बैडमिंटन क्या है?
बैडमिंटन दो खिलाड़ियों या युगल टीमों द्वारा कोर्ट पर खेला जाने वाला एक रैकेट-एंड-शटल खेल है। इस खेल का नाम इंग्लिश काउंटी ग्लॉस्टरशायर में ड्यूक ऑफ़ ब्यूफोर्ट के घर बैडमिंटन हाउस से लिया गया है।
बैडमिंटन का आविष्कार किसने, कहां और कब किया था?
साल 1873 में, भारत के पूना शहर से इस खेल को अपने देश वापस ले जाने और अपने मेहमानों के सामने पेश करने का पूरा श्रेय ड्यूक को दिया जाता है।
जल्द ही यह खेल पूरी दुनिया में तेज़ी से छा गया और साल 1877 में नवगठित बाथ बैडमिंटन क्लब ने इस खेल के लिखित नियमों के पहले सेट को तैयार किया। इसके बाद इंग्लैंड का बैडमिंटन फ़ेडरेशन 16 साल बाद बनाया गया और साल 1899 में इसने पहली ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का आयोजन किया।
बैडमिंटन के नियम क्या है?
समय के साथ बैडमिंटन के नियम कई बार बदले गए हैं, लेकिन इसका उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी के कोर्ट के आधे हिस्से में शटल को पहुंचाना है और इसके साथ यह भी ज़रूरी है कि विरोधी खिलाड़ी इसे सफलतापूर्वक वापस कोर्ट में न भेज दे। वर्तमान में बैडमिंटन मैच बेस्ट-ऑफ़-थ्री गेम के लिए खेले जाते हैं। इसमें जो खिलाड़ी पहले गेम में 21 अंक हासिल करता है वह गेम जीत जाता है। प्रत्येक खिलाड़ी या युगल टीम को हर गेम को दो स्पष्ट अंकों से जीतना चाहिए, सिवाय इसके कि यदि गेम में दोनों खिलाड़ियों के अंक 29 हैं, तो गेम में अगला अंक जो भी खिलाड़ी हासिल करता है वह गेम जीत जाता है। इसे डेथ प्वॉइंट कहते हैं।
बैडमिंटन और ओलंपिक
बैडमिंटन ने म्यूनिख में हुए 1972 के ओलंपिक गेम्स में एक प्रदर्शन खेल के रूप में अपनी शुरुआत की। लेकिन बार्सिलोना में हुए 1992 गेम्स तक यह खेल आधिकारिक तौर पर पुरुषों और महिलाओं के एकल और युगल स्पर्धाओं के साथ ओलंपिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। इस खेल का डेब्यू 1992 ओलंपिक गेम्स में हुआ। वहीं, मिश्रित युगल स्पर्धा की शुरुआत साल 1996 में अटलांटा ओलंपिक गेम्स में हुई। तब से, इवेंट की संख्या अपरिवर्तित बनी हुई है।
सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों पर एक नज़र
विक्टर एक्सेलसेन (डेनमार्क) और चेन युफ़ेई (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) टोक्यो 2020 के ओलंपिक खेलों में एकल स्पर्धा के चैंपियन थे, और वह पदक के प्रबल दावेदार भी थे। ये खिलाड़ी अभी भी सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक बने हुए हैं। इसके अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, कोरिया रिपब्लिक, भारत, स्पेन, चीनी ताइपे और सिंगापुर के पास भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं, जिनके खेल और प्रदर्शन से पूरी दुनिया वाकिफ़ है।