टोक्यो 2020 में मिली सफलता के बाद रोइंग कोच इस्माइल बेग का अगला लक्ष्य एशियाई खेलों की तरफ
अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह के टोक्यो ओलंपिक प्रदर्शन पर बात करते हुए इस्माइल बेग ने बताया कि वह ऐसा क्यों मानते है कि इनकी जोड़ी अब तक की सर्वश्रेष्ठ जोड़ियों में से एक हैं, जिसे उन्होंने अपनी कोचिंग से निखारा है।
भारत के मुख्य राष्ट्रीय रोइंग कोच इस्माइल बेग (Ismail Baig) संतुष्ट हैं। क्योंकि अर्जुन लाल जाट (Arjun Lal Jat ) और अरविंद सिंह (Arvind Singh) जिन्हे वो अब तक के अपने तीन दशक के करियर में ट्रेनिंग लेनेवाले सर्वश्रेष्ठ जोड़ियों में से एक मानते है। क्योंकि दोनों ने ओलंपिक खेलों में भारत के लिए अपना बेस्ट दिया और लोगों का विश्वास बनाए रखा, इतना ही नहीं टोक्यो 2020 लाइटवेट मेंस डबल्स स्कल्स में 11वां स्थान हासिल किया।
Olympics.com से बात करते हुए बेग ने कहा कि "मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं 100 प्रतिशत संतुष्ट हूं। कोई भी कोच कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सकता है, उन्होंने कहा, 'अगर कोई कोच संतुष्ट होता है तो यह अच्छा संकेत नहीं है।
"शायद 90 या 95 प्रतिशत, हां। हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा। हम अपने लक्ष्य के अनुसार सफल हुए।"
टोक्यो में, इस्माइल बेग का लक्ष्य 'बी' फाइनल के लिए क्वालीफाई करना था, जो 7 से 12 की स्थिति निर्धारित करता है।
अपनी हीट में छह टीमों में से पांचवें स्थान पर रहने के बाद, अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह रेपेचेज राउंड में छह में से तीसरे स्थान पर आए, जिस की वजह से भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया और कम से कम एक 'बी' फाइनल स्पॉट सुनिश्चित हो गया।
महामारी की वजह से पुणे में आर्मी रोइंग नोड के शांत पानी में ट्रेनिंग का उन्हें मौका नही मिला। खासकर के टोक्यो खाड़ी में समुद्री वन जलमार्ग में बहुत कठिन परिस्थितियों को देखते हुए। यह भारतीयों के लिए एक विश्वसनीय अंत था।
अर्जुन और अरविंद ने मई में उसी स्थान पर एशिया और ओशिनिया ओलंपिक कॉन्टिनेंटल क्वालिफिकेशन रेगाटा के दौरान टोक्यो ओलंपिक के लिए कट हासिल किया था। इसलिए वो जानते थे कि अगस्त ग्रीष्मकालीन खेलों के दौरान क्या करना है, और वे यह भी जानते थे कि वे विशेष रूप से टोक्यो के लिए तैयार होने के लिए उनके पास बेहद कम मौका है।
बेग ने बताया कि हम महामारी के कारण ट्रेनिंग के लिए कहीं भी यात्रा नहीं कर सके। हम आर्मी रोइंग नोड में ट्रेनिंग लेते रहे।
“हम क्वालीफिकेशन के दौरान टोक्यो में थे। हमने देखा था कि हालात बहुत खराब थे, जबकि जहां हम ट्रेनिंग कर रहे थे वहां जगह बिल्कुल सहज थी। हम जानते थे कि यह हम पर असर डालने वाला है।’’
मैं कहूंगा “हमने पुर्तगाल या यहां तक कि भोपाल या हैदराबाद जाने के बारे में सोचा था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान अधिकांश केंद्र बंद थे। लेकिन हमने फिर भी स्थिति संभालने की कोशिश की।’’
ओलंपिक क्वालीफायर में अर्जुन और अरविंद के लिए प्राथमिक लक्ष्य हांगकांग से तेज होना था। हांगकांग ने 2019 एशियाई रोइंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था, जहां भारतीय जोड़ी रजत पदक हासिल कर पाई थी।
बेग कहते हैं कि “कई सालों से हांगकांग हमें पीछे छोड़ता आ रहा था। हमारे लिए हांगकांग को हराना महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने हमें एशियाई चैंपियनशिप के साथ-साथ एशियाई खेलों में भी हराया था।’’
