कुश्ती के बारे में हासिल करें हर जानकारी

7 मिनटद्वारा Olympics.com

कुश्ती क्या है?

कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसमें दो पहलवान एक मुक़ाबले का हिस्सा होते हैं जहां वे अपने प्रतिद्वंद्वी को चित्त करने का प्रयास करते हैं। कंधों को ज़मीन पर फेंकने या पकड़ने के उद्देश्य से जुड़ते हैं या हाथापाई करते हैं, या फिर मैच के दौरान उन्हें आउट कर देते हैं।

ओलंपिक में कुश्ती के दो रूप होते हैं: फ़्रीस्टाइल और ग्रीको-रोमन। कुश्ती के दोनों प्रारूपों के नियम लगभग समान हैं, लेकिन फ़र्क बस इतना है कि ग्रीको-रोमन में एक पहलवान अपने प्रतिद्वंदी के कमर के नीचे अटैक नहीं कर सकता या होल्ड करने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

एथलेटिक्स के संभावित अपवाद के साथ, कुश्ती को दुनिया के सबसे पुराने प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में जाना जाता है।

कुश्ती का आविष्कार कब, कहां और किसके द्वारा किया गया था?

फ़्रांस और प्राचीन मिस्र में पहलवानों के 3,000 ईसा पूर्व के गुफ़ा चित्र पाए गए हैं।

प्राचीन यूनानियों के द्वारा इस खेल का उपयोग सैनिकों को अपने हाथों का इस्तेमाल कर दुश्मनों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करने के तरीक़े के रूप में किया जाता था। इसके अंदर की कुछ कमियों को ख़त्म करने के इरादे से प्राचीन रोमनों ने इस खेल को अपनाया और इसे विकसित किया।

कुश्ती के नियम क्या होते हैं?

ग्रीको-रोमन कुश्ती में, पहलवान अपने प्रतिद्वंदियों पर हमला करने के लिए केवल अपनी भुजाओं और ऊपरी शरीर का इस्तेमाल करते हैं, और अपने विरोधियों के शरीर का भी सिर्फ़ वही हिस्सा पकड़ सकते हैं।

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, फ़्रीस्टाइल नियमों के मामले में थोड़ा अधिक मुक्त खेल है जिसमें ग्रीको-रोमन की बंदिशें ख़त्म हो जाती हैं। फ़्रीस्टाइल में पहलवान अपने पैरों का भी उपयोग करते हैं और विरोधियों को कमर से ऊपर या नीचे कहीं भी पकड़ सकते हैं।

दोनों प्रकार के मुक़ाबलों में जीत हासिल करने का सबसे आम तरीक़ा अंकों के आधार पर है। पहलवान लीगल होल्ड, थ्रो, टेकडाउन को अंजाम देकर, प्रतिद्वंद्वी को कुछ सेकंड तक के लिए मैट पर पेट के बल चित्त करके या फिर रिवर्सल को अंजाम देकर अंक हासिल करते हैं।

रिवर्सल उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें एक पहलवान जो लाभ की स्थिति में है और उसने अपने प्रतिद्वंदी पहलवान को चित्त करके रखा है उसे दूसरा पहलवान अपनी शक्ति का प्रयोग कर तुरंत पोज़ीशन में बदलाव करता है और बाउट पर अपना नियंत्रण बना लेता है। इसे आम भाषा में उलटना भी कहते हैं।

पहलवानों को उनके मूव्स के मुताबिक़ अंक दिए जाते हैं मूव के लिए एक से पांच तक कोई भी अंक दिया जा सकता है। आम तौर पर आर्किंग थ्रो अधिकतम अंक हासिल करने वाला मूव है।

