भारत के पैरालंपिक पदक विजेता: जानें पूरी लिस्ट
भारत ने पैरालंपिक खेलों में 60 पदक जीते हैं, जिसमें 16 स्वर्ण, 21 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल हैं।
समर ओलंपिक में जहां शुरुआत से भारतीय हॉकी टीम का वर्चस्व रहा। वहीं, पैरालंपिक में व्यक्तिगत एथलीटों ने देश को गौरव दिलाने के लिए अपनी महत्वूर्ण भूमिका निभाई।
1960 में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत के बाद से इसके 12 संस्करणों में हिस्सा लेते हुए, भारत ने 16 स्वर्ण, 21 रजत और 23 कांस्य सहित 60 पदक जीते हैं। सात स्वर्ण सहित 29 पदकों के साथ पेरिस 2024 भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालंपिक खेल था।
आइए एक नज़र उन भारतीय एथलीटों पर डालते हैं जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में पदक हासिल किए हैं।
मुरलीकांत पेटकर, गोल्ड मेडल, मेंस 50मीटर फ्रीस्टाइल 3, हीडलबर्ग 1972
1965 के भारत-पाक युद्ध में अपना योगदान देने वाले अनुभवी मुरलीकांत पेटकर भारत के पहले पैरालंपिक पदक विजेता हैं। मुरलीकांत पेटकर ने साल 1972 के हीडलबर्ग खेलों में पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल 3 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। इस भारतीय पैरा तैराक ने शीर्ष पुरस्कार जीतने के लिए अपने 37.33 सेकेंड के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
पेटकर भारतीय सेना में कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) में एक जवान थे। इसके साथ ही मुरलीकांत पेटकर एक मुक्केबाज थे, जिन्हें बाद में बुलेट इंजरी के कारण अपना एक हाथ खोना पड़ा और बाद में वह तैराकी में चले गए। मुरलीकांत को साल 2018 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
भीमराव केसरकर, सिल्वर मेडल, मेंस जेवलिन थ्रो L6, स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क 1984
साल 1984 के पैरालंपिक खेलों की स्टोक मैंडविल, यूनाइटेड किंगडम और न्यूयॉर्क, यूएसए द्वारा सह-मेजबानी की गई थी। जो भारत के सबसे सफल पैरालंपिक खेलों में से एक था। इस दौरान भीमराव केसरकर ने पुरुषों की जेवलिन थ्रो L6 में 34.55 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। इस भारतीय एथलीट ने पुरुषों की 100 मीटर फ्रीस्टाइल L6 इवेंट में भी हिस्सा लिया, लेकिन वह शुरुआती राउंड से आगे नहीं बढ़ सके और अपनी हीट में पांचवें स्थान पर रहे।
जोगिंदर सिंह बेदी, सिल्वर मेडल, मेंस शॉट पुट L6, स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क 1984
जोगिंदर सिंह बेदी तीन पदक के साथ भारत के एक सफल पैरालंपियन हैं। उन्होंने साल 1984 के स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क में खेले गए पैरालंपिक खेल में पुरुषों के शॉट पुट L6 में रजत पदक जीता था। जहां इस भारतीय ने अपने 10.08 मीटर के प्रयास के साथ यह कारनामा कर दिखाया था।
जोगिंदर सिंह बेदी, ब्रॉन्ज़ मेडल, मेंस जेवलिन थ्रो L6, स्टोक मैंडविल / न्यूयॉर्क 1984
जोगिंदर सिंह बेदी ने स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क में 1984 में पुरुषों की जेवलिन थ्रो L6 इवेंट में अपना दूसरा पैरालंपिक पदक हासिल किया था। जहां उन्होंने उसी इवेंट में 34.18 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता, जिसमें भीमराव केसरकर ने रजत पदक हासिल किया था।
जोगिंदर सिंह बेदी, डिस्कस थ्रो L6, स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क 1984
साल 1984 के पैरालंपिक खेलों में जोगिंदर सिंह बेदी ने मेंस डिस्कस थ्रो L6 इवेंट में अपने 28.16 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।
देवेंद्र झाझरिया, गोल्ड मेडल, मेंस जेवलिन थ्रो F44/46, एथेंस 2004
भारत ने साल 1984 के बाद से हर पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें अगले पदक विजेता के लिए एथेंस में 2004 के पैरालंपिक खेलों तक इंतजार करना पड़ा।
जहां जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया थे, जिन्होंने पुरुषों के जेवलिन थ्रो F44/46 इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल कर भारत के पदक का इंतजार खत्म किया। देवेंद्र ने 62.15 मीटर की दूरी के साथ उस समय का विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। बता दें कि देवेंद्र झाझरिया को साल 2012 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
