पीवी सिंधु और थॉमस रोह्लर के साथ माइंडफ़ुलनेस

रियो 2016 के जेवलिन थ्रो चैंपियन और बैडमिंटन रजत पदक विजेता बताते हैं कि अपने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए माइंडफुलनेस का उपयोग कैसे करें।

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Rohler IV THUMB

माइंडफुलनेस तीन प्रमुख तकनीकों में से एक है, जो Olympic State of Mind, ब्रिजस्टोन ओलंपिक चैनल  का अनुभव आपको सबसे बेहतर बनने में मदद करता है।

लेकिन ये क्या हैं?

कोलिन्स इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, माइंडफुलनेस (सचेतन) "अपने दिमाग को शांत रखने और अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए और वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ट्रेनिंग करने का एक तरीका है"।

ये निश्चित रूप से एक एथलीट को ध्यान भंग करने से रोकने में मदद कर सकता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है।

एथलेटिक्स – थॉमस रोह्लर

जहां ऑस्ट्रेलियाई तैराकी सनसनी एरियाने टिट्मस जैसे एथलीट प्रतिस्पर्धा से पहले खुद को प्रेरित करने में मदद करने के लिए संगीत सुनते हैं, अन्य लोग अधिक विचारशील दृष्टिकोण अपनाते हैं।

उनमें से एक रियो 2016 जेवलिन थ्रो चैंपियन थॉमस रोह्लर हैं।

वो कहते हैं, "जब किसी प्रतियोगिता की तैयारी की बात आती है, तो मैं वास्तव में संगीत नहीं सुनता हूं। मेरे लिए वहां का वातावरण बहुत महत्वपूर्ण है और मैं हमेशा उस स्थिति का अच्छा अनुभव करना चाहता हूं, वहां मैं स्टेडियम में जाता हूं और वार्म-अप शुरू करता हूं।

"मैं उन एथलीटों में से एक हूं जो वार्म-अप में संगीत का उपयोग नहीं करते हैं, क्योंकि मैं प्रतियोगिता स्थल के परिवेश में मानसिक रूप से सुपर-क्लियर रहना चाहता हूं।"

जब अच्छे और बुरे दिनों की बात होती है तो ये जर्मन भी काफी खुश नज़र आते हैं।

उनका मानना है कि माइंडफुलनेस अनुभव से पैदा होती है, जिससे उन्हें शांत और सुरक्षित रहने में मदद मिलती है, जब चीजें बेहतर होने वाली होती हैं।

"नकारात्मक विचारों को सकारात्मक में बदलना कुछ ऐसा है जो आप वर्षों से सीखते हैं क्योंकि प्रशिक्षण में असफल होना सामान्य है। एक एथलीट के होने के नाते  आप हर दिन बेहतर नहीं कर सकते हैं।

"आप जानते हैं कि ये वास्तव में एक अच्छी बात है, अगर आप मानसिक रूप से थका हुआ महसूस कर रहे हैं, अगर आप शारीरिक रूप से थक चुके हैं। हम इन स्थितियों को जानते हैं। हम जानते हैं कि ये अगले दिन या सप्ताह के बाद या वास्तव में एक साल बाद बेहतर होने वाला है - खेल में कुछ प्रक्रियाओं में इतना समय लगता है। ये सिर्फ अनुभव से पता चलता है।"

Olympic State of Mind

Olympic State of Mind is a short video series that guide viewers through each stage of an athlete’s mental journey, providing tangible tips and centres viewers around the three key pillars of Olympic State of Mind - Motivation, Mindfulness and Visualisation.

बैडमिंटन – पीवी सिंधु

पीवी सिंधु के अनुसार माइंडफुलनेस ने उनके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की है।

ये भारतीय शटलर रियो 2016 में रजत पदक जीतकर बड़े टूर्नामेंटों में अपना परचम लहराने वाली खिलाड़ी बन गईं। इसके पहले वो विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में दो हार झेल चुकी थीं।

लेकिन उन्होंने 2019 के बीच में मेडिटेशन करना शुरू किया और एक सप्ताह के भीतर उन्होंने अपनी नाकामयाबी को हराया और बेसेल में पहला विश्व खिताब जीता

उन्होंने कहा, "हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता है। मैं इसे 50-50 मानती हूं, दोनों ही महत्वपूर्ण है।

"कल्पना कीजिए जब आप हार रहे होते हैं या जब आप अंक गवांते हैं। तब आपको अपनी मानसिक शक्ति की आवश्यकता होती है। मैं उस पर काम कर रही हूं - मैंने मेडिटेशन करना शुरू कर दिया है जो मुझे शांत और सहनशील बनाये रखता है। ये मैच के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको विचलित नहीं होना चाहिए, आपको हर समय ध्यान केंद्रित करना होगा।‘’

"मैं वास्तव में इसका आनंद लेती हूं। मैं पहले सिर्फ अपने खेल के बारे में सोचती थी लेकिन मैंने कभी इस तरह से मेडिटेशन नहीं किया।"

"ये कभी भी सुबह या दोपहर में हो सकता है, जब भी मेरे पास समय होता है। मेरे मुताबिक, माइंडफुलनेस तब होती है जब आप अपने दिमाग में कुछ सोचते हैं, आपको बस इसके साथ जाना होता है।"

ओलंपिक स्टेट ऑफ माइंड के साथ माइंडफुलनेस का अनुभव

ये शानदार इंटरएक्टिव ओलंपिक स्टेट ऑफ माइंड पर देखने को मिलेगा और इसमें ब्रिजस्टोन एथलीट एम्बेस्डर **एलिसन फेलिक्स, जॉर्डन ब्यूरफ, ऐ यूएडा **और एरियार्ने टिटमस नज़र आएंगे। आपकी अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ओलंपिक चैनल पॉडकास्ट के एक विशेष संस्करण में वीडियो क्लिप, पहेलियां और गेम हैं।

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