प्रतियोगी को तब भी अंक प्राप्त होता है जब उनके प्रतिद्वंद्वी नियमों का उल्लंघन करते हैं। उदाहरण के लिए ग़लत तरीक़े से विरोधी खिलाड़ी को पकड़ना, डिफ़ेंस करने की जगह होल्ड से भागने की कोशिश करना, बहुत नकारात्मक होना या बहुत निष्क्रिय होना। इनके परिणामस्वरूप अक्सर पहले चेतावनी दी जाती है और एक बाउट के दौरान तीन बार ऐसा होने के बाद पहलवान को अयोग्य करार दिया जाता है।

छह मिनट की अवधि के अंत में, कुल अंकों को देखा जाता है और अधिक अंक वाले पहलवान को विजेता घोषित किया जाता है। एक टाई के मामले में, जिस पहलवान ने अपने एक मूव की बदौलत अधिकतम अंक अर्जित किए हैं, उसे विजेता घोषित किया जाता है।

तकनीकी फ़ॉल से जीत के लिए फ़्रीस्टाइल में 10 अंकों की बढ़त और ग्रीको-रोमन में 8 अंकों की बढ़त होनी चाहिए। एक पहलवान अगर अपने प्रतिद्वंद्वी को पिन कर देता है तो वह स्वतः ही मैच जीत जाता है।

कुश्ती का मुक़ाबला कितना लंबा होता है?

ओलंपिक में कुश्ती की एक बाउट 6 मिनट की होती है जो 2-2 मिनट की तीन समयों में बंटी होती है। पहलवानों का लक्ष्य 'तीन में से सर्वश्रेष्ठ दो' जीत हासिल करना होता है। हर दो मिनट के बाद 30 सेकंड का ब्रेक होता है।

फ़्रीस्टाइल कुश्ती में क्या नियमों के ख़िलाफ़/अवैध होता है?

एथलीटों को अपने विरोधियों का गला नहीं दबाना चाहिए, बाहों को मरोड़ना नहीं चाहिए, कोहनी या घुटने का उपयोग करके प्रहार नहीं करना चाहिए, अपने सिर से सामने वाले के सिर पर चोट नहीं करना चाहिए, बालों को नहीं खींचना चाहिए, दांतो से काटना नहीं चाहिए या अपने प्रतिद्वंद्वी के सिर को ज़मीन में रगड़ना नहीं चाहिए।

इसके अलावा ऐसे होल्ड जो सिर, गर्दन या पीठ के लिए ख़तरनाक हो सकते हैं वह भी अवैध माने जाते हैं।

ग्रीको-रोमन में, पैरों का कोई भी इस्तेमाल अवैध है। आमतौर पर पहलवान दो ग़लतियां सबसे अधिक करते हैं जिनमें डिफ़ेंस या लिफ़्ट और थ्रो के लिए पैर का प्रयोग सामान्य है।

कुश्ती और ओलंपिक

खेलों के रिकॉर्ड किए गए इतिहास के शुरू होने के कुछ समय बाद 708 ईसा पूर्व में कुश्ती को पेंटाथलॉन के एक हिस्से के रूप में प्राचीन ओलंपिक में शामिल किया गया था।

1896 में एथेंस में जब आधुनिक ओलंपिक खेल फिर से शुरू हुए, तो कुश्ती आकर्षण का केंद्र बन गई। ऐसा इसलिए था क्योंकि आयोजक इसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मान रहे थे। दरअसल, इसे महत्वपूर्ण मानने के पीछे की वजह यह थी कि ग्रीको-रोमन कुश्ती को प्राचीन ग्रीक और रोमन कुश्ती के नए स्वरूप के रूप में देखा जाने लगा था।

1896 में एथेंस में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों के आयोजन के बाद से 1900 के ओलंपिक को छोड़कर कुश्ती हर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक प्रोग्राम में शामिल रही है।

1904 में, ओलंपिक अधिकारियों ने प्रोग्राम में फ़्रीस्टाइल कुश्ती को जोड़ा, जिसे आमतौर पर "कैच ऐज़ कैच कैन" के रूप में जाना जाता है। ऐतिहासिक तौर पर कुश्ती की यह शैली ग्रीको-रोमन की तुलना में बहुत कम महत्वपूर्ण रही है, लेकिन ग्रेट ब्रिटेन और अमेरिका भर में मेलों और त्योहारों में प्रदर्शित होने वाले पेशेवर मनोरंजन के रूप में विकसित होने के बाद इसकी लोकप्रियता में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ।

