नीदरलैंड की महिला हॉकी टीम के वर्चस्व की कहानी 

ओलिंपिक खेलों के इतिहास में कई सारे ऐसे देश हैं जिनकी टीमें न केवल पदक जीती हैं बल्कि कई सालों तक लगातार ऐसा प्रदर्शन दिखाया है जिसे अद्भुत के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता। टोक्यो 2020 आपको ऐसी कुछ अनोखी और बेहद सफल टीमों की कहानी बताएगा। इस सप्ताह हम आपको बताएँगे हॉलैंड की महिला हॉकी टीम के दशकों से चलते आ रहे अद्भुत प्रदर्शन की कहानी। 

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Women's hockey team Netherlands
(2012 Getty Images)

शुरुआत की कहानी

हॉकी के सौ साल से भी ज़्यादा लम्बे इतिहास में बहुत ही कम देश ऐसे हैं जो नीदरलैंड के रिकॉर्ड का मुकाबला कर सकता है। ख़िताबों से लेकर खेल की क्षमता तक, नीदरलैंड का कोई मुकाबला नहीं है।

खेल इतिहास में इस देश ने बहुत शक्तिशाली टीमों को मैदान में उतारा है लेकिन उनमे से बहुत कम ऐसी होंगी जो उनकी महिला हॉकी टीम का मुकाबला कर सके। चाहे ओलिंपिक खेल हों या विश्व कप, हॉलैंड की राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम को हराना किसी भी अन्य देश के लिए बहुत कठिन रहा है।

अगर नीदरलैंड की महिला हॉकी टीम की सफलता का आंकलन करना है तो पुरुष टीम से उनकी तुलना करने पर जो परिणाम आता है वह काफी आश्चर्यजनक है। पुरुषों की हॉकी टीम ने आज तक 14 विश्व कप में हिस्सा लिया है और तीन ख़िताब जीते हैं वहीँ दूसरी ओर महिला टीम ने 14 में से आठ बार यह प्रतियोगिता अपने नाम करि है।

ओलिंपिक खेलों की बात करें तो हॉलैंड की महिला हॉकी टीम ने तीन स्वर्ण (1984, 2008, 2012), दो रजत (2004, 2016) और तीन कांस्य (1988, 1996, 2000) जीते हैं। हॉकी इतिहास में पहला महिला विश्व कप 1974 में आयोजित हुआ था और नीदरलैंड ने अर्जेंटीना को फाइनल में हरा कर यह ख़िताब अपने नाम किया था। 80 के दशक में नीदरलैंड की महिला हॉकी टीम ने तीन विश्व कप ख़िताब लगातार जीते और विश्व हॉकी में अपना दबदबा बनायam.

(2018 Getty Images)

साल 1980 में आयोजित हुए ओलिंपिक में नीदरलैंड ने भाग नहीं लिया लेकिन ठीक चार साल बाद लॉस एंजेलेस में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीम होने के बाद भी नीदरलैंड को अपने अगले स्वर्ण के लिए 24 वर्षों का इंतज़ार करना पड़ा।

सबसे बड़ी जीत

हॉलैंड ने 1990 का विश्व कप अपने नाम किया लेकिन दो साल बाद बार्सिलोना ओलिंपिक खेलों में उनका प्रदर्शन बहुत निराशापूर्ण रहा। अगले आठ सालों में वह एक भी विश्व कप या ओलिंपिक स्वर्ण तो नहीं जीत पाए लेकिन दो कांस्य पदक (1996 और 2000) अपने नाम किये।

नई सहस्राब्दी की शुरुआत में Marc Lammers को नीदरलैंड महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया और उन्होंने प्रदर्शन में सीधा सुधार लाते हुए 2004 एथेंस खेलों में रजत पदक दिलाया। ग्रुप भाग में हॉलैंड ने चारों मैच जीते और सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को पराजित करते हुए फाइनल में प्रवेश किया लेकिन जर्मनी ने उन्हें 2-1 हरा कर स्वर्ण का सपना तोड़ दिया।

(2008 Getty Images)

