हमने क्या सीखा: टोक्यो 2020 ओलंपिक से गोल्फ का लेखा-जोखा

नेली कोर्डा/ज़ेंडर शॉफ़ेल के शानदार प्रदर्शन से लेकर कांस्य के लिए 7 मैन प्लेऑफ़ तक, गोल्फ ने टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों को रोशन किया। टॉप पलों पर एक नज़र डालें, हाइलाइट्स, रिप्ले देखें और पेरिस 2024 में आपकी नज़र किस पर होगी, वह भी देखिए।

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Nelly Korda of Team United States celebrates with the gold medal at the victory ceremony after the final round of the Women's Individual Stroke Play on day fifteen of the Tokyo 2020 Olympic Games at Kasumigaseki Country Club on August 07, 2021 in Kawagoe, Japan. (Photo by Mike Ehrmann/Getty Images)
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गोल्फ ने 112 सालों में पहली बार रियो 2016 में ओलंपिक शेड्यूल में वापसी की थी। इसके बाद हमें जस्टिन रोज़ द्वारा पहली बार ओलंपिक होल-इन-वन मिला, जिन्होंने घरेलू धरती पर गोल्ड मेडल भी जीता।

टोक्यो 2020 में गोल्फरों के पास जीने के लिए बहुत कुछ था, और स्टाइल से ऐसा किया भी। नेली कोर्डा और ज़ेंडर शॉफ़ेल ने टीम यूएसए को गौरवान्वित करते हुए मेंस और वूमेंस के पोडियम पर पहला स्थान हासिल किया।

22 साल की मोने इनामी ने मेजबानों के लिए झंडा फहराया और दक्षिण-अफ्रीकी मूल के रोरी सब्बातिनी ने स्लोवाकियाई ध्वज के तहत रजत पदक अपने नाम किया।

फिर मेंस इवेंट में कांस्य के लिए अभूतपूर्व सात-तरफा लड़ाई हुई, जिसमें रोरी मैक्लेरॉय, पॉल केसी, मत्सुयामा हिदेकी और चीनी ताइपे के सीटी पैन शामिल थे।

टोक्यो 2020 खेलों में गोल्फ के टॉप 5 पलों को फिर याद करें, यहां आप हाइलाइट्स और रीप्ले देख सकते हैं और पेरिस 2024 के लिए बहुत कुछ जान सकते हैं।

1. नेली कोर्डा: एक शानदार समर

23 साल की नेली कोर्डा के लिए यह यादगार सीजन था।

जून में उन्होंने अटलांटा में वूमेंस पीजीए चैंपियनशिप में अपना पहला मेजर जीता और अगस्त में टोक्यो में विश्व नंबर 1 के रूप में ओलंपिक स्वर्ण पर कब्जा जमाया। उन्होंने कहा कि "ईमानदारी से कहूं तो यह क्रेजी था। मैं हमेशा जो चाहती हूं उस पर दृढ़ और केंद्रित रही हूं।"

वह जो चाहती थी वह ओलंपिक गोल्ड था और उन्होंने अपनी सालों की मेहनत और परिपक्वता की बदौलत इसे हासिल भी किया।

दो डबल बोगी ने उनके स्वर्ण पदक के सपने को टूटने का डर जरूर दिया लेकिन अंतिम दिन तीन सीधी बर्डी की बदौलत उन्होंने जबरदस्त वापसी की और घरेलू फेवरेट मोने इनामी और न्यूजीलैंड की ‘लिडिया को’ को पीछे छोड़ दिया।

अंत में इनामी को सिल्वर और लिडिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। लिडिया को ने भी कोर्डा के शानदार प्रदर्शन की तारीफ की।

लिडिया ने कहा कि “ओलंपिक में नंबर 1 के रूप में खेलना आसान नहीं है। मैंने रियो में ऐसा किया था।"

इसके अलावा रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता ने कहा कि " उस तरह के दबाव और उम्मीदों से लड़ने के बाद गोल्ड मेडल जीतना मुझे लगता है कि यह दिखाता है कि वह किस तरह की क्लास खिलाड़ी है।”

"मुझे यकीन है कि यह नेली के लिए कई और बड़े मेजर और जीत की शुरुआत है।"

2. इनामी के सिल्वर से जापानी फैंस हुए उत्साहित

गोल्फ जापान में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है और मात्सुयामा के एक सप्ताह पहले पोडियम पर जगह ना बना पाने के बाद सभी की उम्मीदें इनामी के कंधों पर टिकी हुई थीं।

