डाइविंग क्या है?
डाइविंग यानी गोताख़ोरी एक ऐसा खेल है जिसमें एथलीट एक्रोबेटिक रूटीन का प्रदर्शन करते हुए एक प्लेटफ़ॉर्म या स्प्रिंगबोर्ड से पानी में कूदते हैं या गिरते हैं।
इस खेल में प्रतिस्पर्धियों के पास जिमनास्ट के समान विशेषताएं, ताक़त, लचीलापन, संतुलन, शक्ति और हवा के प्रति जागरूकता होती है।
डाइविंग का आविष्कार कब, कहां और किसके द्वारा किया गया था?
डाइविंग का खेल 18वीं और 19वीं सदी में स्वीडन और जर्मनी में लोकप्रिय हुआ और मुख्य रूप से उन जिमनास्टों के द्वारा इसकी प्रैक्टिस की जाती थी जिन्होंने पानी में टंबलिंग रूटीन का प्रदर्शन करना शुरू किया था।
19वीं शताब्दी के अंत में, स्वीडिश गोताख़ोरों के एक समूह ने ग्रेट ब्रिटेन का दौरा किया। उन्होंने डाइविंग का प्रदर्शन किया जो बेहद लोकप्रिय साबित हुआ और इसके परिणामस्वरूप साल 1901 में पहली डाइविंग संगठन का गठन किया गया जिसका नाम एमेच्योर डाइविंग एसोसिएशन था।
डाइविंग के नियम क्या हैं?
ओलंपिक में दो प्रकार के डाइविंग बोर्ड होते हैं: स्प्रिंगबोर्ड और प्लेटफ़ॉर्म।
स्प्रिंगबोर्ड डाइविंग पानी से तीन मीटर ऊपर एक लचीले बोर्ड पर होती है जो एथलीटों को ऊपर की ओर धकेलती है।
प्लेटफ़ॉर्म डाइविंग बोर्ड पानी से 10 मीटर ऊपर होती है और उनमें लचीलापन नहीं होता है अर्थात वे कठोर होती है, जिसका अर्थ है कि एथलीटों को अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना होता है या बस अपनी रूटीन में प्रदर्शन करना होता है।
ओलंपिक में स्प्रिंगबोर्ड और प्लेटफ़ॉर्म डाइविंग दोनों के लिए व्यक्तिगत और सिंक्रोनाइज़्ड (जिसमें दो एथलीट शामिल होते हैं) इवेंट हैं। पुरुष छह राउंड में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जबकि महिलाएं पांच राउंड में प्रतिस्पर्धा करती हैं।
व्यक्तिगत गोताख़ोरों को सात जजों के द्वारा अंक दिए जाते हैं जो वर्ल्ड एक्वेटिक्स की तरफ़ से नियुक्त होते हैं। वे एक डाइव को शुरुआती स्थिति, टेक-ऑफ़, फ्लाइट और पानी में प्रवेश के आधार पर अंक देते हैं। शीर्ष दो और नीचे के दो अंकों को समाप्त कर दिया जाता है, और अंतिम तीन अंकों को एक साथ जोड़ा जाता है और उस डाइव के लिए कुल स्कोर प्राप्त करने के लिए डाइव की डिग्री ऑफ़ डिफ़िकल्टी से गुणा किया जाता है।
अंत में, सबसे अधिक कुल संयुक्त स्कोर वाले एथलीट को विजेता घोषित किया जाता है।
सिंक्रोनाइज़्ड डाइविंग के लिए भी यही प्रक्रिया है, सिवाय इसके कि इसमें 11 जज होते हैं, जिनमें से 6 जज गोताख़ोरों के एक्ज़ीक्यूशन (निष्पादन) के आधार पर उन्हें ग्रेड देते हैं जबकि अन्य 5 जज सिंक्रोनाइज़ेशन के आधार पर ग्रेडिंग करते हैं।
सबसे मुश्किल ओलंपिक डाइव क्या है?
4.8 पर रेटेड पाईक पोज़ीशन में रिवर्स 4½ सोमरसॉल्ट को सबसे कठिन डाइव रूटीन माना जाता है, हालांकि प्रतियोगी इससे भी अधिक कठिन डाइव को अंजाम दे सकते हैं।
ओलंपिक डाइवर्स (गोताख़ोर) हर डाइव के बाद नहाते क्यों हैं?
