे मैं मर गई हूं

टोक्यो 2020 में भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट से लोगों को उम्मीद थी कि वो पदक जरूर हासिल करेंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। नतीजतन अनेक तरह आलोचनाओं की वजह से अब वह सबकुछ छोड़ने पर विचार कर रही हैं।

5 मिनटद्वारा ओलंपिक चैनल
Indian wrestler Vinesh Phogat at Tokyo Olympics.
(Getty Images)

एक भावनात्मक इंटरव्यू में, विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने खुलासा किया है कि टोक्यो में उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति खराब थी। 26 साल की इस भारतीय रेसलर का कहना है कि उनके प्रदर्शन की आलोचनाओं की वजह से अब वो टूटा हुआ महसूस कर रही है, हालत ये है कि अब वो यहां तक सोच रही हैं कि उन्हे मैट पर वापस आना चाहिए या नहीं।

महिलाओं की फ्रीस्टाइल 53 किग्रा वर्ग में विनेश फोगाट से पदक जीतने की उम्मीद थी, लेकिन क्वार्टर फाइनल में वो बेलारूस की वेनेसा कलादज़िंस्काया (Vanesa Kaladzinskaya) से हारकर बाहर हो गईं।

विनेश ने बताया कि 2017 में चोट लगने और कोविड 19 की वजह से उनकी हालत पहले से ही खराब थी, और टोक्यो में फिजियो पूर्णिमा न्गोमदिर का साथ ना होने से उनकी हालत और खराब हो गई।

विनेश ने इंडियन एक्सप्रेस में बताया कि "मैं स्तब्ध हूं। मुझे नहीं पता कि मेरे जीवन में क्या हो रहा है। पिछले एक हफ्ते से मेरे अंदर बहुत कुछ चल रहा है।"

विनेश ने बताया कि “बाहर हर कोई मेरे साथ ऐसे व्यवहार कर रहा है जैसे मैं एक मरी हुई चीज़ हूं। कम से कम मुझसे तो पूछो कि मैट पर मेरे साथ क्या हुआ, विनेश दबाव के कारण नहीं हारी, फैसला सुनाने से पहले, एथलीट से पूछा जाना चाहिए कि क्या गलत हुआ।"

विनेश फोगाट ने अपने मुकाबलों से पहले और उस दौरान अपने संघर्ष के बारे में भी जानकारी दी।

विनेश ने बताया कि अपने फिजियो के ना होने के बाद भी उन्होंने अपने वजन और कंडिशनिंग को मैनेज करने की कोशिश की थी, लेकिन अपने पहले मुकाबले के बाद वो कांपने लगी थी, राउंड ऑफ 16 के मैच के दौरान उन्होंने स्वीडन की सोफिया मैटसन (Sofia Mattsson) को हराया था, जो कि रियो 2016 की कांस्य पदक विजेता रही है।

“मैं हर तरह से तैयार थी, मेरे पास नमक के कैप्सूल थे, मैंने इलेक्ट्रोलाइट्स पिया। मैं बस यही चाहती थी कि यह समस्या अब और ना बढ़े। लेकिन कहते हैं ना जब बारिश होती है तो पानी बहता ही है।’’

विनेश ने बताया कि “मुझे 2017 में चोट लगी थी, तब से मैं इससे पीड़ित हूं। मेरे सामने चीजें धुंधली हो जाती हैं। यह बहुत नीचे चला गया है लेकिन जब मेरा सिर किसी चीज पर पड़ता है, तो वह चीज वापस आ जाती है।’’

"शायद यही वजह थी, या फिर शायद यह रक्तचाप कि दिक्कत थी। शायद इससे मेरा वजन कम हो गया। मुझे नमक के कैप्सूल की आदत है। इससे मुझे बहुत मदद मिली। लेकिन टोक्यो में यह काम नहीं किया जहां मैं अकेली थी।"

विनेश ने कहा कि मुकाबले के दिन उन्हे काफी दर्द और बाद में उल्टियां हुई थी। "मैंने मुकाबले से एक दिन पहले कुछ नहीं खाया था, मैंने कुछ न्यूट्रिशन ड्रिंक पिया लेकिन मैं परेशानी महसूस कर रही थी। मैं फिर उठी लेकिन मुझे लगातार उल्टी जैसा महसूस हो रहा था, मेरा शरीर दर्द में था। क्योंकि अंदर से मै कमजोर थी और आखिरकार मुझे फिर उल्टी हुई।

