टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मूल के ये एथलीट इन देशों का करेंगे प्रतिनिधित्व, जानिए इनके बारे में
टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारतीय मूल के तीन एथलीट फील्ड हॉकी में एथलीटों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके साथ ही टेबल टेनिस में दो एथलीट होंगे। वहीं, टेनिस, कुश्ती और वाटर पोलो में एक-एक एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे।
खेलों में आपने अधिकतर देखा होगा कि एक देश का एथलीट दूसरे देश की नागरिकता हासिल करता है, और प्रमुख खेल के आयोजन में उस झंडे का प्रतिनिधित्व करता है। यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले आपने क्रिकेट और फुटबॉल में ऐसा अधिकांश देखा होगा।
वहीं, इस तरह के कई उदाहरण आपको सामने हैं। जहां कैलिफोर्निया में जन्मी टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका (Naomi Osaka) जापान का प्रतिनिधित्व करती हैं, तो वहीं माइकल चांग (Michael Chang) जिनकी जड़ें ताइवान में हैं, लेकिन यूएसए के झंडे के नीचे खेल चुके हैं।
इसी तरह, टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मूल के ऐसे कई एथलीट हैं, जो अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं, इस दौरान अलग-अलग डिसिप्लिन में कनाडा के चार और यूएसए के तीन एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हुए नजर आएंगे। जबकि उनमें से एक एथलीट टोक्यो 2020 में न्यूजीलैंड के लिए खेलेंगे।
जहां भारतीय मूल के तीन एथलीट फील्ड हॉकी में एथलीटों का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि टेबल टेनिस में एक युगल होगा। वहीं, टेनिस, कुश्ती और वाटर पोलो में भारतीय मूल के एक-एक एथलीट होंगे।
आइए भारतीय मूल के इन ओलंपिक एथलीटों पर खास नजर डालें, जो टोक्यो में हिस्सा लेंगे।
कनक झा (USA, टेबल टेनिस
कनक झा (Kanak Jha) अमेरिका के ऐसे पहले ओलंपिक एथलीट हैं, जो रियो 2016 (Rio 2016) में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के अमेरिकी थे। आपको बता दें कि इनका जन्म साल 2000 में हुआ था। वहीं, यह 21 वर्षीय अमेरिकी एथलीट टोक्यो 2020 में पुरुष एकल और टीम टेबल टेनिस इवेंट में हिस्सा लेगा। आपको बताते चलें कि कनक झा की मां मुंबई से हैं, जबकि उनके पिता का पालन-पोषण कोलकाता और प्रयागराज में हुआ था। वह पेशे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
निखिल कुमार (USA, टेबल टेनिस)
सैन जोस के रहने वाले 18 वर्षीय निखिल कुमार (Nikhil Kumar) ने यूएसए टेबल-टेनिस ओलंपिक ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल किया है। आपको बता दें कि निखिल कुमार के पिता पेशे से एक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जो केरल से यूएसए चले गए थे। वहीं, साल 2019 में लीमा पैन अमेरिकन गेम्स में निखिल ने टीम गोल्ड हासिल किया था। फिलहाल टोक्यो खेलों के बाद निखिल बर्कली में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं।
राजीव राम (USA, टेनिस)
राजीव राम (Rajeev Ram) का जन्म कोलोराडो में बैंगलोर के अप्रवासियों के घर में हुआ था। राजीव ने रियो 2016 में वीनस विलियम्स के साथ मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक जीता था। 37 वर्षीय राजीव राम ने 2020 में ऑस्ट्रेलियन ओपन पुरुष युगल और 2019 और 2021 में मिक्स्ड डबल्स जीता। इसके साथ ही वह टोक्यो 2020 में फ्रांसेस टियाफो के साथ मेंस डबल्स में प्रतिस्पर्धा करते हुए नजर आएंगे।
अमर ढेसी (कनाडा, रेसलिंग)
अमर ढेसी (Amar Dhesi) के पिता बलबीर सिंह ढेसी कनाडा जाने से पहले भारत में ग्रीको रोमन राष्ट्रीय चैंपियन थे। वहीं, उनका 25 वर्षीय बेटा टोक्यो 2020 में 125 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेगा। आपको बता दें कि अमर ढेसी का ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में जन्म हुआ था। वह 2014 के जूनियर विश्व चैंपियन भी रह चुके हैं। टोक्यो 2020 में प्रवेश करते हुए अमर ढेसी अच्छे फॉर्म में दिख रहे हैं। जहां उन्होंने रोम में 2021 माटेओ पेलिकोन रैंकिंग सीरीज़ में अपने वेट कैटेगरी में स्वर्ण पदक हासिल किया।
सुखी पनेसर (कनाडा, फील्ड हॉकी)
सुखपाल सिंह पनेसर (Sukhpal Singh Panesar) रियो 2016 के बाद टोक्यो में अपने दूसरे ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। जहां उनके छोटे भाई बलराज भी कनाडा के लिए फील्ड हॉकी खेलते हैं, और इसके साथ ही एक अन्य भाई मंजीवन भी हॉकी खिलाड़ी हैं। बता दें कि खेल के प्रति उनका लगाव उनके पिता बलबीर सिंह पनेसर से मिला, जो मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के पास एक गांव के रहने वाले हैं।
कीगन परेरा (कनाडा, फील्ड हॉकी)
कीगन परेरा (Keegan Pereira) का जन्म मुंबई में हुआ था। जहां उन्होंने अपने पिता रेजिनाल्ड से यह खेल सीखते हुए महज छह साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया। आपको बता दें कि उन्होंने महान भारतीय धनराज पिल्ले के साथ पेशेवर हॉकी भी खेली। वहीं, कीगन परेरा के छोटे भाई केविन भी राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी हैं। बता दें कि 29 वर्षीय कीगन ने रियो 2016 ओलंपिक में कनाडा का प्रतिनिधित्व भी किया है।
गुरप्रीत सोही (कनाडा, वाटर पोलो)
ब्रिटिश कोलंबिया में परम और जतिंदर सोही के घर जन्मे गुरप्रीत सोही (Gurpreet Sohi) ने 2011 यूथ पैन अमेरिकन गेम्स में कनाडा को वाटर पोलो गोल्ड दिलाया था। वहीं, 26 वर्षीय एथलीट ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में मानव जीव विज्ञान में पढ़ाई की, और कनाडा के लिए कई वाटर पोलो विश्व लीग और 2018 वाटर पोलो विश्व कप में अपना अहम योगदान दिया।
जारेड पंचिया (न्यूजीलैंड, फील्ड हॉकी)
1920 के दशक में जारेड पंचिया (Jared Panchia) के परदादा भारत से न्यूजीलैंड चले गए। जहां उनके भाई अरुण ने फील्ड हॉकी में न्यूजीलैंड का नेतृत्व किया। आपको बता दें कि उनके माता-पिता की तरह एक और भाई-बहन भी यह खेल खेलते हैं। जहां ऑकलैंड के 27 वर्षीय खिलाड़ी 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली न्यूजीलैंड हॉकी टीम का हिस्सा थे।