स्केटबोर्डिंग
संबंधित कंटेंट
स्केटबोर्डिंग एक रोमांचक और शानदार खेल है, जो 1950 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में विकसित हुआ था। कैलिफ़ोर्निया के सर्फर्स लहरें सपाट होने पर कुछ रोमांचक करना चाहते थे तब उन्होंने "साइडवाक सर्फिंग" शब्द को जन्म दिया। यह बाद में 1980 के दशक की अंडरग्राउंड, वैकल्पिक संस्कृति का हिस्सा बन गया, जो स्वतंत्रता, विद्रोह और रोमांच की तलाश के मूल्यों के साथ-साथ चल रहा था।
खेल का विकास जारी रहा और 21वीं सदी की शुरुआत में यह अधिक व्यापक रूप से विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया और एक बड़ा हिट साबित हुआ।
नियमों को संक्षिप्त में जानें
दुनिया के महानतम स्केटबोर्डर पेरिस में ओलंपिक खेलों में खेल के दो सबसे लोकप्रिय डिसिप्लिन: पार्क और स्ट्रीट में प्रतिस्पर्धा करते हुए एक-दूसरे का सामना करेंगे। एथलीटों को अपनी रूटीन के दौरान अपनी सबसे प्रभावशाली करतब अपनानी होंगी और साथ ही कठिनाई की डिग्री, गति और चालों की विविधता के मानदंडों को भी पूरा करना होगा।
इवेंट में दो राउंड होते हैं: प्रीलिम्स और फ़ाइनल
पार्क प्रतियोगिता बॉउल और कई मोड़ों को मिलाकर एक विविध कोर्स पर होती है, जिसका उपयोग एथलीट गति बढ़ाने और हवा के बीच में करतब दिखाने के लिए करते हैं।
स्केटबोर्डर्स को छलांग के दौरान उनके द्वारा किए जाने वाले करतबों की ऊंचाई और गति के साथ-साथ पूरी सतह और सभी बाधाओं का उपयोग करने की उनकी क्षमता के आधार पर आंका जाता है। वे 45-सेकेंड के तीन रन पूरा करते हैं, जिनमें से तीन में से सर्वश्रेष्ठ को उनके अंतिम राउंड स्कोर के रूप में गिना जाता है।
स्ट्रीट इवेंट सीधे 'स्ट्रीट-जैसे' मार्ग पर होती हैं, जिसमें सीढ़ियां, रेलिंग और अन्य 'बाधाएं' शहरी वातावरण से मिलती-जुलती होती हैं जहां स्केटबोर्डिंग का जन्म हुआ था। एथलीट कई तरह के करतब दिखाते हैं और उनका मूल्यांकन इस आधार पर भी किया जाता है कि वे दो 45 सेकंड की रन और पांच करतबों के दौरान अपने बोर्ड को कैसे नियंत्रित करते हैं। प्रत्येक राउंड में, स्केटर के उच्चतम रन और दो उच्चतम ट्रिक स्कोर को जोड़कर उनका अंतिम राउंड स्कोर बनाया जाता है।
ओलंपिक इतिहास
साल 2021 में आयोजित टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में अपनी ओलंपिक शुरुआत करने के बाद, स्केटबोर्डिंग एक बार फिर पेरिस 2024 के प्रोग्राम में शामिल होगी, जो फ्रांस की राजधानी के सेंटर में स्थित ला कॉनकॉर्ड में आयोजित होगी।
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खेल का विकास जारी रहा और 21वीं सदी की शुरुआत में यह अधिक व्यापक रूप से विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया और एक बड़ा हिट साबित हुआ।
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दुनिया के महानतम स्केटबोर्डर पेरिस में ओलंपिक खेलों में खेल के दो सबसे लोकप्रिय डिसिप्लिन: पार्क और स्ट्रीट में प्रतिस्पर्धा करते हुए एक-दूसरे का सामना करेंगे। एथलीटों को अपनी रूटीन के दौरान अपनी सबसे प्रभावशाली करतब अपनानी होंगी और साथ ही कठिनाई की डिग्री, गति और चालों की विविधता के मानदंडों को भी पूरा करना होगा।
इवेंट में दो राउंड होते हैं: प्रीलिम्स और फ़ाइनल
पार्क प्रतियोगिता बॉउल और कई मोड़ों को मिलाकर एक विविध कोर्स पर होती है, जिसका उपयोग एथलीट गति बढ़ाने और हवा के बीच में करतब दिखाने के लिए करते हैं।
स्केटबोर्डर्स को छलांग के दौरान उनके द्वारा किए जाने वाले करतबों की ऊंचाई और गति के साथ-साथ पूरी सतह और सभी बाधाओं का उपयोग करने की उनकी क्षमता के आधार पर आंका जाता है। वे 45-सेकेंड के तीन रन पूरा करते हैं, जिनमें से तीन में से सर्वश्रेष्ठ को उनके अंतिम राउंड स्कोर के रूप में गिना जाता है।
स्ट्रीट इवेंट सीधे 'स्ट्रीट-जैसे' मार्ग पर होती हैं, जिसमें सीढ़ियां, रेलिंग और अन्य 'बाधाएं' शहरी वातावरण से मिलती-जुलती होती हैं जहां स्केटबोर्डिंग का जन्म हुआ था। एथलीट कई तरह के करतब दिखाते हैं और उनका मूल्यांकन इस आधार पर भी किया जाता है कि वे दो 45 सेकंड की रन और पांच करतबों के दौरान अपने बोर्ड को कैसे नियंत्रित करते हैं। प्रत्येक राउंड में, स्केटर के उच्चतम रन और दो उच्चतम ट्रिक स्कोर को जोड़कर उनका अंतिम राउंड स्कोर बनाया जाता है।
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साल 2021 में आयोजित टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में अपनी ओलंपिक शुरुआत करने के बाद, स्केटबोर्डिंग एक बार फिर पेरिस 2024 के प्रोग्राम में शामिल होगी, जो फ्रांस की राजधानी के सेंटर में स्थित ला कॉनकॉर्ड में आयोजित होगी।