बारिश ना होती तो कमलप्रीत कौर टोक्यो में सिल्वर मेडल जीत सकती थी: कोच राखी त्यागी

डिस्कस थ्रोअर की काफी लंबे समय से कोच रहीं राखी त्यागी ने कमलप्रीत कौर के बारे में बताया कि वह निरंतर बेहतर करते हुए आगे बढ़ी और टोक्यो ओलंपिक खेलों में उनके प्रदर्शन के साथ-साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी भी अच्छी थी।

7 मिनटद्वारा रितेश जायसवाल
TOKYO, JAPAN - JULY 31: Kamalpreet Kaur of Team India reacts while competing in the Women's Discus Throw Qualification on day eight of the Tokyo 2020 Olympic Games at Olympic Stadium on July 31, 2021 in Tokyo, Japan. (Photo by Michael Steele/Getty Images)
(Michael Steele/ Getty Images)

कमलप्रीत कौर (Kamalpreet Kaur) की कोच राखी त्यागी (Rakhi Tyagi) का कहना है कि अगर वूमेंस डिस्कस थ्रो फाइनल में बारिश की वजह से मुश्किल न हुई होती तो कौर ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के लिए रजत पदक जीता होता।

मेंस जेवलिन थ्रो गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के अलावा कमलप्रीत कौर टोक्यो में एक एथलेटिक्स इवेंट के फाइनल में जगह बनाने वाली एकमात्र अन्य भारतीय महिला एथलीट थीं।

जहां एक ओर एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन नीरज चोपड़ा को टोक्यो 2020 के लिए पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, वहीं दूसरी ओर कमलप्रीत ने मार्च में पटियाला में फेडरेशन कप में एक नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करके सभी को हैरान कर दिया था।

कमलप्रीत कौर ने इस दौरान 65.06 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया था, जो कि एक भारतीय महिला द्वारा 65 मीटर से अधिक का पहला प्रयास था। इसने लगभग एक दशक पहले 2012 में कृष्णा पूनिया (Krishna Poonia) के द्वारा बनाए गए 64.76 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।

जो एथलीट 2018 एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सकीं थीं, उनके लिए 25 वर्षीय कमलप्रीत काफी आगे नज़र आ रहीं थीं। इसके बाद पटियाला में इंडियन ग्रां प्री में उन्होंने अविश्वसनीय 66.59 मीटर दूर का थ्रो किया। हालांकि, इसे राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं माना गया, क्योंकि उस दिन वह एक्शन में नज़र आने वाली एकमात्र डिस्कस थ्रोअर थीं।

टोक्यो के ओलंपिक स्टेडियम में जर्मनी की क्रिस्टिन पुडेन्ज़ (Kristin Pudenz) ने 66.86 मीटर के डिस्कस थ्रो के साथ रजत पदक जीता।

राखी त्यागी ने Olympics.com को बताया, “मुझे उम्मीद थी कि वह (कमलप्रीत) 67 मीटर से अधिक का थ्रो करेगी।"

लेकिन कमलप्रीत कौर ने फाइनल में 63.7 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए छठा स्थान हासिल किया।

कमलप्रीत का क्वालिफिकेशन राउंड में 64 मीटर का प्रयास केवल यूएसए की पिछली स्वर्ण पदक विजेता वैलेरी ऑलमैन (Valarie Allman) से कम रहा, जिन्होंने बारिश की वजह से फाइनल में मुश्किल बढ़ने से पहले अपने पहले प्रयास में 68.98 मीटर का लंबा थ्रो फेंका था।

पुर्तगाल की लिलियाना सीए (Liliana Ca) पांचवें स्थान पर रहीं, जो थोड़ी देर के लिए फाइनल को रोके जाने से पहले अपने एक प्रयास में फिसल गईं और सर्कल में गिर गईं।

