किशोर जेना कहते हैं, 'इस बात की पूरी संभावना है कि भारत पेरिस ओलंपिक में एक से अधिक जैवलिन थ्रो मेडल जीत सकता है'
एशियन गेम्स में हमवतन नीरज चोपड़ा से पीछे रहने वाले जेना ने यह भी कहा कि वह मौजूदा ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन को एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं, बल्कि एक गुरु के रूप में देखते हैं।
किशोर कुमार जेना ने पिछले साल हांगझोऊ में एशियन गेम्स 2023 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीतने और पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए भारत के लिए दूसरा कोटा हासिल करने के बाद खूब प्रसिद्धि हासिल की है।
हालांकि, इस साल ओडिशा के 28 वर्षीय खिलाड़ी का लक्ष्य और भी ऊंचा है और उनकी नजरें ओलंपिक पदक पर हैं। उनकी महत्वाकांक्षा उन्हें मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन हमवतन नीरज चोपड़ा को चुनौती देती हुई नज़र आ सकती है, लेकिन किशोर जेना इसे अपने लिए एक बाधा की बजाय एक अवसर मानते हैं।
जेना ने बुधवार को चंडीगढ़ में खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन (KIRTI) प्रोग्राम के शुभारंभ के दौरान SAI मीडिया के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “नियम के अनुसार, जैवलिन थ्रो में एक देश से तीन एथलीट प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इससे पेरिस में अधिक पदक जीतने की संभावना बढ़ जाती है।”
जेना ने आगे कहा, "हम सभी ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अगर हम सही स्थिति में और चोटों से दूर रह सकते हैं, तो भारत टोक्यो से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।" उन्होंने कहा कि वह सुपरस्टार चोपड़ा को एक प्रतियोगी के बजाय एक मेंटर और प्रेरक मानते हैं।
जेना ने कहा, "मेरा लक्ष्य अपने परिणामों में सुधार करना और अपनी कमजोरियों को दूर करना है। मैं नीरज भाई से सुझाव लेता रहता हूं। मैं उन्हें अपने प्रतिस्पर्धी के रूप में नहीं देखता हूं।”
किशोर जेना ने बताया, “जब भी मैं किसी समस्या का सामना करता हूं तो मैं उनकी सलाह लेता हूं क्योंकि वह उन सबसे अच्छे इंसानों में से एक हैं जिनसे मैं कभी मिला हूं। जब सही टिप्स देने की बात आती है तो वह पीछे नहीं हटते।''
पिछले साल हांगझोऊ में, जेना एशियन गेम्स में पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को ऐतिहासिक सिल्वर मेडल दिलाने के लिए जिम्मेदार थे। वहीं, हमवतन नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। जेना, जो ओडिशा के पुरी जिले के एक किसान परिवार से हैं, उन्होंने 87.54 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक हासिल किया और स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा (88.88 मीटर) के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए इतिहास रच दिया।
जेना ने कहा, “उस समय मुझे खुशी थी कि मैंने पेरिस 2024 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। मैं उनके (चोपड़ा) पास गया और उन्हें बताया कि मैं क्वालीफाई कर चुका हूं। उन्होंने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाते हुए कहा कि मैं बड़ा थ्रो कर सकता हूं। हर किसी की तरह, मेरा लक्ष्य पदक जीतना है, लेकिन यह पूरी तरह से मेरे नियंत्रण में नहीं है और मैं अपने पहले ओलंपिक में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।”
किशोर जेना बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भी पांचवें स्थान पर रहे, जहां नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था।
फिर भी इस साल प्रतिस्पर्धा करने के लिए, जेना पेरिस 2024 के लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया में गोल्ड कोस्ट की एक एक्सपोज़र यात्रा पर गए थे, जहां उनके साथ कोच समरजीत सिंह मल्ही भी थे।
जेना ने कहा, “पिछले साल की तुलना में मेरे सीज़न की शुरुआत अच्छी रही है। मेरा मानना है कि 2024 मेरे लिए एक शानदार सीजन होगा। प्रैक्टिस अच्छी चल रही है... मुझे यकीन है कि मेरा प्रदर्शन बेहतर होगा क्योंकि मैं अपना 100 फीसदी दूंगा, बाकी सब ऊपर वाले पर निर्भर है कि उस खास दिन पर क्या होता है।''
जेना वर्तमान में पटियाला में नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NSNIS) में प्रशिक्षण ले रहे हैं और मई में होने वाली 2024 डायमंड लीग सीज़न के दोहा चरण के साथ अपने सीज़न की शुरुआत करेंगे।