अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2021: भारत की शिवानी पवार फाइनल में पहुंचीं
अंजू 55 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हार गईं और अब वह कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेंगी।
भारतीय पहलवान शिवानी पवार ने क्वालीफायर के माध्यम से पहले मुख्य दौर में जगह बनाई, उसके बाद बुधवार को सर्बिया के बेलग्रेड में चल रहे U23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2021 में फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए पहला पदक सुनिश्चित कर दिया है। अब वह महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में स्वर्ण पदक के लिए मुक़ाबला करेंगी।
शिवानी पवार अपने डिवीजन में मौजूदा U23 राष्ट्रीय चैंपियन भी हैं, अब वह गुरुवार को स्वर्ण पदक के मुक़ाबले में यूएसए की एमिली किंग शिल्सन से भिड़ेंगी।
23 वर्षीय शिवानी ने अपने अभियान की शुरुआत बेलारूस की U23 यूरोपीय रजत पदक विजेता अनास्तासिया यानोटवा को हराकर किया। जहां उन्होंने मुख्य ड्रॉ के लिए क्वालीफाई किया। इसके बाद क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की तेतियाना प्रोफाटिलोवा को 13-6 से हराया।
भारतीय पहलवान ने सेमीफाइनल में रूसी कुश्ती महासंघ की मौजूदा U23 यूरोपीय चैंपियन मारिया तिमेरेकोवा को हराया।
शिवानी पवार U23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की ओर से पहली बार गोल्ड मेडलिस्ट बन सकती हैं।
वहीं दूसरी ओर महिलाओं के 55 किग्रा में अंजू भारत के लिए कांस्य पदक के लिए मैट पर उतरेंगी, जहां वो कनाडा की वर्जिनी काज़ गैसकॉन से भिड़ेंगी।
शिवानी पवार की तरह अंजू भी क्वालीफिकेशन दौर से निकलकर सेमीफाइनल तक पहुंची थीं, जहां उन्हें रूस कुश्ती महासंघ की विक्टोरिया वौलिना से 5-4 से हार झेलनी पड़ी।
शीर्ष चार में पहुंचने के के लिए अंजू ने पोलैंड की एलिसजा सिज़ोविक्ज़ (9-0) और यूएसए की एलेक्जेंड्रा रे हेड्रिक (11-8) को हराया।
एक अन्य मुक़ाबले में जूनियर विश्व रजत विजेता बिपाशा महिलाओं के 76 किग्रा के मुख्य ड्रॉ के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहीं।
हालांकि बिपाशा क्वार्टर फाइनल में हार गईं, लेकिन किर्गिस्तान की उनकी प्रतिद्वंद्वी आइपेरी मेडेट काज़ी फ़ाइनल में पहुँच गईं, जिससे बिपाशा को रेपेचेज राउंड में लड़ने और कांस्य पदक जीतने का मौका मिल गया है।
इस बीच 86 किग्रा में मोनिका क्वालीफिकेशन दौर में हार गईं, लेकिन उन्हें हराने वाली कौंबा लैरोक ने फाइनल में जगह बना ली है। इस तरह मोनिका को भी रेपचेज दौर से कांस्य पदक जीतने का मौका मिलेगा।
हालांकि पुष्पा (59 किग्रा) क्वालीफिकेशन दौर से आगे नहीं बढ़ सकीं।