ओलंपिक स्पिरिट: प्योंगचांग 2018 विंटर ओलंपिक में आइस हॉकी ने नॉर्थ और साउथ कोरिया को जोड़ा

2018 में साउथ और नॉर्थ कोरिया के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी लेकिन विंटर ओलंपिक गेम्स इन दोनों देशों को साथ लाया और वुमेंस आइस हॉकी के उन मुकाबलों ने यह दशा हमेशा के लिए बदल कर रख दी।

4 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
copy of SWE v COR (Classif. Game) - Women's Ice Hockey | PyeongChang 2018 Replays

राजनैतिक तौर पर अलग हो चुके नॉर्थ और साउथ कोरिया ने पहले एक ही नाम से बहुत सी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं की हैं। अब एक ही झंडे के लिए स्पर्धा करने के मौके अब इन दोनों के लिए बेहद कम हैं।

कोरिया पहला ऐसा देश नहीं है जिसने ऐसा किया है। ईस्ट और वेस्ट जर्मनी ने अलग होने के बाद 1952 और 1964 के बीच मिलकर प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। वहीं इजिप्ट और सिरिया ने भी यूनाइटेड अरब रिपब्लिक बन कर 1960 और 1964 ओलंपिक गेम्स में भाग लिया है।

कोरियंस ने सिडनी 2000 ओलंपिक गेम्स में एक साथ परेड की थी लेकिन उन्होंने स्पर्धा अलग-अलग की थी। फिर 2004 एथेंस में एक बार फिर इन देशों ने ऐसा ही किया और इसके बाद ट्यूरिन 2006 में इनके हालात कुछ ऐसे ही रहे। प्योंगचांग 2018 में इसमें फेरबदल देखा गया।

राजनीति में उलझे

2018 विंटर ओलंपिक से पहले कोरिया राजनैतिक गतिविधियों में लगा हुआ था और माहौल ख़राब होता जा रहा रहा। ऐसे में यह भी कहा जा रहा था कि नॉर्थ कोरिया के एथलीट गेम्स में भगा लेंगे भी या नहीं।

इंटरनेशनल ओलंपिक कमीटी नॉर्थ कोरिया के एथलीटों को बुलाना चाहती थी और ऐसे में इस संगठन ने अपना काम बेहद अच्छे तरीके किया।

बहुत बहस और बातचीत के बाद नॉर्थ कोरिया के खिलाड़ियों ने 2018 संस्करण में हिस्सा भी लिया। रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया की ओर वुमेंस नेशनल आइस हॉकी क्वालिफाई कर चुकी थी और इस टीम में डेमोक्रेटिक पीपल रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया के खिलाड़ियों को भी इस टीम का हिस्सा बनाया गया। ओलंपिक इतिहास में एस अफ्ली बार हुआ था कि इन दोनों देशों ने एक ही टीम बनकर स्पर्धा की थी।

इंटरनेशनल ओलंपिक कमीटी के सदस्य ओलिविएर निमे (Olivier Niamey) ने कहा“आखिरी समय तक तनाव का माहौल बना हुआ था। किसी को नहीं पता था कि क्या होने वाला है। जब सब सही हुआ तो सबको तसल्ली मिली और ता सोचा कि अब गेम्स को शुरू किया जा सकता है।”

गेम्स में भागीदारी

डेमोक्रेटिक पीपल रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया के 22 एथलीटों ने प्योंगचांग 2018 में स्पर्धा की थी।

रेंडी ग्राफिन (Randi Griffin) जो कि रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया के सदस्य भी हैं उन्होंने नए खिलाड़ियों के लिए एक मीटिंग भी स्थापित की और इस विषय पर बात करते हुए कख “जब हम पहली बार मिले तब ऐसा लग रहा था कि स्कूल का पहला दिन था।”

टीम के सामने चुनौतियां थी। दोनों ही देशों की भाषा एक थी तो ऐसे में उनके बीच की दूरी को कम किया जा सकता था। इस टीम के कोच अमरीकी साराह मरे (Sarah Murray) थे। दोनों ही देशों के खिलाड़ी एक जुट हो कर खेल रहे थे जिस वजह से प्रतियोगिता में चार चांद भी लग गए थे।

(2016 Kyodo News)

प्योंगचांग में कोरिया की महिला हॉकी टीम सबसे निचले स्थान पर रही थी लेकिन वहीं मेंस टीम ने जनता का खूब मनोरंजन किया। गंगनेउंग और क्वानडाँग हॉकी सेंटर में खेले जा रहे मुकाबलों के समय लोगों ने “हम एक हैं” के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे यह साबित होता है कि खेल लोगों को जोड़ने का काम करता है और उस समय कुछ ऐसा ही देखा भी गया था।

एक साथ खेल रही कोरियाई टीम

“UN जनरल असेंबली ने ओलंपिक की शान्ति की शपत ली थी लेकिन 2017 में बनी कमीटी द्वारा किया गया यह कार्य सबसे ख़ास बन गया।”यूनाइटेड नेशंस के पूर्व सेक्रेटरी जनरल बैन की-बून (Ban Ki-moon) ने कहा

“स्पोर्टिंग इवेंट ने लोगों की सोच पर बहुत प्रभाव डाला और साथ ही इस प्रभाव से राजनैतिक दृश्य पर भी असर पड़ा। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि साउथ कोरियन और नॉर्थ कोरियन लोगों के दिल और दिमाग के हालात बदल जाएंगे और इसका असर भुगोल राजनीति पर भी पड़ा“इससे यह पता चला कि आइस हॉकी के ज़रिए हम एक साथ आ गए।”

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