राजिंदर सिंह रहेलू, ब्रॉन्ज़ मेडल, मेंस पॉवरलिफ्टिंग 56 किग्रा, एथेंस 2004
राजिंदर सिंह रहेलू ने एथेंस 2004 के खेलों में भारत को पदक दिलाया। जहां इस भारतीय पावरलिफ्टर ने पुरुषों के 56 किग्रा भार वर्ग में 157.5 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं, राजिंदर ने साल 2008 बीजिंग पैरालंपिक खेलों में फिर से कोशिश की, जहां वह पांचवें स्थान पर रहे। बता दें कि राजिंदर सिंह को साल 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
गिरीश एन गौड़ा, सिल्वर मेडल, मेंस हाई जम्प F42, लंदन 2012
गिरीश एन गौड़ा ने साल 2012 लंदन पैरालंपिक खेलों में भारत के एकमात्र पदक विजेता थे, जिन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। बता दें कि यह पदक उन्होंने मेंस हाई जम्प में हासिल किया था।
पुरुषों की हाई जम्प F42 इवेंट में प्रतिस्पर्धा करते हुए गिरीश ने काउंटबैक पर स्वर्ण पदक हासिल करने से चूक गए। जब उन्होंने और फिजी के इलीसा डेलाना दोनों ने 1.74 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वहीं, गिरीश एन गौड़ा को साल 2013 में पद्म श्री और एक साल बाद अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मरियप्पन थंगावेलु, गोल्ड मेडल, मेंस हाई जम्प F42, रियो 2016
तमिलनाडु के मरियप्पन थंगावेलु ने रियो 2016 पैरालंपिक खेलों में पुरुषों के हाई जम्प F42 इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था। जहां उन्होंने 1.89 मीटर की छलांग लगाते ये पदक अपने नाम किया।
मरियप्पन को उसके बाद पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं, उन्हें पिछले साल भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ज्ञानचंद खेल रत्न से नवाजा गया था।
वरुण सिंह भाटी, ब्रॉन्ज़ मेडल, मेंस हाई जम्प F42, रियो 2016
2016 के रियो पैरालंपिक खेलों में ऊंची कूद प्रतियोगिता भारत के लिए खास खेल रहा, क्योंकि वरुण सिंह भाटी पोडियम पर मरियप्पन थंगावेलु के साथ शामिल हुए रहे। उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद F42 में कांस्य पदक जीता था। जहां उनका प्रयास 1.86 मीटर था। वहीं, वरुण को साल 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
देवेंद्र झाझरिया, गोल्ड मेडल, मेंस जेवलिन थ्रो F46, रियो 2016
देवेंद्र झाझरिया, जिसे आठ साल की उम्र में एक बिजली के तार के संपर्क में आने के बाद उन्हें अपना बायां हाथ गंवाना पड़ा था। उन्होंने रियो डी जनेरियो में 2016 पैरालंपिक खेलों में अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया था। जहां उन्होंने 63.97 मीटर का थ्रो करते हुए एक रिकॉर्ड बनाया था। इस भारतीय पैरालिंपियन को साल 2017 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया था।
दीपा मलिक, सिल्वर मेडल, वूमेंस शॉट पुट F53
दीपा मलिक पैरालंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं। जिन्होंने साल 2016 के रियो खेलों में 4.61 मीटर के थ्रो के साथ महिलाओं के शॉट पुट F53 इवेंट में रजत पदक जीता था। दीपा मलिक को 2012 में अर्जुन पुरस्कार, 2017 में पद्म श्री और 2019 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार मिला। इसके साथ ही दीपा मलिक भारत की पैरालंपिक कमेटी की अध्यक्ष हैं।
भाविना पटेल, रजत पदक, वूमेंस सिंगल्स टेबल टेनिस क्लास 4, टोक्यो 2020
भाविना पटेल पैरा खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं।
अपने डेब्यू पैरालंपिक में भाविना पटेल ने फाइनल में पहुंचने के लिए सर्बिया की मौजूदा चैंपियन बोरिसलावा पेरीक को हराया। स्वर्ण पदक मैच में, भारतीय खिलाड़ी चीन की वर्ल्ड नंबर 1 झोउ यिंग से हार गईं, जिसके बाद उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
निषाद कुमार - रजत पदक - मेंस हाई जंप T47, टोक्यो 2020
भारत के निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की छलांग के साथ खुद का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और एशियन रिकॉर्ड की भी बराबरी की। इसकी बदौलत टोक्यो पैरालंपिक में मेंस हाई जंप T47 स्पर्धा में रजत पदक जीतने में सफल रहे।