त्यागी ने इसको समझाते हुए बताया, “कुछ खेल स्थानों पर सर्कल चिकना और कुछ स्थानों पर खुरदरा हो सकता है। टोक्यो में सर्कल पहले से ही थोड़ा फिसलन वाला था, क्योंकि यह काफी चिकना था। और जब बारिश हुई, तो डिस्कस थ्रो करने वाले फिसलने लगे और उन्होंने इवेंट को रोक दिया।”

उन्होंने आगे कहा, “एथलीट फर्श पर बिल्कुल भी पकड़ नहीं बना पा रहे थे। तो यह ठीक ऐसा था जैसे कि आप लगभग खड़े होकर थ्रो कर रहे थे, आप घूम जरूर रहे थे, लेकिन उस तरह से घूमने से आपको कोई फायदा नहीं हो रहा था।”

राखी त्यागी टोक्यो में कमलप्रीत के साथ नहीं जा सकीं। ऐसा इसलिए क्योंकि कमलप्रीत से पदक जीतने की उम्मीद काफी कम थी, इस वजह से त्यागी का नाम टोक्यो 2020 से कुछ महीने पहले एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता के लिए प्रस्तुत किए गए नामों की लंबी सूची में भी नहीं था।

इसके बाद कोच ने वही किया जो वह कर सकती थीं। राखी त्यागी लगातार उनके संपर्क में रहीं, यहां तक कि वह कमलप्रीत के इवेंट के दौरान स्टैंड में उपस्थित अन्य भारतीय कोचों को फोन पर सलाह भी दे रही थीं ताकि वे इसे कौर तक पहुंचा सकें। हालांकि, यह निश्चित तौर पर स्वयं के वहां होने जैसा नहीं था।

राखी त्यागी बताती हैं कि फाइनल के बाद कमलप्रीत कौर ने उनसे क्या कहा। उन्होंने कहा, “मैडम अगर आप यहां होती, तो मुझे मेडल जरूर मिलता। मुझे यहां पर आपकी काफी कमी महसूस हुई। मेरी ट्रेनिंग उतनी अच्छी नहीं हो सकती थी क्योंकि आप यहां नहीं थीं।”

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि मैंने उसे इस बात का बहुत अधिक पछतावा नहीं करने दिया।"

कोच राखी त्यागी ने कमलप्रीत के अंदर दिखने वाली आग को सालों से भुनाया और उसको सही दिशा दी। वह फरवरी 2014 से उनकी कोच रही हैं।

और जैसे ही उन्होंने पहली बार कमलप्रीत को पंजाब के बादल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ट्रेनिंग सेंटर में देखा, राखी त्यागी ने महसूस किया कि इस युवा एथलीट में कुछ अलग बात थी।

उन्होंने कहा, "जब से मैंने उसे पहली बार देखा था, मुझे पता था कि उसके पास कुछ तो खास है। वह उस वक्त उतनी लम्बी और बेहतर नहीं थी, जितनी अब है। उसने पिछले कुछ वर्षों में वर्कआउट करके अपनी लम्बाई और वजन बढ़ाया है, लेकिन फिर भी वह अपनी उम्र के हिसाब से काफी मजबूत थी। तभी मुझे लगा था कि अगर उसे सही ट्रेनिंग और मार्गदर्शन दिया जाए तो वह काफी अच्छा करेगी’’।

अपनी असफलता के बाद निराश कमलप्रीत कौर को राखी त्यागी के मार्गदर्शन की बहुत अधिक जरूरत थी, और इसकी बदौलत ही वह बेहतर हो सकीं।

एशियाई खेलों में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद कमलप्रीत कौर ने इस खेल को छोड़ने के बारे में विचार करना शुरू कर दिया। त्यागी का कहना है कि उस समय भी ऐसी ही हल्की बारिश हुई थी। उस दौरान उनकी कोच को उसे इन निराशा से बाहर निकालने में काफी समय लगा।

उन्होंने कहा, “अगर एक एथलीट कड़ी मेहनत करता है और उसके बाद भी एक बड़ी प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करने में असमर्थ रहता है तो उसे मानसिक तौर पर खुद को फिर से तैयार करने में थोड़ा समय लगता है। और उसके परिवार का भी हिस्सा होने के नाते, यह एक कोच का कर्तव्य है कि वह खिलाड़ी को प्रेरित करे और उसका मनोबल कम न पड़ने दे।”