स्टेडियम जाते हुए बस के सफर के दौरान, विनेश लगातार अपनी फिजियो पूर्णिमा को कॉल कर रही थी, ये जानने के लिए इस समय वह क्या कर सकती है।

“अपनी पहली बाउट के बाद, मैंने नमक का कैप्सूल लिया। लेकिन कुछ खास सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद मैने एक और कैप्सूल लिया लेकिन फिर भी हालत जस की तस रही। मैं कुछ भी नहीं खा पा रही थी क्योंकि मुझे मिचली आ रही थी।’’

‘’शरीर में कुछ सुधार हो इसलिए सांसों के कुछ व्यायाम किए लेकिन कोई असर नहीं हुआ। मैं अपने कंट्रोल में नहीं थी और मेरा पूरा शरीर कांप रहा था''।

कॉमनवेल्थ खेलों और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने बताया कि कि वह जानती थीं कि वह कलादज़िंस्काया (Kaladzinskaya) के खिलाफ हार रही हैं, लेकिन वह असहाय हो गई थीं।

विनेश ने कहा कि ‘’मै उस पोजिशन से अंक दे रही थी जहां से मैं कभी ऐसा नहीं करूंगी। मैं देख रही थी कि सबकुछ हाथों से निकलता जा रहा था, लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं कर सकती थी। मेरा दिमाग स्थिर हो गया था मुझे बिलकुल भी पता नहीं था कि टेकडाउन कैसे पूरा किया जाए। मुझे बहुत अजीब लग रहा था कि मैं स्तब्ध थी।’’

बता दे कि वजन कैटेगरी बदलने के बाद, विनेश फोगाट ने कहा था कि वह 2019 में उदास हो गई थीं।

साथ ही उन्होंने बताया कि “एक एथलीट के रूप में, मानसिक दबाव इतना अधिक होता है कि हम हमेशा उस पतली रेखा पर होते हैं। क्योंकि जब यह पार हो जाती है, तो समझों सब हो गया।’’

"मैंने अपने मनोवैज्ञानिक से कहा कि मैं बहुत भावुक हूं और उस पतली रेखा को पार कर सकती हूं।’’

"क्या आपको लगता है कि ध्यान करना और मनोवैज्ञानिक से बात करना काफी है? ऐसा कुछ नहीं है ये सिर्फ हमें ऐसा लगता है।’’

विनेश फोगाट ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का हवाला देते हुए टोक्यो 2020 में फाइनल से बाहर होने के बाद अमेरिकी जिमनास्ट सिमोन बाइल्स (Simone Biles) को दिए गए स्थान का भी जिक्र किया। विनेश ने कहा, यह भारत में अकल्पनीय था।

"हम सिमोन बाइल्स के लिए जश्न मनाते हैं क्योंकि उन्होने कहा था कि मैं ओलंपिक में प्रदर्शन करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं, और इवेंट में हिस्सा नहीं लिया। रेसलिंग के बारे में सोचना छोड़ दो बस यह कहने की कोशिश करों की तुम तैयार नहीं हो।''

2021 एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता ने उन्हें अकेले रहने के लिए कहा, और यह बताया कि पता नहीं कब वह मैट पर लौटेगी।

"अब, मुझे रोना मुश्किल लगता है। मेरी मानसिक शक्ति अब भी शून्य है, मैने कभी नहीं कहा कि मुझे गोल्ड का दावेदार बना दो। मैं कुश्ती अपने लिए कर रही हूं, और हारने के बाद सबसे पहले मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन मुझे बुरा लगने दो और मुझे अकेला छोड़ दो।’’

"मुझे नहीं पता कि मैं कब लौटूंगी। हो सकता है मै वापसी ना करूं, मुझे लगता है कि मैं उस टूटे हुए पैर (रियो 2016 में) के साथ बेहतर थी। मुझे कुछ ठीक करना था। मेरा शरीर तो नहीं है, लेकिन मैं सचमुच टूट गई हूं।"