यूएसए के रोडरिक टाउनसेंड-रॉबर्ट्स ने 2.15 मीटर की जंप मारकर ना केवल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया बल्कि गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया। जबकि उनके साथी अमेरिकी डलास वाइज ने निषाद कुमार के साथ सिल्वर मेडल जीता।
अवनि लखेरा - स्वर्ण पदक - महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग SH1, टोक्यो 2020
अपने ओलंपिक डेब्यू में अवनि लखेरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में SH1 वर्ग के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 249.6 का नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया। यह इस कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉ़र्ड के बराबर है।
19 साल की अवनि लखेरा ने फाइनल में शानदार फॉर्म दिखाई और उन्होंने चीन की पैरालंपिक चैंपियन क्यूपिंग झांग और यूक्रेन की मौजूदा विश्व चैंपियन इरीना शचेतनिक को पीछे छोड़ गोल्ड मेडल जीता।
देवेंद्र झजारिया - रजत पदक - मेंस जेवलिन थ्रो F46, टोक्यो 2020
देवेंद्र झजारिया मेंस जेवलिन थ्रो F46 वर्ग में रजत पदक जीतकर भारत के सबसे सफल पैरालंपियन में से एक बन गए हैं। इससे पहले उन्होंने दो पैरालंपिक एथेंस 2004 और रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीता था।
देवेंद्र ने फाइनल में 64.35 मीटर का नए विश्व रिकॉर्ड का थ्रो फेंका, जिसकी बदौलत उन्होंने अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया।
हालांकि, श्रीलंका के दिनेश हेराथ ने 67.79 मीटर का और भी बेहतर थ्रो फेंका, जिसकी बदौलत उन्होंने ना केवल नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया बल्कि गोल्ड मेडल पर भी कब्जा जमाया।
सुंदर सिंह गुर्जर - कांस्य पदक - मेंस जेवलिन थ्रो F46, टोक्यो 2020
सुंदर सिंह गुर्जर ने मेंस जेवलिन थ्रो F46 वर्ग में कांस्य पदक जीता, इस दौरान वह देवेंद्र झजारिया से पीछे रहे।
सुंदर सिंह गुर्जर ने अपना पहला पैरालंपिक पदक जीतने के लिए 64.01 मीटर का इस सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।
योगेश कथुनिया - रजत पदक - मेंस डिस्कस थ्रो F56, टोक्यो 2020
योगेश कथुनिया ने मेंस डिस्कस थ्रो F56 क्लास में 44.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
भारतीय का यह खिलाड़ी केवल ब्राजील के क्लॉडीनी बतिस्तिया डॉस सैंटोस से पीछे रहा, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के लिए 45.59 मीटर के साथ गोल्ड जीता। इस दौरान उन्होंने नया पैरालंपिक रिकॉर्ड भी बनाया।
सुमित अंतिल - स्वर्ण पदक - मेंस जेवलिन थ्रो F64, टोक्यो 2020
सुमित अंतिल ने मेंस जेवलिन थ्रो F64 कैटेगरी में स्वर्ण जीतने के लिए अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तीन बार तोड़ा।
23 साल के इस एथलीट ने अपने पिछले विश्व रिकॉर्ड 62.88 मीटर को पीछे छोड़ते हुए 66.95 मीटर थ्रो के साथ शुरुआत की। सुमित अंतिल ने अपने दूसरे प्रयास में एक बार फिर 68.08 मीटर थ्रो के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
आखिरी में उन्होंने नया वर्ल्ड रिकॉर्ड क्या 68.55 मीटर के साथ बनाया। यह फाइनल में सुमित का 5वां प्रयास था, जिसकी बदौलत वह पोडियम पर पहला स्थान हासिल करने में कामयाब रहे।
सिंहराज अदाना, कांस्य पदक, मेंस10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग SH1, टोक्यो 2020
सिंहराज अदाना ने मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 क्लास में कांस्य के साथ पैरालंपिक में भारत का दूसरा शूटिंग मेडल जीता।
39 साल के सिंहराज अदाना ने फाइनल में 216.8 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। गत चैंपियन चीन के चाओ यांग ने पैरालंपिक रिकॉर्ड 237.9 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। वहीं चीन के ही जिंग हुआंग ने रजत पदक अपने नाम किया।
मरियप्पन थंगावेलु - रजत पदक - मेंस हाई जंप T42
मरियप्पन थंगावेलु ने मेंस हाई जंप T42 क्लास में रजत पदक हासिल किया, जो कि दूसरा पैरालंपिक पदक है।
शुरुआती अंक आसानी से हासिल करने के बाद, मरियप्पन थंगावेलु ने 1.83 मीटर और 1.86 मीटर के निशान तक पहुंचने के लिए तीन-तीन प्रयास किए। उनकी कोशिश 1.88 मीटर तक पार करके स्वर्ण हासिल करने की थी लेकिन तीन कोशिश पूरी होने जाने के बाद वे आगे नहीं बढ़ सके, और उन्हे रजत पदक हासिल हुआ।