कमलप्रीत के परिवार का हिस्सा होने के बारे में भी राखी बात करती हैं, क्योंकि आमतौर पर कोई भी अपने वास्तविक परिवार के बारे में बात करता है। लेकिन बीते वर्षों में वह वास्तव में उसका परिवार बन गईं हैं, जब शुरुआती दौर में आवास की समस्या थी तो यह एथलीट अपनी कोच के घर पर रुकी थी और त्यागी अक्सर कमलप्रीत के परिवार के घर में छुट्टी के दिनों में समय बिताने के लिए जाया करती थीं।

त्यागी के साथ जुड़ने के बाद कमलप्रीत कौर ने अगस्त 2018 में लखनऊ में अखिल भारतीय रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मीट रिकॉर्ड तोड़ा, जबकि उनके एशियाई खेलों की शुरुआत जकार्ता में हुई।

कमलप्रीत कौर का 61.04 मीटर का थ्रो पहली बार किसी प्रतियोगिता में उनके द्वारा 60 मीटर से अधिक दूरी का फेंका गया थ्रो था। इसपर त्यागी कहती हैं, “पहले वह केवल अभ्यास के दौरान ही 60 मीटर से ऊपर जा रही थी।”

युवा कमलप्रीत के लिए धीरे-धीरे चीजें बेहतर होने लगीं, जिनका आत्मविश्वास अभी भी काफी कमजोर था। इसकी वजह यह थी कि उनकी आदर्श और चार बार की ओलंपियन सीमा पुनिया भी उसी इवेंट में हिस्सा ले रही थीं।

त्यागी आगे कहती हैं, “एक 30 वर्षीय व्यक्ति का अनुभव आमतौर पर आत्मविश्वास से भरी बॉडी लैंग्वेज में बदल जाता है। जिस युवा खिलाड़ी के पास अनुभव की कमी होती है तो वह खुद को देखता है और सोचता है कि मेरा आत्मविश्वास अन्य से कम है।”

राखी त्यागी को लगता है कि टोक्यो में उनकी वह पुरानी झिझक मौजूद नहीं थी, यही वजह रही कि कमलप्रीत कौर ने खुद को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के खिलाफ साबित किया।

उन्होंने कहा, “इस बार मुझे लगा कि कमलप्रीत को कोई डर नहीं है और अगर बारिश नहीं होती तो वह और भी अच्छा करती। मुझे पता था कि उसे सिल्वर जरूर मिलेगा।”

"बारिश के कारण फिसलन वाले सर्कल के बावजूद उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है, जहां कई अन्य एथलीट अपना अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।"

लॉकडाउन के दौरान पंजाब में मलौत के पास कबरवाला गांव में घर पर कमलप्रीत के ट्रेनिंग रूटीन में खेतों में दौड़ना, कपड़ों से भरा बिस्तर उठाना और डम्बल के तौर पर गमलों का उपयोग किया जाना शामिल था।

हालांकि यह कुछ खास नहीं था और राखी त्यागी जानती हैं कि दुनिया की 10वीं नंबर की कौर को 2022 विश्व चैंपियनशिप से पहले काफी बेहतर तैयारी करने की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा, “कमलप्रीत कौर को जितनी हो सके उतनी अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलना होगा और अपने स्तर के खिलाड़ियों से मुकाबला करना होगा। कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण फिटनेस पर काम करना एक चुनौती रही है, इसलिए हम उनकी फिटनेस पर और अधिक मेहनत करेंगे’’।

“महामारी के बाद (टोक्यो में) वह पहली बार शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहीं थीं। अपने पहले ओलंपिक खेलों में छठा स्थान हासिल करना बुरा प्रदर्शन नहीं है, उसने मुझसे कहा है कि वह विश्व चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करेगी।"