तेहरान में पैदा हुए मोहम्मद ने आठ साल की उम्र में ताइक्वांडो की तैयारी शुरू कर दिया था। उन्होंने इस खेल पर काफी जल्दी अपनी पकड़ बनाई और 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय टीम के लिए चुने गए। उन्होंने साल 2009 में एशियाई चैंपियनशिप और साल 2012 में सैन्य विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक सहित कई प्रमुख चैंपियनशिप में पदक हासिल किया।
साल 2018 में उनके पास अपना देश छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था और उन्होंने सुरक्षित रहने और अभ्यास करने के लिए कनाडा का रुख किया।
फिलहाल मोहम्मद एक पार्ट टाइम ताइक्वांडो मास्टर के रूप में युवा एथलीटों को सीखाने का काम करते हैं और पेरिस 2024 ओलंपिक गेम्स में भाग लेने के उद्देश्य से लगभग हर दिन दो बार अभ्यास करते हैं।
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