यूएसए के सैम ग्रेवे ने अपनी तीसरी और अंतिम छलांग में 1.88 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता।
शरद कुमार - कांस्य पदक - मेंस हाई जंप T42
पोडियम पर हमवतन थंगावेलु के साथ शरद कुमार थे, जिन्होंने मेंस हाई जंप T42 में कांस्य पदक जीता।
शरद कुमार ने 1.83 के पहले चार मार्क को पूरा किया जिसमें उनका पहला जंप उनके लिए पदक को सुनिश्चित करता था। हालांकि अपनी तीन कोशिश के बाद भी वे 1.86 मीटर को पार नहीं कर पाए और आखिरकर उन्हे कांस्य पदक हासिल हुआ।
प्रवीण कुमार - रजत पदक - मेंस हाई जंप T64
प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में मेंस हाई जंप T64 स्पर्धा में रजत के साथ भारत के लिए एथलेटिक्स में आठवां और हाई जंप में चौथा पदक हासिल किया।
प्रवीण कुमार ने फ़ाइनल में 2.07 मीटर की जंप को सफलतापूर्वक पार किया, और पोडियम पर पहुंचने के लिए एक व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया। उन्हें केवल ग्रेट ब्रिटेन के विश्व चैंपियन जोनाथन ब्रूम-एडवर्ड्स ने पछाड़ दिया, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के लिए 2.10 मीटर दूरी की हाई जंप की।
अवनि लखेरा - कांस्य पदक - वूमेंस 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग SH1
टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद अवनि लखेरा ने वूमेंस 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन SH1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इसने उन्हें दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बना दिया।
19 वर्षीय अवनि ने फाइनल में 445.9 अंक के साथ कांस्य पदक जीता, चीन के क्यूपिंग झांग, जिन्होंने पैरालंपिक में रिकॉर्ड 457.9 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया. तो वहीं जर्मनी की नताशा हिलट्रॉप ने 457.1 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता।
हरविंदर सिंह - कांस्य पदक - मेंस इंडिविजुअल रिकर्व - ओपन आर्चरी
हरविंदर सिंह ने इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कर लिया है, टोक्यो 2020 में मेंस इंडिविजुअल रिकर्व - ओपन आर्चरी में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया।
हरियाणा में जन्में 30 वर्षीय तीरंदाज ने एक रोमांचक प्लेऑफ मैच में दक्षिण कोरिया के किम मिन सु को 6-5 से हराकर पैरालंपिक गेम्स में भारत को अपना पहला तीरंदाजी कांस्य पदक दिलाया।
मनीष नरवाल, गोल्ड मेडल, मेंस 50 मीटर पिस्टल SH1, टोक्यो 2020
भारत के मनीष नरवाल ने टोक्यो में पैरालंपिक में रिकॉर्ड बनाते हुए मेंस 50 मीटर पिस्टल SH1 शूटिंग के स्वर्ण पदक पर दावा किया।
उन्होंने क्वालीफाइंग में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया, लेकिन मेडल राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और 218.2 का स्कोर बनाया, जो पैरा खेलों में एक नया रिकॉर्ड है।
सिंहराज अधाना, सिल्वर मेडल, मेंस 50 मीटर पिस्टल SH1, टोक्यो 2020
मनीष नरवाल के हमवतन सिंहराज अधाना ने रजत पदक जीतकर भारत के लिए इस इवेंट में पहला और दूसरा दोनों स्थान हासिल किए।
सिंहराज, जिन्होंने पहले टोक्यो में मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में कांस्य जीता था, वह क्वालीफाइंग में चौथे स्थान पर रहे। नरवाल से पीछे रहते हुए उन्होंने फाइनल में 216.7 का स्कोर किया। आरपीसी के सर्गेई मालिशेव ने 196.8 के साथ कांस्य पदक जीता।
प्रमोद भगत, गोल्ड मेडल, मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SL3, टोक्यो 2020
प्रमोद भगत मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SL3 कैटेगरी में पहले पैरालंपिक चैंपियन बने। बैडमिंटन ने पैरालंपिक खेलों में अपना डेब्यू किया।
प्रमोद भगत ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया, जहां उन्होंने जापान के डाइसुके फुजिहारा को 21-11, 21-16 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। फाइनल में भारतीय शटलर ने ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराकर पोडियम के शीर्ष स्थान पर दावा किया।