22 साल की इस खिलाड़ी के लिए ये हासिल करना इतना आसान नहीं था, उनका देश पहले ही उनकी जीत का जश्न मना रहा था क्योंकि उन्होंने लीडिया को भी पीछे छोड़ दिया था। फैंस की नजरें इसी पर टिकी थी कि कोर्डा के बाद कौन सिल्वर जीतेगा तो किसके खाते में कांस्य आएगा।

दोनों खिलाड़ियों ने 6-अंडर 65 का स्कोर बनाया और सैतामा प्रीफेक्चर में कासुमिगासेकी कंट्री क्लब में 72 होल के बाद 16-अंडर के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर रही।

और इनामी शायद ही इस पर विश्वास कर सकी होंगी, जब को ने पहले प्लेऑफ़ होल पर बराबरी के लिए अपना पुट गंवा दिया। जिसके बाद वो सिल्वर मेडल जापानी फैंस के लिए गोल्ड से कम नहीं था।

"ओलंपिक हमेशा से मेरा सपना रहा है, और मुझे खुशी है कि मैं इसे एक दुःस्वप्न बनने से रोक पाई। मैंने इसकी कल्पना नहीं की थी। यह एक चमत्कार है जिस तरह मैंने क्वालीफाई भी किया है।"

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3. ज़ेंडर शॉफेल ने अपने पिता के लिए जीता पदक

पुरुषों की प्रतियोगिता भी काफी रोमांचक थी और इस रोमांच का कारण थे शॉफेल-रोरी सब्बाटिनी के बीच की प्रतिस्पर्धा अमेरिका के शॉफेल-रोरी ने पीछे से आकर जबरदस्त वापसी की और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

गोल्ड जीतने के बाद उन्होंने कहा कि "मैंने खुद को याद दिलाया, यह सिर्फ 4 फुट है। आपको बस इतना करना है कि इसे बनाना है और कोई बड़ी बात नहीं।"

ये खिलाड़ी बाहरी रूप से भले ही शांत दिख रहा हो लेकिन अंदर दिल की धड़कन भी तेज थी और दिमाग भी स्थिर नहीं था लेकिन इसके बादजूद वह अपना लक्ष्य हासिल करने में कामयाब रहे।

उन्होंने कहा कि "मैं बस शांत रहने की बहुत कोशिश कर रहा था। लेकिन यह बहुत तनावपूर्ण था। इसके बाद मैंने वह पट बनाया और उस समय मेरे कंधे पर बहुत बड़ा बोझ था।"

शॉफेल ने बताया किया कि वह अपने पिता के लिए ऐसा कर रहे थे, जिनकी अपनी ओलंपिक आकांक्षाएं समाप्त हो गईं थी। एक एक्सीडेंट में वह अपनी एक आंख गंवा बैठे थे।

ज़ेंडर ने कहा कि "मेरे लिए, मैं वास्तव में अपने पिता के लिए जीतना चाहता था। मुझे यकीन है कि वह अभी कहीं रो रहे होंगे। मैं इसे किसी और से ज्यादा चाहता था।”

4. रोरी सब्बाटिनी स्लोवाकिया के लिए क्यों खेले?

1976 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में जन्मे रोरी सब्बाटिनी स्लोवाक झंडे के नीचे क्यों खेल रहे थे?

सब्बाटिनी की पत्नी मार्टिना स्लोवाकिया से ताल्लकु रखती है, जिसकी वजह से वह 2018 के अंत में स्लोवाकिया के नागरिक बन गए। उनकी पत्नी का स्लोवाक गोल्फ फेडरेशन में एक चचेरा भाई है और उन्होंने टोक्यो 2020 में उनके लिए कैडिड किया।

सब्बाटिनी ने कहा, "उनकी चचेरी बहन इस विचार के साथ आई थी। यह गोल्फ के खेल में अधिक बच्चों को लाने का एक अवसर है, क्योंकि वास्तव में उनके पास वास्तव में इंटरनेशनल लेवल पर किसी को फॉलो करने का एक्सपोजर नहीं है। इसी लिए मैंने वहां से खेलने का फैसला किया।”

उनके पास फॉलो करने के लिए बहुत सारे हॉकी खिलाड़ी, स्कीयर, टेनिस खिलाड़ी हैं लेकिन गोल्फ में कोई भी नहीं है।"

सब्बाटिनी को मिला मुकाम: पीजीए टूर पर उनकी छह जीत हैं, वे प्रेसिडेंट्स कप में खेल चुके हैं और एक बार वर्ल्ड रैंकिंग में 8वें स्थान पर भी पहुंच चुके हैं। टोक्यो में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा और केवल एक शॉट से वह गोल्ड मेडल चूक गए।

उनके मेडल सहित स्लोवाकिया ने कुल 4 पदक अपने नाम किए। वूमेंल ट्रैप में इस देश ने गोल्ड जीता तो मेंस कयाक में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इसके अलावा कैनोई में भी स्लोवाकिया कांस्य जीतने में सफल रहा।

