भारतीय महिला एथलीट जिन्होंने ओलंपिक पदक अपने नाम किए: लिस्ट में शीर्ष पर हैं पीवी सिंधु
8 भारतीय महिला एथलीटों ने ओलंपिक में अब तक भारत को 9 पदक दिलाएं हैं। सबसे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में पदक हासिल किया था। भारतीय महिला ओलंपिक विजेताओं की पूरी सूची देखें।
पिछले कुछ दशकों में भारत ने ओलंपिक में ख़ासी सफलता हासिल की है और भारतीय महिला एथलीटों ने भी इस सबसे बड़े स्तर की प्रतियोगिता में देश को गौरवान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आपको बता दें कि 25 ओलंपिक खेलों में भारतीय एथलीटों ने अब तक 41 पदक जीते हैं। इनमें से 9 पदक 8 महिला एथलीटों ने अपने नाम किए हैं।
भारतीय बैडमिंटन की दिग्गज खिलाड़ी पीवी सिंधु ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो 2016 और टोक्यो 2020 की महिला एकल स्पर्धा में क्रमशः रजत पदक और कांस्य पदक अपने नाम किया है। मनु भाकर ने भी दो पदक अपने नाम किए हैं लेकिन उनका दूसरा पदक मिश्रित टीम इवेंट में आया। वेटलिफ़्टर कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट थीं, जिन्होंने सिडनी 2000 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
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भारतीय महिला ओलंपिक पदक विजेता
ओलंपिक में भारतीय महिलाओं द्वारा जीते गए सभी पदकों पर यहां डालें एक नज़र।
कर्णम मल्लेश्वरी, कांस्य पदक - भारोत्तोलन, महिलाओं का 54 किग्रा - सिडनी 2000
भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 2000 के सिडनी ओलंपिक के समय, कर्णम मल्लेश्वरी ने स्नैच में 110 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 130 किग्रा के साथ कुल 240 किग्रा का भार उठाया और भारत के लिए ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवपूर्ण पल दिया। वे ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय भारोत्तोलक (पुरुष या महिला) हैं।
कर्णम मल्लेश्वरी: भारत का सिर ऊंचा करने वाली एक महिला भारोत्तोलक
साइना नेहवाल, कांस्य पदक - महिला एकल बैडमिंटन - लंदन 2012
पूर्व विश्व नंबर 1 बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने 2012 लंदन ओलंपिक में महिला एकल में कांस्य पदक अपने नाम करके भारतीय बैडमिंटन को वैश्विक स्तर की पहचान दिलाई।
लंदन 2012 में कांस्य पदक प्लेऑफ़ मैच के दौरान साइना नेहवाल की प्रतिद्वंद्वी चीन की वांग शिन चोट के कारण रिटायर हो गई जिसके बाद साइना नेहवाल को विजेता घोषित किया गया। इससे पहले सेमी-फ़ाइनल में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी को शीर्ष वरीयता प्राप्त वांग यिहान के ख़िलाफ़ 13-21, 13-21 से हार का सामना करना पड़ा था। साइना नेहवाल ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और उन्होंने 3 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों (बीजिंग 2008, लंदन 2012, रियो 2016) में देश का प्रतिनिधित्व किया है।
मैरी कॉम, कांस्य पदक - महिला फ्लाईवेट मुक्केबाज़ी - लंदन 2012
स्टार मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया। मणिपुर की इस मुक्केबाज़ ने पहले दो राउंड में पोलैंड की करोलिना माइकेलजुक और ट्यूनीशिया की मारोआ रहाली को शिकस्त दी। लेकिन, सेमी-फ़ाइनल में ब्रिटेन की निकोला एडम्स से हारने के कारण भारतीय मुक्केबाज़ को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
यह पहली बार था जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज़ ने ओलंपिक में पदक हासिल किया था। वहीं, बीजिंग 2008 में विजेंदर सिंह के द्वारा कांस्य पदक जीतने के बाद मुक्केबाज़ी में यह भारत का दूसरा पदक था। लंदन 2012 खेलों के माध्यम से पहली बार महिला मुक्केबाज़ी को ओलंपिक में शामिल किया गया था।
पीवी सिंधु, रजत पदक - महिला एकल बैडमिंटन - रियो 2016
पीवी सिंधु ने साइना नेहवाल की लंदन 2012 की उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए भारतीय बैडमिंटन को एक नया आयाम दिया। उन्होंने साइना से एक क़दम आगे बढ़कर रियो 2016 ओलंपिक की एकल स्पर्धा फ़ाइनल में जगह बनाई।
ओलंपिक में रजत पदक जीतकर पीवी सिंधु ने शुरू किया था बैडमिंटन का एक नया युग
हालांकि, पीवी सिंधु को फ़ाइनल में 83 मिनट तक चले कड़े मुक़ाबले में स्पेन की कैरोलिना मारिन के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा और उनका अभियान रजत पदक के साथ ख़त्म हुआ। उप-विजेता रहने के बावजूद, सिंधु ने भारत की सबसे कम उम्र की व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बनकर इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं।
