केशव चंद्र दत्त भारतीय हॉकी फील्ड की कुछ ऐसी कड़ियों में से एक थे, जिनके समय भारतीय हॉकी दुनिया पर हावी थी। वह 1948 और 1952 की ओलंपिक गोल्ड विजेता टीमों का हिस्सा रहे। इतना ही नहीं 1947 में आजादी के बाद से ही उपलब्धियां मिलनी शुरू हो गई। 1948 लंदन खेलों की चैंपियन टीम के सदस्य केशव दत्त का निधन 7 जुलाई 2021 को कोलकाता में 95 वर्ष की आयु में हो गया।
वो समय कितना अलग था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दत्त को 1956 के ओलंपिक के लिए उनके मालिक द्वारा छुट्टी रद्द कर दी थी, जिसकी वजह से वह गोल्ड की हैट्रिक से चूक गए।
वह 1952 की टीम के उप-कप्तान थे और उन्हें 1956 के खेलों के लिए एक राष्ट्रीय तैयारी शिविर में भेजा गया था। केशव दत्त ने बाद में कहा कि दो ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनने का मौका मिलना अपने आप में बहुत बड़ी बात है, क्योंकि उस समय भारत में कई शीर्ष खिलाड़ी उस स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।
टीम में प्रतिस्पर्धा इतनी ज्यादा थी कि एक बार उन्हें लगा कि भारतीय हॉकी टीम में शामिल होना उस समय स्वर्ण जीतने से भी कठिन था!
केशव दत्त, जिन्होंने कोलकाता में प्रतिष्ठित मोहन बागान क्लब का प्रतिनिधित्व किया था, उन्हें ऑफिस से जल्दी जाने की अनुमति नहीं थी, जिस वजह से दत्त स्थानीय लीग के खेलों में देरी से पहुंचते थे, जिसकी वजह से उन्हे बाहर रहना पड़ता था। इसी वजह से वह एक बार 1956 के खेलों से चूक गए।
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