गोताख़ोर अपनी मांसपेशियों को गर्म रखने और किसी भी तरह के स्ट्रेन या क्रैंप्स की संभावना को कम करने के लिए हर प्रतिस्पर्धा के बाद नहाते हैं या जकूज़ी में कूदते हैं।
ओलंपिक और डाइविंग
सेंट लुइस में आयोजित 1904 ओलंपिक खेलों में पहली बार डाइविंग को शामिल किया गया था। लंदन में 1908 के ओलंपिक खेलों से स्प्रिंगबोर्ड और प्लेटफ़ॉर्म इवेंट्स को शामिल किया गया। साल 1912 में स्टॉकहोम खेलों से महिलाओं ने डाइविंग की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया।
पहली ओलंपिक प्रतियोगिताएं, मौजूदा प्रतियोगिताओं से अलग थीं, विशेष रूप से प्लेटफ़ॉर्म और स्प्रिंगबोर्ड की ऊंचाई के आधार पर। एम्स्टर्डम में 1928 के खेलों के बाद से डाइविंग कार्यक्रम अपेक्षाकृत स्थिर रहा है: पुरुष और महिलाएं 10-मीटर हाई-डाइव और 3-मीटर स्प्रिंगबोर्ड इवेंट्स में भाग लेते हैं। साल 2000 में, सिडनी खेलों में स्प्रिंगबोर्ड और प्लेटफ़ॉर्म दोनों स्पर्धाओं में सिंक्रोनाइज़्ड डाइविंग की शुरुआत हुई।
इस डिसिप्लीन में सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपना वर्चस्व क़ायम किया था और चार बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ग्रेग लोगानिस को खेल के सबसे बेहतरीन एथलीटों में से एक माना जाता था। लेकिन 1980 के दशक के अंत में चीन ने अपना दबदबा बनाना शुरू किया और अमेरिका का वर्चस्व धीरे-धीरे ख़त्म होने लगा। तब से, एशियाई दिग्गज ने पुरुषों और महिलाओं के डिसिप्लीन में डाइविंग के खेल पर अपना दबदबा क़ायम रखा है।
सर्वश्रेष्ठ डाइवर्स जिन्हें आप देख सकते हैं
चीन की डाइविंग प्रतिभा का प्रभावशाली नवीनतम सितारा वांग ज़ोंगयुआन है।
उन्होंने 2022 में दोनों डिसिप्लीन में विश्व चैंपियन बनने से पहले टोक्यो 2020 में जाई सियी (Xie Siyi) के साथ 3 मीटर सिंक्रोनाइज़्ड ओलंपिक स्वर्ण और व्यक्तिगत 3 मीटर रजत पदक जीता।
वांग के हमवतन, काओ युआन, तीन ओलंपिक स्वर्ण (लंदन 2012 में 10 मीटर सिंक्रो, रियो 2016 में 3 मीटर स्प्रिंगबोर्ड, और टोक्यो 2020 में 10 मीटर प्लेटफ़ॉर्म) के साथ-साथ चार विश्व चैंपियनशिप ख़िताब के साथ सबसे प्रभावशाली डाइवर्स में से एक हैं।
महिलाओं की स्पर्धा में, चेन युक्सी ने टोक्यो 2020 में क्रमशः 10 मीटर सिन्क्रो और प्लेटफ़ॉर्म में स्वर्ण और रजत पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2022 विश्व चैंपियनशिप में भी दोनों ख़िताब अपने नाम किए। जबकि युवा क्वान होंगचान ने युक्सी के साथ 10 मीटर सिंक्रो विश्व चैंपियनशिप ख़िताब जीतने से पहले 10 मीटर प्लेटफ़ॉर्म ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता।
चीन के अलावा, ग्रेट ब्रिटेन के एथलीट बेहद प्रभावशाली रहे हैं और उन्होंने लगातार चीन को कड़ी चुनौती दी है। टॉम डेली ने मैटी ली के साथ टोक्यो में 10 मीटर सिंक्रो ओलंपिक स्वर्ण जीता, जबकि जैक लाफ़र ने रियो 2016 में 3 मीटर सिंक्रो का स्वर्ण पदक जीता।