साक्षी मलिक, कांस्य पदक - महिलाओं की 58 किग्रा कुश्ती - रियो 2016
भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने रियो 2016 में महिलाओं के 58 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।
पहले राउंड में जीत हासिल करने के बाद साक्षी मलिक को क्वार्टर-फ़ाइनल में रूस की वेलेरिया कोबलोवा के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कोबलोवा के फ़ाइनल में पहुंचने के कारण, साक्षी मलिक ने रेपेचाज राउंड में जगह बना ली। रेपेचाज राउंड में साक्षी ने किर्गिस्तान की ऐसुलु टाइनीबेकोवा को 8-5 से हराया और कांस्य पदक के साथ घर वापसी की। रियो ओलंपिक में साक्षी की जीत बेहद शानदार और यादगार थी क्योंकि बाउट में 5-0 से पिछड़ने के बाद भी उन्होंने ज़ोरदार वापसी करते हुए मुक़ाबले का रूख़ बदल दिया।
मीराबाई चानू, रजत पदक - महिलाओं का 49 किग्रा भारोत्तोलन - टोक्यो 2020
रियो 2016 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो 2020 के 49 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए कुल 202 किग्रा के भार के साथ रजत पदक हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ, मणिपुर की मीराबाई चानू ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय भारोत्तोलक बनीं।
मीराबाई चानू ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी के बाद दूसरी भारतीय भारोत्तोलक भी बनीं। वहीं, पीवी सिंधु के बाद वे रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं।
लवलीना बोरगोहेन, कांस्य पदक - महिलाओं का वेल्टरवेट (69 किग्रा) - टोक्यो 2020
असम की मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतकर महान बॉक्सर मैरी कॉम की बराबरी की। लवलीना बोरगोहेन ने राउंड ऑफ़ 16 में जर्मनी की नादिन एपेट्ज को हराया और क्वार्टर-फ़ाइनल में चीनी ताइपे की चेन निएन-चिन को हराकर कांस्य पदक पक्का कर लिया।
हालांकि, दुनिया की नंबर 1 तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली सेमी-फ़ाइनल में भारतीय मुक्केबाज़ के ख़िलाफ़ अधिक मज़बूत साबित हुईं और लवलीना अपने पदक के रंग में कोई बदलाव नहीं कर सकीं। तुर्की की मुक्केबाज़ से हारने के बाद उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
पीवी सिंधु, कांस्य पदक - महिला एकल बैडमिंटन - टोक्यो 2020
रियो 2016 में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने के बाद पीवी सिंधु ने अपने प्रदर्शन को टोक्यो 2020 ओलंपिक में भी दोहराया। हालांकि, यहां उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। ग्रुप स्टेज और शुरुआती नॉकआउट राउंड से गुज़रने के बाद, पीवी सिंधु को सेमी-फ़ाइनल में चीनी ताइपे की दूसरी वरीयता प्राप्त ताई त्ज़ु-यिंग के ख़िलाफ़ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने प्लेऑफ़ मैच में चीन की 8वीं वरीयता प्राप्त हे बिंगजियाओ को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
इस जीत के साथ ही इस स्टार भारतीय शटलर ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली। सिंधु दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला और भारत की दूसरी एथलीट बन गईं। इससे पहले सिर्फ़ पहलवान सुशील कुमार ने ही भारत के लिए दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया था। इसके अलावा सिंधु लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। वहीं, महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा में इस उपलब्धि को हासिल करने वाली वे चौथी खिलाड़ी हैं।
मनु भाकर, कांस्य पदक - महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग - पेरिस 2024
मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का पहला पदक जीता। इस तरह वह ओलंपिक शूटिंग में भारत की पहली महिला पदक विजेता बन गईं। एक दिन पहले, वह 20 वर्षों में ओलंपिक शूटिंग फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थीं।
मनु भाकर ने आठ महिलाओं के फाइनल में 221.7 अंक हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया। रिपब्लिक ऑफ कोरिया की ओह ये जिन ने 243.2 के नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता और उनके बाद उनकी हमवतन येजी किम ने भाकर को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक दौर में प्रवेश किया और 241.3 के फाइनल स्कोर के साथ रजत पदक जीता।