माहदिया सिर्फ 17 साल की थीं जब वह 2021 में रिफ्यूजी बनीं। उन्हें सुरक्षा की तलाश में अपने गृह देश अफगानिस्तान से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुरुआत से ही उन्होंने ख़ुद को साबित करना शुरू कर दिया था। उन्होंने 11 साल की उम्र में ताइक्वांडो की शुरुआत की और 15 साल की उम्र में अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम की सदस्य बन गईं। इसके बाद उन्हें बड़ी सफलता तब मिली जब उन्होंने 2019 दक्षिण कोरियाई यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
माहदिया अब इटली में रहती हैं, जहां वह इटालियन राष्ट्रीय टीम के साथ प्रशिक्षण ले रही हैं और ह्यूमनीटेरियन फाउंडेशन के साथ बतौर वॉलंटियर भी काम कर रही हैं।
बचपन से ओलंपिक एथलीट बनने का सपना देखने वाली माहदिया की नज़रें अब पेरिस 2024 पर टिकी हुई हैं।
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