मनोज सरकार, बॉन्ज़ मेडल, मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SL3, टोक्यो 2020
भारत के मनोज सरकार ने इस इवेंट में तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता।
मनोज सरकार सेमीफाइनल में पहुंचने के दौरान ग्रुप ए में प्रमोद भगत से पीछे रहे, जहां वह अंतिम रजत पदक विजेता डेनियल बेथेल से हार गए। हालांकि, मनोज सरकार ने सेमीफाइनल में हारने वाले जापान के डाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया।
सुहास यतिराज, सिल्वर मेडल, मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SL4, टोक्यो 2020
सुहास यतिराज ने टोक्यो पैरालंपिक में मेंस सिंगल्स SL4 में रजत पदक के साथ भारत का तीसरा बैडमिंटन पदक हासिल किया।
भारत में एक आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत इस भारतीय शटलर ने ग्रुप ए में फ्रांस के विश्व चैंपियन लुकास मजूर के पीछे दूसरे स्थान पर रहने के बाद सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने अंतिम चार में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को हराया।
फाइनल में सुहास यतिराज का सामना फिर से लुकास मजूर से हुआ। ग्रुप स्टेज में सीधे गेम में उसे हराने वाले फ्रेंचमैन के खिलाफ भारतीय ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन वह यह मैच 21-15, 15-21, 17-21 से हार गए।
कृष्णा नागर, गोल्ड मेडल, मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SH6, टोक्यो 2020
कृष्णा नागर ने मेंस सिंगल्स बैडमिंटन SH6 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद टोक्यो पैरालंपिक में भारत के अभियान को शीर्ष स्तर पर खत्म किया।
राजस्थान में जन्मे इस शटलर ने शुरू से अंत तक इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाए रखा। उन्होंने ग्रुप चरण में मलेशिया के दीदीन तारेसोह और ब्राजील के विटोर गोंसाल्वेस तवारेस पर सीधे गेम में जीत हासिल की। सेमीफाइनल में भी उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के क्रिस्टन कॉम्ब्स के खिलाफ सीधे गेम में जीत हासिल की।
हांगकांग के चू मान काई के खिलाफ फाइनल थोड़ा मुश्किल रहा, लेकिन भारतीय ने यह मैच 21-17, 16-21, 21-17 से जीतकर स्वर्ण पदक हासिल कर लिया।
अवनि लेखरा, गोल्ड मेडल, वूमेंस 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1, पेरिस 2024
पेरिस 2024 में वूमेंस 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 शूटिंग स्पर्धा में शीर्ष पदक जीतने के बाद निशानेबाज अवनि लेखरा पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने नए पैरालंपिक खेलों के रिकॉर्ड के साथ अपने खिताब को सफलतापूर्वक बचाव किया।
मोना अग्रवाल, ब्रॉन्ज़ मेडल, वूमेंस 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1, पेरिस 2024
अवनि लेखरा के गोल्ड के साथ, पेरिस 2024 में वूमेंस 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 शूटिंग स्पर्धा में मोना अग्रवाल के कांस्य पदक ने पैरालंपिक खेलों में भारत के पहले डबल पोडियम फिनिश के रूप में इतिहास रच दिया।
प्रीति पाल, ब्रॉन्ज़ मेडल, वूमेंस 100 मीटर T35, पेरिस 2024
प्रीति पाल ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में वूमेंस 100 मीटर T35 स्पर्धा में 14.21 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक जीता। यह पेरिस में एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक था।
मनीष नरवाल, सिल्वर मेडल, मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1, पेरिस 2024
टोक्यो 2020 चैंपियन मनीष नरवाल ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में में मेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा में मनीष नरवाल ने कुल 234.9 अंक हासिल किए और रजत पदक जीता। स्पर्धा के फाइनल में भारतीय खिलाड़ी अपनी बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन अंततः दक्षिण कोरिया के जो जोंगदू से हार गए। जो जोंगदू का स्कोर 237.4 रहा।
रुबीना फ्रांसिस, ब्रॉन्ज़ मेडल, वूमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 शूटिंग, पेरिस 2024
रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में वूमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 शूटिंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। फाइनल में 211.1 के स्कोर के साथ एक स्थान पीछे होने से पहले रूबीना कुछ समय के लिए दूसरे स्थान पर रहीं।
प्रीति पाल, ब्रॉन्ज मेडल, वूमेंस 200 मीटर T35, पेरिस 2024
प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक में वूमेंस 200 मीटर T35 स्पर्धा में 30.01 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक जीता। इसी के साथ पैरालंपिक में एथलेटिक्स में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।
निषाद कुमार, रजत पदक, मेंस हाई जंप T47 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
निषाद कुमार ने पेरिस 2024 में मेंस हाई जंप T47 में 2.04 मीटर के सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ अपना दूसरा लगातार पैरालंपिक रजत पदक जीता।
योगेश कथूनिया, सिल्वर मेडल, मेंस डिस्कस थ्रो F56 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
निशाद की तरह, योगेश कथुनिया ने भी पेरिस 2024 में मेंस डिस्कस थ्रो F56 में 42.22 मीटर के प्रयास के साथ अपना लगातार दूसरा पैरालंपिक रजत पदक जीता।
नितेश कुमार, गोल्ड मेडल, मेंस सिंगल SL3 बैडमिंटन, पेरिस 2024
पेरिस 2024 में मेंस सिंगल SL3 बैडमिंटन फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर नितेश कुमार ने पैरालंपिक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
मनीषा रामदास, कांस्य पदक, महिला एकल SU5 बैडमिंटन, पेरिस 2024
दूसरी वरीयता प्राप्त मनीषा रामदास ने डेनमार्क की तीसरी वरीयता प्राप्त कैथरीन रोसेनग्रेन को 21-12 21-8 से हराकर पेरिस 2024 में महिला एकल SU5 बैडमिंटन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। यह पैरालिंपिक में बैडमिंटन में किसी भारतीय महिला का पहला पदक था।
थुलासिमथी मुरुगेसन, रजत पदक, महिला एकल SU5 बैडमिंटन, पेरिस 2024
शीर्ष वरीयता प्राप्त तुलसीमथी मुरुगेसन को फाइनल में चीन की मौजूदा चैंपियन यांग किउक्सिया से 21-17, 21-10 से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें पेरिस 2024 पैरालिंपिक में महिला एकल SU5 बैडमिंटन स्पर्धा में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
सुहास लालिनाकेरे यथिराज, रजत पदक, पुरुष एकल SL4 बैडमिंटन, पेरिस 2024
पेरिस 2024 के फाइनल में फ्रांस के लुकास मजूर से सीधे गेम में हारने के बाद सुहास लालिनाकेरे यथिराज ने पुरुष एकल SL4 बैडमिंटन इवेंट में लगातार दूसरा पैरालंपिक रजत पदक जीता। लुकास ने एक बार फिर सुहास को खिताब जीतने से वंचित कर दिया। टोक्यों 2020 फाइनल में भी लुकास ने ही भारतीय को हराया था।
राकेश कुमार/शीतल देवी, कांस्य पदक, मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीरंदाजी, पेरिस 2024
शीतल देवी और राकेश कुमार ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में मिक्स्ड टीम कंपाउंड आर्चरी इवेंट में मामूली अंतर से इटली के एलिओनोरा सारती और माटेओ बोनासिना को 156-155 से हराकर कांस्य पदक जीता।
सुमित अंतिल, स्वर्ण पदक, जैवलिन थ्रो F64 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
पेरिस 2024 में भाला फेंक F64 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुमित अंतिल पैरालंपिक में खिताब को डिफेंड करने वाले पहले भारतीय और देश के दूसरे एथलीट बन गए। उन्होंने इसे 70.59 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ अपने नाम किया।
निथ्या श्री सिवान, कांस्य पदक, महिला एकल SH6 बैडमिंटन, पेरिस 2024
निथ्या श्री सिवान ने प्लेऑफ मैच में इंडोनेशिया की रीना मार्लिना को 21-14, 21-6 से हराकर पेरिस 2024 पैरालंपिक में महिला एकल SH6 बैडमिंटन स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
दीप्ति जीवनजी, कांस्य पदक, महिलाओं का 400 मीटर T20 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
वर्ल्ड चैंपियन दीप्ति जीवनजी ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में महिलाओं के 400 मीटर T20 वर्ग रेस में 55.82 सेकेंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता।
शरद कुमार, रजत पदक, पुरुषों की ऊंची कूद T63 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
