मशालें, पुजारिनें और अतीत से मिलन: देखिये ओलंपिक ज्योत के बीजिंग की ओर सफर का आरम्भ
ओलंपिक शीतकालीन खेल बीजिंग 2022 के प्रज्वलन समारोह और ज्योत का सौंपना 18 और 19 अक्टूबर को Olympics.com पर लाइव स्ट्रीम किये जायेंगे।
ओलंपिक खेलों की ओर पथ का आरम्भ एक धीमी बात से
चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिताओं और ओलंपिक शीतकालीन खेल बीजिंग 2022 की तैयारी से बहुत दूर प्राचीन ओलंपिक खेलों की भूमि प्राचीन ओलंपिया एक ज्योत को मानों स्वर्ग से लाया गया हो और किसी को पता न चला।
एक ऐसी सभा में जहां आईओसी के अध्यक्ष Thomas Bach उपस्थित होंगे वहां सबकी नज़रें ओलंपिक ज्योत पर ही होगी। पेड़ की शाख पर बैठने वाले छोटे पक्षियों से भी धीमी ध्वनि वाली इस ओलंपिक ज्योति पर पूरे विश्व का ध्यान केंद्रित है।
आने वाले खेलों की प्रगति के पीछे का बीज
प्राचीन काल में भरे रहने वाले ओलंपिया स्टेडियम में उपस्थित प्राचीन ओलंपिक खेलों की आत्मा एक बार फिर उड़ान भरेगी और इसका कारण ओलंपिक खेलों का करीब आना है।
प्रज्वलन और सौंपने के समारोह में क्या होता है?
सातवीं सदी बीसी में बने हेरा मंदिर में पुजारिनें सूर्य से जुड़े प्राचीन भगवान Apollo के नाम का उच्चारण करती हैं। वह साफ़ आकाश और पवित्र शांति की आशा व्यक्त करती हैं जिससे की ज्योत जलाई जा सके। प्राचीन काल से मान्यता चली आ रही है कि मानवता के प्रतीक माने जाने वाले Prometheus ने इस ज्योत को देवलोक से चुराया था लेकिन आज यह आसानी से दी जाती है। पतझड़ के इस सोमवार के दिन ग्रीस की अदाकारा Xanthi Georgiou पारम्परिक पोशाक पहने हुए 35 पुजारिनों के बीच एक शीशे के सामने घुटनों पर बैठ कर सूर्य की किरणों को इकठ्ठा करते हुए ज्योत को जलाएंगी। देवी हेरा के मंदिर में उपस्थित स्तंभों के आधार पर बनी Georgious की मशाल से यह ज्योत आगे बढ़ेगी। उनकी मशाल से यह ज्योत एक कटोरे में सौंपी जाएगी और उसके बाद एक अन्य मशाल की सहायता से इसे ओलंपिक शीतकालीन खेल बीजिंग 2022 के लिए निर्मित एक आधुनिक मशाल में ट्रांसफर किया जायेगा।
जब ज्योत कटोरे में होगी तो समारोह ओलंपिया स्टेडियम में पहुंच जायेगा और ज्योत प्राचीन काल के प्रतियोगिता स्थलों से गुज़रेगी। सभा में उपस्थित मेहमानों का मार्गदर्शन करेंगी 'कूरी' कहलाये जाने वाले 12 युवा पुरुष जो प्राचीन काल के सूचनाकारों की भूमिका निभाएंगे।
पुराने स्टेडियम में स्थित एक घांस से ढकी हुई छोटी पहाड़ी के पास आयोजित पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रदर्शन के बाद मुख्य पुजारिन की उत्तराधिकारी कटोरे के साथ सबके समक्ष पहुँचती है। उसी समय मुख्य पुजारन Apollo से प्रार्थना करती है वह 'पवित्र दौड़ के विजेताओं को सम्मानित करें' और उसके बाद ज्योत के लम्बे सफर की तैयारी करने लगती है।
ओलंपिया के खंडहरों को छोड़ने से पहले ज्योत प्रसिद्ध स्मारक Pierre de Coubertin का दौरा करेगी। इस स्मारक के एक स्तंभ में आधुनिक ओलंपिक खेलों के पिता माने जाने वाले महान व्यक्ति का ह्रदय बसा हुआ है। आईओसी की स्थापना करने वाले De Coubertin का शरीर तो स्विट्ज़रलैंड में है, उनकी इच्छा थी की उनका ह्रदय ग्रीस में ही रहे है और अगले दशकों में यह एकता और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक बना।
आशा का संदेश
ओलंपिक ज्योति का 4 फरवरी 2022 के दिन बीजिंग राष्ट्रिय स्टेडियम में आगमन एक घर वापसी होगी। आज से 13 साल पहले एक अकेले धावक ने 2008 ग्रीष्मकालीन खेलों के उद्घाटन समारोह में 29वें ओलंपियाड के खेलों की शुरुआत के लिए हवा में भागते हुए इस ज्योत को देग में पहुंचाया। उस धावक का नाम था Li Ning और इस जिम्नास्ट ने 1984 लॉस एंजेलेस खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते थे।
इस बार ग्रीष्मकालीन खेलों के रोमांच के स्थान पर चीन जनवादी गणराज्य में शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा। इस बात का सम्मान करते हुए यह बिलकुल सटीक है कि पहले मशालधारक ग्रीस के अल्पाइन स्कीयर Ioannis Antoniou हैं।
उन्हें मशाल थमाएंगी मुख्य पुजारिन की भूमिका निभाने वाली Georgiou और इसके साथ एक डव को भी उड़ाया जायेगा।
ज्योत का बीजिंग में आगमन 20 अक्टूबर के दिन होगा।
मुख्य तिथियां अथवा समय
- 18 अक्टूबर: ज्योत प्रज्वलन समारोह, सुबह 11:20 बजे (स्थानीय समय) शुरू
- 19 अक्टूबर: हैंडओवर समारोह, सुबह 11:50 (स्थानीय समय) शुरू
- 20 अक्टूबर: बीजिंग में आगमन समारोह