बॉबस्लेय है विंटर ओलंपिक गेम्स की शान

4 मैन से टू मैन और अब महिलाएं भी लेती हैं बॉबस्लेय इवेंट में हिस्सा। जानें इस खेल का पहला क्लब कब बना था।

2 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज

बॉबस्लेय एक विंटर स्पोर्ट्स है जिसका इजाद 1860 में स्विस की जनता ने किया था। इस खेल में एथलीट बर्फीले ट्रैक से नीचे उतरता है और यह ट्रैक बहुत छोटा, घुमावदार होता है।

19वी सदी में हुई शुरुआत

बॉबस्लेय खेल की असल शुरुआत 19वीं सदी के ख़त्म होने के समय पर हुई थी। इसमें स्विस के लोगों ने दो स्केलेटन लेड को जोड़कर एक हैंडल उसमें डाल दिया और इसी तरीके से इस खेल को आगे भी खेला गया। इसके बाद टूरिस्ट की सुरक्षा के लिए इसमें चेसी जोड़ी गई और बॉबस्लेय का पहला क्लब 1897 में सेंट मोरिट्ज़ नाम से बनाया था।

सुपर हैवी

1950 तक इस खेल ने काफी शौहरत इकठ्ठी कर ली थी और बाकी खेलों से भी खिलाड़ियों ने इससे चुनने का फैलसा कर लिया। 1952 में इसके नियमों में बदलाव किए गए जहां क्रू के कुल वज़न को गिना जाने लगा और उसे सीमित कर दिया गया। ऐसे सुपर हेवीवेट बॉबस्लेडर का अंत हो गया और इसे प्रतिस्पर्धा के हिसाब से बनाया जाने लगा।

बैक एंड फोर्थ

पहले के दौर में रेस के लिए स्केलेटन स्लेड को लकड़ी से बनाया जाता था। इसके कुछ ही समय बाद इसका निर्माण स्टील से हो गया। आज इस खेल से जुड़ी टॉप टीमें साल भर आर्टिफिशियल बर्फीले ट्रैक पर अभ्यास करती हैं और साथ ही हाई-टेक स्लेड्स जो कि फाइबरग्लास और स्टील से बने होते हैं उनका प्रयोग करती है।

ओलंपिक में इतिहास

पहली बार 1924 में 4 मैन बॉबस्लेय को विंटर ओलंपिक गेम्स में उतारा गया। इसके बाद 193 में 2 मैन बॉबस्लेय को भी शामिल किया गया और आज तक यह इवेंट खेल जाता है। पहली बार महिलाओं का टू मैन बॉबस्लेय 2002 में खेला गया था।

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