5. मेंस ब्रॉंज मेडल प्लेऑफ़

 रोरी मैक्लेरॉय, पॉल केसी, मत्सुयामा हिदेकी, सीटी पैन, कॉलिन मोरिकावा, मिटो परेरा, सेबेस्टियन मुनोज।

सात अलग-अलग देशों के सात अलग-अलग खिलाड़ी गोल्फ इवेंट के चार दिनों के बाद -15 अंडर के स्कोर के साथ बराबरी पर थे,  इसका मतलब यह कांस्य के लिए प्ले-ऑफ था।

ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था और उन्हें दो ग्रुप में बांटना पड़ा।

जल्दी ही कई रेस से बाहर भी हो गए। केसी ने पेड़ों में शॉट खेला, मात्सुयामा ने एक और खराब शॉट खेला, इसके बाद  मोरीकावा का प्रदर्शन भी कुछ इस तरह का था।

मैक्लेरॉय ने बाद में कहा, "मैंने अपने जीवन में तीसरे स्थान पर रहने के लिए इतनी मेहनत नहीं की है।  क्योंकि वह परेरा और मुनोज़ के साथ पदक की रेस से बाहर हो गए थे।

अब केवल पैन और मोरीकावा बचे थे लेकिन अंत में पैन ने कांस्य पदक अपने नाम किया। पदक जीतते ही उन्होंने अपनी पत्नी  और कैडी लिन यिंगचुन को गले लगा लिया।

टोक्यो 2020 खेलों में गोल्फ को मैदान के बाहर और अंदर बहुत प्यार मिला।

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आखिरी बार

40 से अधिक विभिन्न देशों के 120 गोल्फरों ने कासुमीगासेकी कंट्री क्लब में हिस्सा लिया और ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर प्रतिस्पर्धा की

न्यूजीलैंड की लिडिया दो अलग-अलग ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली गोल्फ खिलाड़ी बनीं। वहीं सब्बाटिनी ने ओलंपिक रिकॉर्ड 61 का शॉट लगाया।

गोल्फ का जो ड्रामा, जुनून और भावना यहां देखने मिली, अब 2024 पेरिस में भी वही उम्मीद होगी।

पेरिस 2024 ओलंपिक में गोल्फ

फ्रांस में अगले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में केवल 3 साल बचे हैं और टोक्यो ने कई गोल्फरों की पदक की भूख को बढ़ा दिया है।

रोरी मैक्लेरॉय के कांस्य पदक ने उन्हें एक राह दिखाई है, अब वह इससे बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।

मैक्लेरॉय ने अपनी आयरिश टीम के साथी शेन लोरी के साथ कुछ दिनों का आनंद लेने के बाद कहा, "निश्चित रूप से मुझे उस तरह महसूस करने की उम्मीद नहीं थी जब मैं वहां था, लेकिन यह बहुत अच्छा था। यह एक अच्छा अनुभव था। मेरे पास वह एक अद्भुत समय था।" .

उस अविश्वसनीय प्लेऑफ के बाद उन्होंने कहा, "यह मुझे पेरिस जाने और एक (पदक) जीतने की कोशिश करने के लिए और भी अधिक दृढ़ बनाता है।"

मैक्लेरॉय पर ही नजरें नहीं होंगी। सभी फैंस की कोर्डा पर भी पर जमी होगी कि क्या वह ओलंपिक खिताब का बचाव करने वाली पहली गोल्फर बन सकती हैं या नहीं। शॉफ़ेल अपने इस प्रदर्शन को पेरिस में दोहरा पाते हैं या नहीं?

कुछ भी हो, हम फ्रांस की राजधानी में और अधिक अविस्मरणीय ओलंपिक गोल्फ प्रतियोगिताओं के पलों के गवाह बनेंगे।

हाइलाइट्स

टोक्यो 2020 गोल्फ इवेंट के हाइलाइट्स और रिप्ले यहां पर उपलब्ध हैं: olympics.com/tokyo2020-replays

टोक्यो 2020 ओलंपिक में गोल्फ के रिजल्ट: सभी पदक विजेता

मेंस इंडिविजुअल स्ट्रोकप्ले

गोल्ड: ज़ेंडर शॉफ़ेल (USA)

सिल्वर: रोरी सब्बाटिनी (SVK)

ब्रॉंज: पैन सीटी (TPE)

वूमेंस इंडिविजुअल स्ट्रोकप्ले

गोल्ड: नेली कोर्डा (USA)

सिल्वर: इनामी मोने (JPN)

ब्रॉंज: लीडिया को  (NZL)

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