आखिरी मिनटों में उज्बेकिस्तान के गोल ने भारतीय महिला फुटबॉल टीम को किया पस्त

फ्रेंडली मुकाबले में उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारतीय वुमेंस फुटबॉल टीम ने 85 मिनट के बाद गोल खाया और इस वजह से वह मुकाबला 1-0 से हार गए।

3 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
Indian women's football team. Photo: AIFF

भारतीय महिला फुटबॉल टीम को उज्बेकिस्तान के खिलाफ 1-0 से हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला इंटरनेशनल फ्रेंडली के नेत्रित्व में AGMK स्टेडियम, ओलमालिक (Almalyk) में सोमवार को खेला गया।

इंदुमती काथरीसन (Indumathi Kathiresan) पहली बार इस टीम की कप्तानी कर रहीं थीं और 87 मिनट तक इस टीम का खेल देखते ही बन रहा था। हालांकि उसके बाद उज्बेकिस्तान की मफ्तुना शोयिमोवा (Maftuna Shoyimova) ने फ्री किक की मदद से गोल दाग दिया जिस वजह से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मायमोल रॉकी (Maymol Rocky) की इस भारतीय टीम ने उम्दा खेल दिखाया। ग़ौरतलब है कि भारतीय महिला फुटबॉल टीम फीफा रैंकिंग के 53वें स्थान पर काबिज़ हैं और वहीं उज्बेकिस्तान की टीम 41वें नंबर पर बनी हुई है।

होस्ट टीम ने खेल की शुरुआत अच्छी की और भारतीय गोलकीपर अदिति चौहान (Aditi Chauhan) से कुछ कड़े सवाल भी पूछे।

जैसे-जैसे मुकाबला बढ़ता गया वैसे-वैसे उज्बेकिस्तान फुटबॉल टीम के पास पोज़ेशन ज़्यादा रहने लग गया। ऐसे में प्यारी ज़ाज़ा (Pyari Xaxa), मनीषा (Manisha) और सौम्या गुगुलोथ (Soumya Guguloth) ने काउंटर अटैक की रणनीति अपनाई और खेल को संतुलन में लाने के प्रयास किए।

अदिति चौहान ने लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखाया और लॉन्ग रेंजर शॉट को बहादुरी से रोक लिया।

ब्लू टाईग्रेस के नाम से जानी जाने वाली इस टीम ने भी कुछ प्रहार करने शुरू किए। भारतीय वुमेंस फुटबॉल टीम का पहला अटैक 25 मिनट के बाद आया जब 40 यार्ड से मनीषा ने ज़ोरदार शॉट मारा लेकिन वह क्रॉसबार पर जा लगा।

इसी बीच टीम के कोच मायमोल रॉकी को रणनीति बनाते हुए भी देखा गया और वह उन्होंने प्यारी की जगह दया देवी (Daya Devi) को खिलाने का फैसला किया।

सब्स्टीट्यूशन के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने ज़ोर लगाना शुरू कर दिया। मनीषा और दांगमेई ग्रेस (Dangmei Grace) की जोड़ी ने मानों एक बार को उम्मीद जगा दी थी लेकिन उज्बेकिस्तान की मिडफीलडर ने उनका सपना पूरा नहीं होने दिया।

होस्ट टीम ने एक बार फोर आक्रामक रवैया अपना लिया। दियोरखोन खाबीबुल्लाव (Diyorakhon Khabibullaeva) ने शानदार शॉट मारा लेकिन वह पोस्ट पर जा लगा और उसके बाद उमिदा ज़ोइरोवा (Umida Zoirova) ने उम्दा हेडर मारते हुए भारतीय टीम को अपने इरादे दिखा दिए।

खेल के आधे समय तक स्कोर 0-0 से बराबर था।

मुकाबले के दोबारा शुरू होने के बाद उज्बेकिस्तान ने तेज़ खेल दिखाया और स्वीटी देवी (Sweety Devi) की अगुवाई वाले डिफ़ेंस को भेदने की कोशिश में लग गए।

अपने घरेलु मैदान में खेल रही उज्बेकिस्तान की टीम को रोकने का तीकरा मनीषा ने हाथ में लिया और कुछ हद तक वह सफल भी हुईं। इसी बीच मौका बुनते हुए इस भारतीय महिला फुटबॉलर ने गोल की तरफ गेंद को मारा लेकिन ताकत कम होने की वजह से वह कीपर को मात न दें सकीं।

मुकाबले के 75वें मिनट के बाद भारतीय दांगमेई ग्रेस ने प्रतिद्वंदी के डिफ़ेंस को भेद दिया और अब उनके सामने सिर्फ गोलकीपर रह गईं थीं।

ग्रेस ने लेलो तिलोवोवा (Laylo Tilovova) को पार करने की पूरी कोशिश की लेकिन उज्बेकिस्तान की कप्तान ने गेंद की दिशा बदल दी और भारत के हाथ से एक सुनहरा मौका छूट गया।

अब आखिरी के चंद मिनट बचे थे और उज्बेकिस्तान ने भारत को पछाड़ने की पूरी रणनीति बना ली। भारतीय टीम ने अपने प्रतिद्वंदियों को फ्री किक तोहफे में दे दी। अब बारी थी मफ्तुना शोयिमोवा की, कि वह उस किक को गोल में तब्दील करें और उन्होंने ऐसा ही किया। अदिति चौहान को डाइव मारने पर मजबूर किया लेकिन वह गेंद को रोकने न असफल रहीं।

भारतीय वुमेंस फुटबॉल टीम के हाथ जीत तो नहीं आई लेकिन उन्होंने खेल बहुत शानदार दिखाया।

बहरत का सामना अब गुरूवार को बेलारूस से होगा।

मुख्य तस्वीर: AIFF