टोक्यो ओलंपिक कुश्ती के क्वार्टर फाइनल में हारी भारत की विनेश फोगाट

भारतीय पहलवान को दो बार की विश्व चैंपियन वेनेसा कलादज़िंस्काया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में हार का सामना पड़ा। विनेश फोगाट की ओलंपिक उम्मीदें अब रेपेचेज पर टिकी हैं।

2 मिनटद्वारा प्रभात दुबे
Indian wrestler Vinesh Phogat at Tokyo Olympics.
(Getty Images)

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) गुरुवार को टोक्यो 2020 ओलंपिक महिला 53 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में बेलारूस की **वेनेसा कलादज़िंस्काया (**Vanesa Kaladzinskaya) से हार गईं।

दो बार की यूरोपीय और विश्व चैंपियन, वेनेसा कलादज़िंस्काया के खिलाफ, विनेश फोगाट ने चिबा के मकुहारी मेस्से हॉल में अच्छी शुरुआत की।

लेकिन कलादज़िंस्काया ने दो-पॉइंटर के साथ पहले स्ट्राइक किया और सेकेंड पीरियड में 5-2 की बढ़त लेकर आगे बढ़ गई।

विनेश फोगाट सेकेंड पीरियड की शुरुआत में आक्रामक हो गई, लेकिन बेलारूसी द्वारा कुछ जबरदस्त बचाव ने विनेश को वहीं रोक दिया, और कलादज़िंस्काया 7-2 से आगे हो गई।

हालांकि, विनेश की अच्छी कोशिश की वजह से स्कोर 5-3 तक आ गया।

लेकिन विनेश इसका कुछ फायदा नहीं उठा पाई, दूसरी ओर वेनेसा कलादज़िंस्काया ने इस दौरान दो और अंक हासिल कर लिए और विनेश पर जीत दर्ज कर ली।

टोक्यो में विनेश फोगाट की किस्मत अब वैनेसा कलादज़िंस्काया की बढ़त पर निर्भर करती है, क्योंकि अगर बेलारूसी पहलवान फाइनल में पहुंचती है, तो विनेश फोगाट रेपेचेज के जरिए कांस्य के लिए फिर से प्रवेश कर सकती है।

बता दें कि रेपेचेज नियम उन पहलवानों को अनुमति देता है जो प्रतियोगिता में जल्दी हार गए हैं, अगर उनके विजेता को फाइनल में जगह मिलती है तो उन्हें दूसरा मौका मिलता है।

विनेश फोगाट ने अपने टोक्यो ओलंपिक अभियान की शुरुआत राउंड ऑफ 16 में  रियो 2016 की कांस्य पदक विजेता स्वीडन की **सोफिया मैटसन (**Sofia Mattsson) को हराकर की थी।

26 वर्षीय विनेश फोगाट, जिन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप में हुए अपने पिछले मुकाबले में मैटसन को 13-0 से हराया था, जिसकी वजह से विनेश टोक्यो 2020 के अपने शुरुआती मुकाबले में आत्मविश्वास से भरी दिखीं।

हालांकि शुरुआत के समय स्वीडन की खिलाड़ी काफी आक्रामक दिखी, लेकिन बाज़ी पलटते हुए विनेश 4-0 से आगे हो गई।

भारतीय खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी को शानदार हमलों सेे जवाब दिया और बिना किसी मुश्किलों के मैच को 7-1 के अंतर से जीत लिया।