लॉन्ग जम्प छोड़कर स्प्रिंट में आना राजीव के लिए फायदेमंद ही रहा है,फील्ड से ट्रैक पर आने के लिए राजीव अपने कोच को इसका श्रेय देते है, इसके लिए उन्होंने अपने कोच की सलाह का पूरे अनुशासन के साथ पालन किया। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के एक गांव के रहने वाले अरोकिया ने एशियाई खेलों में सभी प्रकार के पदक जीते हैं - इंचियोन 2014 में 400 मीटर में कांस्य पदक, पुरुषों की 4x400 मीटर रिले में रजत और 2018 के जकार्ता में मिक्स्ड 4x400 मीटर रिले में स्वर्ण हासिल किया है।
रियो 2016 खेलों में पुरुषों की 4x400 मीटर रिले में भाग लेने के बाद, अरोकिया राजीव टोक्यो में अपने दूसरे ओलंपिक में भाग लेने जा रहे है, अपने रिले साथी मोहम्मद अनस, अमोज जैकब, नोआ निर्मल टॉम और नागनाथन पांडी के साथ, राजीव अपने ओलंपिक अनुभव को बेहतर बनाना चाहेंगे।
बता दें कि रियो ओलंपिक में, राजीव, मोहम्मद कुंजू, मोहम्मद अनस और अय्यासामी धरुन की पुरुषों की 4×400 मीटर रिले चौकड़ी को धारुन और राजीव के बीच बैटन को गलत तरीके से आदान-प्रदान करने की वजह से हीट 2 में उन्हे अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखनेवाले राजीव ने जब दौड़ना शुरू किया तो उस वक्त उनके पास जूते तक नहीं थे, इतना ही नहीं तमिलनाडु में राज्य स्तर पर आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राजीव को अपने एक दोस्त से स्पाइक्स जूते उधार लेने पड़े थे।
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