क्रॉस-कंट्री का रोमांच

यातायात से बढ़कर आर्मी कैंप और उसके बाद तय किया विंटर ओलंपिक गेम्स का सफ़र। पढ़ें क्रॉस-कंट्री की दिलचस्प कहानी।

2 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज

क्रॉस-कंट्री स्कीइंग सबसे पुरानी स्कीइंग में से एक है। शुरुआत में बर्फ के उपर यातायात की जाती थी और वहीं से इस खेल का इजाद किया गया। 19वीं सदी में क्रॉस-कंट्री स्कीइंग से दुनिया का परिचय हुआ था।

नॉर्वेजियन में जन्मा

बहुत लंबे समय तक बर्फीले देशों में स्की करने का मतलब खेल कूद होता था या फिर ठंण्ड के मौसम में लकड़ियों को इकठ्ठा किया जाता था। वहीं छोटे-छोटे समुदायों के इसका प्रयोग सोशलाइज़िंग के लिए भी किया जाता था। ‘स्की’ शब्द का इजाद नॉर्वेजियन शब्द से हुआ है जिसका मतलब होता है ओल्ड हॉर्स।

शुरूआती दौर

अलग-अलग रीजन में अलग-अलग तरह की स्की की जाती थी। कहीं हॉरिजॉन्टल टो-पीस से स्कीइंग की जाती थी तो कहीं किसी और तरीके से। स्की की मॉडर्न तकनीक का आधार फेंनोस्काडियन मोडल माना जाता है जो कि 1वीं सदी में शुरू हुआ था। कभी-कभी यह फर का भी बनाया जाता था। आज के ज़माने में क्रॉस-कंट्री स्की के प्रकार को उसके लैप के अनुसार बनाया जाता है।

पहली प्रतिस्पर्धा

18वीं सदी में नॉर्वेजियन आर्मी इसे एक खेल की तरह लेने लग गई थी। 19वी सेंचुरी के मध्यम तक नॉर्वे में यह एक सपोर्ट बन चुका था। यहां तक पहली रेस को अंजाम 1842 में दिया गया था। इसके बाद 1982 में होलमेनकोल्लेन स्की फेस्टिवल की शुरुआत हुई और उसमें पहले नोर्डिक कंबाइंड इवेंट का आयोजन होता था। 1901 में क्रॉस-कंट्री रेस को इस फेस्टिवल का हिस्सा भी बनाया गया।

स्केंडिनेविया का दबदबा

पहली बार विंटर ओलंपिक गेम्स में मेंस इवेंट को उतारा गया और वह था चामोनिक्स संसकर्ण। वहीं दूसरी ओर वुमेंस इवेंट ने 1952 ओस्लो गेम्स के ज़रिए अपना डेब्यू किया था। शुरुआत में इस खेल में नोर्डिक देशों का दबदबा बना हुआ था।

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