हिस्ट्री ऑफ

तटीय रोइंग

​कोस्टल रोइंग क्या है?

कोस्टल रोइंग एक प्रतिस्पर्धी खेल है, जहां चालक दल समुद्र तट के किनारे रेस करते हैं। कोस्टल रोइंग के दो मुख्य डिसिप्लिन हैं - एंड्यूरेंस (धीरज) वर्जन, जिसमें एथलीट 6-8 किमी से अधिक की प्रतिस्पर्धा करते हैं, टूर पूरा करते हैं, जो कई दिनों तक चल सकता है। दूसरा वर्जन बीच स्प्रिंट रोइंग, जो 600 मीटर से अधिक की प्रतियोगिता होती है और यह निर्धारित फॉर्मेट एलए 2028 में ओलंपिक डेब्यू करेगा।

बीच स्प्रिंट रोइंग प्रतियोगिता सूखी हुई भूमि से शुरू होती है, जिसमें एक एथलीट नाव में बैठने से पहले रेत पर और समुद्र में दौड़ता है, फिर जितनी जल्दी हो सके थोड़ी दूरी तक रोइंग करता है, और फिर स्प्रिंट के लिए नाव से बाहर निकलता है और समुद्र तट पर वापस आकर फिनिश लाइन तक पहुंचता है। कोस्टल रोइंग प्रतियोगिता समुद्र, महासागर या एक बड़ी झील पर होती है। इसमें अपतटीय लहरों का मुकाबला करने के लिए क्लासिक फ्लैट वाटर रोइंग डिसिप्लिन की तुलना में थोड़ी अधिक सपाट नाव का इस्तेमाल किया जाता है।

कोस्टल रोइंग का आविष्कार कहां, कब और किसके द्वारा किया गया था?

कोस्टल रोइंग हजारों वर्ष पुरानी है, इसके साक्ष्य लगभग 1900 ईसा पूर्व प्राचीन मिस्र में भी मिलते हैं। 1980 के दशक में फ्रांस में प्रतिस्पर्धी कोस्टल रोइंग शुरू हुई। कोस्टल रोइंग के एंड्यूरेंस फॉर्म में पहली विश्व चैंपियनशिप 2007 में कांस में हुई। इटली में मेडिटेरेनियन बीच गेम्स में भाग लेने के बाद, 2015 में बीच स्प्रिंट रेसिंग नया वर्ल्ड रोइंग डिसिप्लिन बन गया। पहला वर्ल्ड रोइंग बीच स्प्रिंट फाइनल 2019 में हुआ।