“हमने सोचा था कि जब तक हम हांगकांग को हरा नहीं देते, हम क्वालीफाई करने की स्थिति में नहीं होंगे। और फिर हमने उन्हें क्वालिफिकेशन में आराम से हरा दिया।”
भारत क्वालीफायर में जापान के बाद दूसरे स्थान पर रहा और पांचवें स्थान पर काबिज हांगकांग से लगभग नौ सेकंड तेज था।
टोक्यो 2020 रेपेचेज के टॉप 3
टोक्यो ओलंपिक में, भारत को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए अपनी रेपेचेज रेस में शीर्ष तीन में जगह बनाने की जरूरत थी।
“हमने उज्बेकिस्तान (रेपेचेज के दौरान) को अपना लक्ष्य बनाया। वे 1200 मीटर तक हमसे आगे थे, लेकिन हमने अपना संयम कायम रखा और 1300 मीटर तक उनका पीछा किया। जिसक बाद हमने आराम से खेलते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाने की कोशिश की ।
क्वालीफायर के वक्त उज्बेकिस्तान, भारत से केवल 1.35 सेकेंड पीछे रह गया था, लेकिन टोक्यो 2020 में अर्जुन और अरविंद ने उस अंतर को बढ़ाकर 4.86 सेकंड कर दिया।
बता दें कि हीट और रेपचेज रेस लगातार के दिनों में आयोजित की गई थी। यहां तक की खराब मौसम की वजह से टोक्यो में होनेवाले सेमीफाइनल और फाइनल को लगातार दिनों में रि-शेड्यूल किया गया था।
सेमीफाइनल में भारत के लिए लड़ाई मजबूत होनेवाली थी। क्योंकि स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता आयरलैंड और इटली मैदान में थे। आयरलैंड के फिंटन मैकार्थी और पॉल ओ डोनोवन 6:05.33 सेकेंड के समय के साथ सेमीफाइनल में शीर्ष पर पहुंचेंगे, जो कि दुनिया के लिए एक नया सर्वश्रेष्ठ समय है। भारत ने टोक्यो 2020 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6:24.41 के समय के साथ किया और फिर भी अंतिम स्थान पर रहा।
“हम जानते थे कि सेमीफाइनल हमारे लिए बहुत उच्च स्तर का होनेवाला था। हमारे लिए ('ए') फाइनल तक पहुंचना बहुत कठिन था। लेकिन हमने 1500 मीटर तक लगातार अपनी कोशिश जारी रखी, और मैच को जाने नहीं दिया।’’
"हम 'बी' फाइनल में एक बेहतर रेस कर सकते थे। लेकिन हमने तय किया कि हमें सेमीफाइनल के दौरान भी मौका लेना चाहिए। वैसे भी हम 'बी' फाइनल में पहले ही पहुंच चुके थे।’’
"सेमीफाइनल और फाइनल रेस के बीच एक अंतर होना चाहिए था, लेकिन खराब मौसम की वजह से दोनों एक के बाद एक दिन हुए। वे रोवर्स हैं, मशीन नहीं। यह संभव ही नहीं था।’’
“हमने हीट के एक दिन बाद रेपेचेज में कड़ी मेहनत की थी, और फिर सेमीफाइनल और फाइनल भी एक के बाद एक दिन था। फिर भी हमने जोखिम उठाया और सेमीफाइनल भी जमकर खेला। हम सफल तो नहीं हुए लेकिन फिर भी हमने कोशिश की।”
हालांकि भारत ने 6:29.66 सेकेंड का अच्छा समय लिया, लेकिन वे पांच-टीम 'बी' फाइनल में चौथे स्थान पर रहने वाले कनाडा से 12 सेकंड से अधिक पीछे थे (नॉर्वे, जो सेमीफाइनल में हार गया था, प्रतिस्पर्धा नहीं कर सका )।
एशियाई खेल होंगे अंतिम लक्ष्य
बेग बताते हैं कि क्यों वह अर्जुन और अरविंद को ज्यादा आंकते हैं। क्योंकि “मुख्य प्रतियोगिताओं में उनका प्रदर्शन उसी तरह रहा जैसा कि ट्रेनिंग के दौरान रहा था। सामान्य परिस्थितियों में वे ट्रेनिंग में लगभग 6:28-6:30 का समय ले रहे थे। बेग का मानना है कि ऐसा समय इससे पहले उनके पास ट्रेनिंग ले रहे किसी भी दल ने नहीं हासिल किया था।
कोच बेग को 2022 एशियाई खेलों के लिए इस जोड़ी से काफी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि “आखिरकार हमारा लक्ष्य एशियाई खेल है। हम अभी ओलंपिक स्तर पर नहीं हैं, लेकिन एशियाई खेल हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हालांकि उन्हें थोड़ा और सुधार करना होगा।" बेशक, एक कोच कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सकता है।