अफगानिस्तान के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े कावान की खेल से जुड़ी शुरुआती यादें अपने पिता और दोस्तों के साथ कुश्ती करना है। बाद में उनका लगाव जिम्नास्टिक के प्रति बढ़ गया, एक ऐसा खेल जो उनको अपने जिम्नास्टिक कोच के प्रोत्साहन की वजह से उन्हें जूडो की दुनिया में ले गया।
अफगानिस्तान छोड़ने के बाद, कावान नवंबर 2020 में यूनाइटेड किंगडम में रिफ्यूजी के रूप में पहुंचे और ग्लासगो में एक नया अध्याय शुरू किया। एक रिफ्यूजी एथलीट स्कॉलरशिप धारक के रूप में वर्तमान में एडिनबर्ग में और कभी-कभी जर्मनी में स्कॉटिश टीम के साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं। अंग्रेजी सीखने के बाद, कावान अन्य रिफ्यूजी जुडोकाओं के लिए समर्थन का एक स्रोत है। इसके साथ ही खेल के प्रति उनका लचीलापन और समर्पण कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
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