पेरिस 2024 पैरालंपिक: सचिन खिलारी ने शॉट पुट में एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर जीता रजत पदक

द्वारा सतीश त्रिपाठी
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Sachin Khilari of India.
फोटो क्रेडिट Getty Images

वर्ल्ड चैंपियन भारतीय एथलीट सचिन खिलारी ने बुधवार को पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के शॉट पुट F46 इवेंट में रजत पदक जीता।

34 वर्षीय भारतीय पैरा-एथलीट ने अपने दूसरे प्रयास में 16.32 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ यह पदक हासिल किया।

कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के सीजन के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि क्रोएशिया के लुका बाकोविच ने 16.27 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक प्राप्त किया।

इसके अलावा भारत के मोहम्मद यासर (14.21 मीटर) और रोहित कुमार (14.10) क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर रहे।

F46 क्लासिफिकेशन उन एथलीटों के लिए होता है, जिनके हाथों में विकलांगता होती है, जैसे कोहनी के ऊपर या नीचे के अंगों का न होना।

सचिन खिलारी का जन्म महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक किसान परिवार में हुआ था। स्कूल के दिनों में साइकिल से गिरने के कारण उनके बाएं हाथ में विकलांगता आ गई थी।

पैरा-एथलीट होने के साथ-साथ सचिन एक मैकेनिकल इंजीनियर भी हैं और राज्य (MPSC) और राष्ट्रीय (UPSC) लोक सेवा आयोग परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की मदद भी करते हैं।

पेरिस 2024 में अब तक भारत के शानदार प्रदर्शन पर बात करते हुए खिलारी ने कहा कि “बड़े मंच पर सहज होने से भारतीय एथलीट को इस गेम्स में मदद मिली है।”

"हम भारतीय योद्धा हैं। हम बड़े मंच पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए अच्छी तैयारी करते हैं। हम बड़े मंच पर सहज होते हैं, और यही हमें एक फायदा देता है।"

"मेरा हेडबैंड मेरे योद्धा की वर्दी का हिस्सा है और क्योंकि मुझे पसीना आता है, इसलिए भी। मेरे कोच ने इसे पहनने का सुझाव दिया और यह काम कर गया। मेरे पास एक पदक है।"

सचिन का परिचय साल 2015 में पैरा खेलों से हुआ और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह दो बार के चैंपियन और एशियन पैरा गेम्स 2023 के स्वर्ण पदक विजेता हैं।

उन्होंने इस साल की शुरुआत में पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में ग्रेग स्टुअर्ट को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।

सचिन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मैं और बेहतर कर सकता हूं। मैं एक और स्वर्ण पदक चाहता था (मई में विश्व खिताब जीतने के बाद)। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। आज मेरा दिन नहीं था। यह मेरा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, जो कि अच्छा है। लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं। मुझे पता है कि मैं अगली बार और बेहतर कर सकता हूं।”

उन्होंने आगे कहा "ग्रेग बहुत अच्छे एथलीट हैं। उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। मुझे उन्हें हराने के लिए और मेहनत करनी होगी। आज मेरी तकनीक में कुछ गलतियां हो गईं, लेकिन अगली बार मैं उन्हें ज़रूर हरा दूंगा।"

पुरुषों की शॉट पुट F46 स्पर्धा में रजत पदक जीतने के साथ भारत की पेरिस 2024 पैरालंपिक में पदकों की संख्या 21 हो गई है।

मंगलवार को भारत ने पांच पदक जीतकर पहले से बेहतर प्रदर्शन करते हुए टोक्यो 2020 पैरालंपिक में हासिल 19 पदकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।