AFC वूमेंस एशियन कप फुटबॉल में भारत के सफर पर डालें एक नज़र, जानें टीम का कैसा रहा है प्रदर्शन
भारत ने आठ बार एएफसी महिला एशियाई कप में हिस्सा लिया है, लेकिन अभी तक खिताब नहीं जीत सकी है। वहीं, भारत ने आखिरी बार 2003 में क्वालीफाई किया था।
भारत ने मेजबान देश के रूप में एएफसी वूमेंस एशियन कप 2022 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। वहीं, कॉन्टिनेंटल इवेंट में टीम अपनी नौवीं उपस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
आपको बता दें कि भारत दूसरी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। इससे पहले भारत ने 1979 में मेजबानी करते हुए पहली बार इस इवेंट में हिस्सा लिया था। तब से, भारतीय महिला फुटबॉल टीम दो बार उपविजेता रही है। इसके साथ ही एक बार तीसरे पायदान पर भी रही है।
हालांकि, भारत के लिए पिछला दो दशक काफी मुश्किल रहा है क्योंकि टीम साल 2003 से प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही है। लेकिन भारत 2022 में एएफसी वूमेंस एशियन कप में वापसी के लिए तैयार है। आइए नज़र डालते हैं कि भारत का अब तक इस इवेंट में कैसा प्रदर्शन रहा है।
AFC वूमेंस एशियन कप में भारत के प्रदर्शन पर एक नज़र डालें
1979 - उपविजेता
भारत ने साल 1979 में एएफसी वूमेंस एशियन कप में मेजबान देश के रूप में अपना डेब्यू किया था। इस टूर्नामेंट को तब AFC वूमेंस चैंपियनशिप कहा जाता था। वहीं, इसे साल 1980 की शुरुआत में कालीकट (कोझीकोड) के ईएमएस स्टेडियम में आयोजित किया गया था। जहां छह टीमों में से सिर्फ दो टीमें भारत से थीं - इंडिया एस, जो कि सीनियर टीम थी और दूसरी टीम इंडिया एन थी।
इंडिया एन टीम को इस प्रतियोगिता में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वह केवल एक मैच ही जीत सकी और ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई। वहीं, इंडिया एस पहले राउंड में तीन मुकाबले जीती और दो ड्रॉ के साथ अपराजेय रही और नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही। भारत एस ने सेमीफाइनल में हांगकांग को 3-1 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई, लेकिन फाइनल में उसे चीनी ताइपे से 2-0 से हार का सामना करना पड़ा।
1981 - तीसरा स्थान
साल 1981 में यह प्रतियोगिता हांगकांग में आयोजित की गई थी, जिसमें आठ टीमें शामिल थीं। उन्हों दो ग्रुपों में बांटा गया था। भारत को ग्रुप ए में हांगकांग, सिंगापुर और फिलीपींस के साथ रखा गया था।
इस दौरान भारतीय फुटबॉल टीम दो मुकाबलों में जीत और एक ड्रॉ के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष पर थी। इसके साथ ही टीम आखिरी में नॉकआउट के लिए कट हासिल करने में सफल रही। वहीं, भारतीय टीम को सेमीफाइनल मुकाबले में थाईलैंड से 1-0 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन तीसरे स्थान के प्लेऑफ मुकाबले में हांगकांग को 2-0 से हराकर पोडियम पर जगह बनाने में सफल रही थी।
1983 - उपविजेता
साल 1983 में कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप में ताइवान और जापान ने अपना नाम वापस ले लिए थे। वहीं, पहला राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था। जिसमें छह टीमों में मेजबान टीम के साथ थाईलैंड, भारत, सिंगापुर, मलेशिया, हांगकांग और फिलीपींस शामिल थे।
भारत ने थाईलैंड के साथ राउंड-रॉबिन स्टेज में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। वहीं, फाइनल में भारत को थाईलैंड के हाथों 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद भारतीय महिला फुटबॉल टीम को दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा।
1995 - ग्रुप स्टेज एग्जिट
एक दशक से अधिक समय तक प्रतियोगिता से दूर रहने के बाद भारतीय टीम मलेशिया में आयोजित 1995 AFC वूमेंस चैंपियनशिप में वापसी की। जहां उसे ग्रुप सी में जापान, दक्षिण कोरिया और उज्बेकिस्तान के साथ रखा गया।
हालांकि भारत इस बार अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने में असफल रहा और एक भी गोल नहीं कर सका। जहां टीम तीनों मैच हारकर ग्रुप स्टेज में प्रतियोगिता से बाहर हो गई थी।
1997 - ग्रुप स्टेज एग्जिट
इस प्रतियोगिता में भारत लगातार संघर्ष करता नज़र आया। क्योंकि 1997 के संस्करण में भारत को पहले राउंड से ही बाहर होना पड़ा। इस प्रतियोगिता का मेजबान देश चीन था।
वहीं, ग्रुप ए में ड्रा हुआ। जहां भारत को हांगकांग और गुआम के खिलाफ थोड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन ग्रुप की शीर्ष टीम जापान से हार का सामना करना पड़ा। इस प्रकार टीम पूल में दूसरे स्थान पर रही।
हालांकि, भारत का अभियान जल्द ही समाप्त हो गया क्योंकि तीन ग्रुपों में से केवल शीर्ष क्रम की टीमों के साथ-साथ दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम (उत्तर कोरिया) सेमीफाइनल में चली गई।
1999 - ग्रुप स्टेज एग्जिट
साल 1999 में इस प्रतियोगिता में 15 टीमें शामिल हुईं। जहां भारत को नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
भारतीय टीम की शुरुआत उत्तर कोरिया से 7-0 की हार के साथ हुई और टीम ने चीनी ताइपे और वियतनाम से हारकर अपना अभियान समाप्त किया। भारत ने मलेशिया के खिलाफ जीत दर्ज की, लेकिन यह काफी नहीं था और टीम फिर से ग्रुप स्टेज में टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
वहीं, चीन ने आखिरकार लगातार सातवीं बार खिताब अपने नाम किया।
2001 - ग्रुप स्टेज एग्जिट
साल 2001 के संस्करण में भारत का प्रदर्शन पिछले संस्करण के जैसा ही था। भारतीय महिलाओं को अपने शुरुआती मैच में दक्षिण कोरिया से 7-0 से हार मिली और उसके बाद ग्रुप स्टेज में दो और मैच हाथ से फिसल गए।
जहां टीम को चीनी ताइपे और थाईलैंड से हार का सामना करना पड़ा। भारत को फिर मलेशिया से शिकस्त मिली और वह ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ सका। आखिरी में, उत्तर कोरिया ने पहली बार एशियाई कप जीतकर चीन की जीत का सिलसिला तोड़ा।
2003 - ग्रुप स्टेज एग्जिट
भारत ने इस टूर्नामेंट में आखिरी बार साल 2003 में हिस्सा लिया था। जहां वे लगातार पांचवीं बार ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ने में असफल रहे थे।
इस दौरान ग्रुप सी में चीन, वियतनाम और उज्बेकिस्तान के साथ शुरुआत करते हुए भारत ने उज्बेकिस्तान को 7-0 से रौंदते हुए आगे बढ़ेा। लेकिन यह खुशी कुछ समय के लिए ही रही क्योंकि भारत अपने दो अन्य मैच हार गया। इसके साथ ही ग्रुप स्टेज में बाहर हो गया।