मेडल के कॉनसेप्ट पर ओटावियानी इंटरनेशनल और TOROC ग्राफिक टीम ने काम किया, जिसकी अगुवाई डारियो क्वाट्रिनी ने की। पदक का आकार गोल रखा गया, जिसमें बीच की जगह खाली थी। यह इटली के पिज़्ज़ा को दर्शाती थी। पदक को इसके रिबन में लपेटा गया था, जो पिछले खेलों के विपरीत इसके शीर्ष पर नहीं लगाया गया।
पदक के आगे की तरफ खेलों के ग्राफिक को उकेरा गया, जबकि पीछे की तरफ खेल अनुशासन के चित्र को चित्रित किया गया था, जिसको ध्यान में रखते हुए पदक जीता गया था। पदक के तीनों आयाम की विशेषताओं को उजागर करने के लिए चमकदार और साटन जैसा चिकना रखा गया और इसकी सतह को सावधानी के साथ पूरा इस्तेमाल करने के लिए खाली स्थानों का उपयोग अच्छी तरह किया गया।
पदकों के लिए डिज़ाइन बनाने वाले क्वाट्रिनी ने इतालवी इतिहास से विचारों और उसके मॉडल को शामिल किया और इसकी परंपरा के रूपों और निर्माण जैसे कि अंगूठियां, प्राचीन सिक्के और गहने आदि पर खास ध्यान दिया। केंद्र में खाली स्थान के साथ गोला ट्यूरिन खेलों की मुख्य थीम और रूपांकनों को जोड़ता है और टोरीनो 2006 के उद्देश्य ‘द पिज़्ज़ा’ को दर्शाता है।
2006 शीतकालीन ओलंपिक खेलों का पदक भी ओलंपिक रिंग या एक प्रतीकात्मक जीत के छल्ले की तरह गोल रहा और इसके केंद्र में खुली जगह के साथ यह उस स्थान को दर्शाता है, जहां दिल धड़कता है यानी जीवन का प्रतीक। पदक के तीनों आयाम की विशेषताओं को उजागर करने के लिए इसेकी सतह को चमकदार और साटन के जैसा चिकना बनाया गया। साथ ही खाली स्थानों को सावधानी के साथ पूरी तरह से उपयोग किया गया। हालांकि एक पदक सही मायने में उस वक्त पूरा होता है, जब वह एथलीट की गर्दन से ज्यामितीय रूप से सही से लटकने पर उसकी छाती पर हृदय के पास झूलता है और एथलीट को उसकी अंदरूनी ऊर्जा और मानव भावनाओं पर ध्यान केंद्रित कराता है।
रचनाकार: डारियो क्वाट्रिनि
रचना की सामग्री: पहला स्थान (गोल्ड: 6 जीआर; सिल्वर), दूसरा स्थान (सिल्वर), तीसरा स्थान (ब्रॉन्ज़)
व्यास: 107मिमी
सिक्का ढ़लाई: ओटाविआनी
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