ओलंपिक के इतिहास में भारतीय एथलीटों ने ओलंपिक में 23 व्यक्तिगत पदक जीते हैं। नॉर्मन प्रिचार्ड (आजादी से पहले), पीवी सिंधु और सुशील कुमार ने दो बार और 20 अन्य एथलीटों ने एक-एक बार पदक जीते हैं।
इन 20 में से आठ एथलीटों ने 24 साल की उम्र से पहले ही ओलंपिक मेडल जीत लिए थे।
पीवी सिंधु भारत की सबसे कम उम्र की ओलंपिक पदक विजेता हैं। भारतीय बैडमिंटन स्टार ने अपने दो ओलंपिक पदक में से पहला पदक रियो 2016 में वूमेंस सिंगल्स में सिल्वर मेडल के रूप में जीता था, उस वक्त उनकी उम्र 21 साल 1 महीना और 14 दिन थी।
सिंधु ने जब टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता था उस वक्त उनकी उम्र 26 वर्ष पूरी हो चुकी थी। इसके अलावा वह एक से अधिक ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली और एकमात्र भारतीय महिला बन गईं थीं।
सिंधु से पहले भारत की सबसे कम उम्र की ओलंपिक पदक विजेता उनकी हमवतन साथी साइना नेहवाल थीं। जब साइना ने लंदन 2012 में वूमेंस सिंगल्स में कांस्य पदक जीता था, तब उनकी उम्र 22 साल 4 महीने 18 दिन थी।
ओलंपिक पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह हैं, जो 22 साल 9 महीने और 24 दिन की उम्र में बीजिंग 2008 खेलों में पुरुषों के मिडिलवेट में कांस्य पदक जीता था।
वहीं नीरज चोपड़ा ने अपने 24वें जन्मदिन से सिर्फ साढ़े चार महीने पहले टोक्यो 2020 में पुरुष जैवलिन थ्रो में एतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था। इस उपलब्धि के साथ चोपड़ा ग्रीष्मकालीन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बन गए थे।
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत के पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं, जिन्होंने 25 वर्ष की उम्र में बीजिंग 2008 में पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था।
वहीं राज्यवर्धन सिंह राठौर भारत के सबसे उम्रदराज ओलंपिक पदक विजेता हैं, जिन्होंने 34 साल 6 महीने और 19 दिन की उम्र में एथेंस 2004 में शॉटगन शूटिंग के डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता था।
ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला की बात करें तो वह मुक्केबाज मैरी कॉम थीं। जिन्होंने लंदन 2012 में 29 साल 8 महीने और 15 दिन की उम्र में कांस्य पदक जीता था।
*इस लिस्ट में उन पदक विजेताओं को शामिल नहीं किया गया है, जिन्होंने टीम इवेंट में पदक जीते हैं।