स्टॉकहोम 1912 और एंटवर्प 1920 के अलावा हर खेल में फ़्रीस्टाइल का मुक़ाबला देखने को मिला है।

ग़ौरतलब है कि ग्रीको-रोमन अब तक एक ऐसा खेल है जिसमें सिर्फ़ पुरुष ही प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि महिलाओं की फ़्रीस्टाइल कुश्ती को एथेंस 2004 में ओलंपिक प्रोग्राम में शामिल किया गया था, जहां महिलाओं की चार स्पर्धाएं आयोजित की गईं थीं। महिलाओं की स्पर्धा को रियो 2016 ओलंपिक में बढ़ाकर पुरुषों के बराबर यानी 6 कर दिया गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान ओलंपिक कुश्ती के इतिहास में सबसे सफल देश हैं और अभी भी खेल में सक्रिय हैं। महिलाओं की स्पर्धा में जापानी पहलवानों का वर्चस्व क़ायम है।

सर्वश्रेष्ठ पहलवान जिन्हें आप देख सकते हैं

पुरुषों की फ़्रीस्टाइल में, जॉर्डन बरोज को अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।

यूएसए के पहलवान ने लंदन 2012 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता और उन्होंने अब तक 6 बार विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब भी हासिल किया है जिसमें 33 वर्ष की उम्र में उनके द्वारा साल 2022 में 79 किग्रा में जीता गया ख़िताब भी शामिल है।

बरोज के हमवतन, 'मैजिक मैन' डेविड टेलर 86 किग्रा में ओलंपिक चैंपियन होने के साथ ही कई बार के विश्व चैंपियन भी हैं। वे अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं।

टेलर के महान प्रतिद्वंद्वी, ईरान के रियो 2016 ओलंपिक चैंपियन हसन यज़दानी, हर मायनों में खेल के दिग्गज हैं। वहीं, एक उत्कृष्ट पहलवान अब्दुलराशिद सादुलाव दो अलग-अलग भार वर्गों में ओलंपिक चैंपियन हैं।

महिलाओं की फ़्रीस्टाइल में, यूएसए की तमायरा मेन्साह-स्टॉक टोक्यो 2020 में 68 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक और कई विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीतने के बाद कुश्ती के सबसे बड़े नामों में से एक हैं।

53 किग्रा भार वर्ग में रियो 2016 ओलंपिक चैंपियन यूएसए की हेलेन मारौलिस को देखना भी दिलचस्प होगा, जिन्होंने चोट और बीमारी की वजह से लंबे ब्रेक के बाद सफल वापसी की है।

53 किग्रा -55 किग्रा और 50 किग्रा वर्ग में क्रमशः टोक्यो ओलंपिक चैंपियन मुकैदा मायू और सुसाकी यूई के वर्चस्व की बदौलत जापान ने अपना दबदबा क़ायम रखा है।

ग्रीको-रोमन कुश्ती में, तुर्की के रिज़ा कायाल्प ने तीन ओलंपिक पदक और कई विश्व ख़िताबों के साथ 130 किग्रा में ख़ुद को एक शक्तिशाली पहलवान के रूप में स्थापित किया है।

कुश्ती के अन्य शीर्ष सितारों में ईरान के मोहम्मद रेज़ा गेराए शामिल हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 में 67 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। दबाव में प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें ‘द आइसमैन’ उपनाम दिया गया है। इसके अलावा अर्मेनिया के आर्तुर अलेक्सान्यान भी कुश्ती के उन सितारों में शुमार हैं जिन्हें देखना अहम होगा। उन्होंने पिछले एक दशक में 98 किग्रा वर्ग में अपना दबदबा बनाया है।

से अधिक