Lammers के संरक्षण में हॉलैंड ने 2006 में विश्व कप जीता और वह 2008 बीजिंग ओलिंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने के सबसे प्रबल दावेदार थे। चीन में पूरे विश्व के सामने नीदरलैंड ने विश्व हॉकी में अपने दबदबे के एक और दशक की शुरुआत करि और बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए अपने सारे प्रतिद्वंदियों को ध्वस्त कर दिया।

ग्रुप चरण में नीदरलैंड ने पाँचों मैच जीते और 14 गोल मारे जबकि बस तीन गोल दिए। सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को 5-2 परास्त करने के बाद नीदरलैंड ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में चीन को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह स्वर्ण पदक हॉलैंड के लिए 24 साल बाद आया।

बीजिंग खेलों के चार साल बाद 2012 लंदन ओलिंपिक में नीदरलैंड ने अपने स्वर्ण पदक की रक्षा करी और बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया। चार साल पहले के प्रदर्शन को दोहराते हुए उन्होंने ग्रुप चरण के सारे मैच जीतने के बाद अर्जेंटीना के साथ फ़ाइनल मुकाबला सुनिश्चित किया। दो साल पहले विश्व कप फाइनल में हार का बदला लेते हुए उन्होंने 2-0 से अर्जेंटीना को हरा कर स्वर्ण अपने नाम किया।

हॉकी के ओलिंपिक इतिहास में किसी भी महिला टीम ने आज तक तीन स्वर्ण लगातार नहीं जीते और नीदरलैंड यह अद्भुत रिकॉर्ड प्राप्त करने की कगार पर थी लेकिन 2016 रियो खेलों के फाइनल में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। इक्कीसवी सदी में इस टीम के वर्चस्व का पता इस बात से लगाया जा सकता है की साल 2000 से 2016 तक हर ओलिंपिक खेलों पर पदक जीता।

(2018 Getty Images)

अहम् खिलाड़ी

हॉलैंड की महिला टीम ने हॉकी के आठ विश्व कप, तीन ओलिंपिक स्वर्ण और दस यूरोपिय चैंपियनशिप अपने नाम किये हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है इस टीम के लिए खेलने वाल कई महान खिलाड़ी।

Toos Bax, Suzan Bekker, Sophie von Weiler और Fieke Boekhorst जैसे खिलाड़ियों ने 70 और 80 के दशकों में विश्व हॉकी में अपना दबदबा बनाया और हॉलैंड को कई ख़िताब जीतने में सहायता करी।

अगर 21वीं सदी की बात करें तो हॉलैंड की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि एफआईएच द्वारा दिए जाने वाले प्लेयर ऑफ़ द ईयर पुरस्कार को दस बार हॉलैंड की महिला खिलाड़ियों ने जीता है। अर्जेंटीना की Luciana Aymar ने अर्जेंटीना को मिले दस में सात पुरस्कार जीते हैं वहीँ दूसरी तरफ यह सम्मान हॉलैंड की छह अलग खिलाड़ियों को मिला है जिनेम Mijntje Donners (2003), Minke Booij (2006), Naomi van As (2009 and 2016), Maartje Paumen (2011 and 2012), Ellen Hoog (2014), Lidewij Welten (2015) और Eva de Goede (2018 और 2019) शामिल हैं।

(2016 Getty Images)

आगे का लक्ष्य

टोक्यो 2020 ओलिंपिक खेलों विलंबित होने के पहले नीदरलैंड टीम का प्रदर्शन एफआईएच प्रो हॉकी लीग में बहुत ही उम्दा था और पांच में से चार मैच उन्होंने जीत हासिल करी जिनमें उन्होंने 19 गोल दागे।

अगले साल होने वाले ओलिंपिक खेलों में हॉलैंड एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतने के सबसे प्रबल दावेदार होंगे। Eva De Goede और Margot van Geffen जैसे खिलाड़ी रियो ओलिंपिक में हारे हुए स्वर्ण पदक को दोबारा जीतने का प्रयास करेंगे।

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