शरद कुमार ने पेरिस 2024 में पुरुषों की ऊंची कूद T63 में 1.88 मीटर के प्रयास के साथ टोक्यो 2020 के कांस्य पदक के रंग को बदलते हुए रजत पदक हासिल किया।
मरियप्पन थंगावेलु, कांस्य पदक, पुरुषों की ऊंची कूद T63 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
पुरुषों की ऊंची कूद T63 स्पर्धा में पेरिस 2024 में कांस्य पदक जीतने के बाद मरियप्पन थंगावेलु लगातार तीन पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए।
अजीत सिंह, रजत पदक, पुरुषों का भाला फेंक F46 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
अजीत सिंह ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के भाला फेंक F46 इवेंट में 65.62 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक जीता।
सुंदर सिंह गुर्जर, कांस्य पदक, पुरुषों का भाला फेंक F46 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
सुंदर सिंह गुर्जर ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के भाला फेंक F46 इवेंट में 64.96 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। टोक्यो 2020 में इसी स्पर्धा में कांस्य के बाद यह उन्होंने दूसरा पैरालंपिक पदक अपन नाम किया।
सचिन खिलारी, रजत पदक, पुरुषों का शॉट पुट F46 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
सचिन खिलारी ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के शॉट पुट F46 इवेंट में 16.32 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता।
हरविंदर सिंह, स्वर्ण पदक, पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन तीरंदाजी, पेरिस 2024
पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरविंदर सिंह पेरिस 2024 में तीरंदाजी में भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बन गए। उन्होंने फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 (28-24, 28-27, 29-25) से हराने के लिए अपने आखिरी चार निशाने 10 अंकों के लगाए।
धरमबीर, स्वर्ण पदक, पुरुष क्लब थ्रो F51 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
धरमबीर ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के क्लब थ्रो F51 वर्ग में 34.92 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
प्रणव सूरमा, रजत पदक, पुरुष क्लब थ्रो F51 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
धरमबीर ने जहां स्वर्ण पदक जीता, वहीं प्रणव सूरमा ने पेरिस 2024 में पुरुषों के क्लब थ्रो F51 वर्ग में 34.59 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक जीता। इस परिणाम के साथ पैरालंपिक खेलों में भारत ने पहली बार एक ही खेल में दो पोडियम स्थान हासिल किए।
कपिल परमार, कांस्य पदक, पुरुष 60 किग्रा J1 जूडो, पेरिस 2024
कपिल ने पुरुषों की 60 किग्रा J1 स्पर्धा के कांस्य पदक मुकाबले में ब्राजील के एलिएलटन डि ओलिवेरा को 10-0 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया।
प्रवीण कुमार, स्वर्ण पदक, पुरुष हाई जंप T64 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
प्रवीण कुमार ने पुरुषों की हाई जंप T64 स्पर्धा में 2.08 मीटर के एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
होकाटो होतोझे सेमा, कांस्य पदक, पुरुषों का शॉट पुट F57 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
होकाटो होतोझे सेमा ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में पुरुषों के शॉट पुट F57 स्पर्धा में 14.65 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता।
सिमरन, कांस्य पदक, महिलाओं की 200 मीटर टी12 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
सिमरन ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में महिलाओं की 200 मीटर टी12 श्रेणी में 24.75 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता। यह इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था।
नवदीप सिंह, स्वर्ण पदक, पुरुषों की भाला फेंक F41 एथलेटिक्स, पेरिस 2024
बांए हाथ के भारतीय एथलीट नवदीप सिंह ने पेरिस 2024 में पुरुषों की भाला फेंक F41क्लास में 47.32 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता। यह इस स्पर्धा में भारत का पहला पदक था।