विश्व कुश्ती चैंपियनशिप का पहला संस्करण साल 1904 में वियना में आयोजित किया गया था, लेकिन भारत को इस प्रतियोगिता में अपना पहला पदक जीतने में अपनी आजादी के बाद 14 साल लग गए।
उदय चंद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने साल 1961 में जापान के योकोहामा में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 67 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
भारत ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के सभी संस्करणों को मिलाकर अब तक 23 पदक जीते हैं, जिसमें 1 स्वर्ण, 5 रजत और 17 कांस्य पदक शामिल हैं। भारतीय पहलवानों ने इनमें से 12 पदक साल 2018 के बाद जीते हैं।
भारत द्वारा जीते गए 23 पदकों में से 9 पदक महिलाओं ने जीते हैं। ग्रीको-रोमन कैटेगरी में भारत ने अभी तक सिर्फ एक पदक ही हासिल किया है।
बजरंग पुनिया ने विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए सबसे अधिक चार पदक जीते हैं। इसमें 1 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं।
बिशम्बर सिंह ने 1967 में नई दिल्ली में 57 किग्रा पुरुष फ्रीस्टाइल में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला रजत पदक जीता था। बता दें कि यह पहली और एकमात्र बार था जब भारत ने कुश्ती विश्व चैंपियनशिप की मेज़बानी की थी।
इसके बाद भारत को अपना अगला पदक जीतने के लिए लगभग चार दशकों तक इंतज़ार करना पड़ा। अलका तोमर ने साल 2006 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर, इस इंतज़ार को ख़त्म किया।
तोमर ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के ग्वांगझू में 59 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
चार साल बाद, चैंपियनशिप में भारत को एक ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मिला। साल 2010 में रूस के मास्को में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में सुशील कुमार कुश्ती में भारत के पहले विश्व चैंपियन बने। उन्होंने 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ख़िताब जीता।
कनाडा के स्ट्रैथकोना काउंटी में आयोजित 2012 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने किसी एक संस्करण में पहली बार दो पदक जीतने में कामयाबी हासिल की। जहां फोगाट बहनें सबसे आगे रहीं, गीता फोगाट (55 किग्रा) और बबीता फोगाट (51 किग्रा) ने अपने-अपने वर्ग में कांस्य पदक जीता।
अगले वर्ष, भारत ने तीन पदक जीतकर एक बार फिर से अपने प्रदर्शन में सुधार किया। हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित 2013 विश्व चैंपियनशिप में ग्रीको-रोमन वर्ग में भारत का पहला पदक आया।
इस दौरान 66 किग्रा में संदीप तुलसी यादव ने कांस्य पदक जीता। इसके अलावा, अमित दहिया ने पुरुषों की 55 किग्रा फ्रीस्टाइल में रजत पदक और बजरंग पुनिया ने पुरुषों की 60 किग्रा फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक जीता था।
बजरंग पुनिया साल 2018 के विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने। उन्होंने बुडापेस्ट में 65 किग्रा स्पर्धा में एक बार फिर से कांस्य पदक अपने नाम किया।
कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के पांच पदकों के रिकॉर्ड प्रदर्शन में भी पुनिया शामिल थे। बजरंग पुनिया (65 किग्रा फ्रीस्टाइल), राहुल अवारे (61 किग्रा फ्रीस्टाइल) और रवि कुमार दहिया (57 किग्रा फ्रीस्टाइल) ने कांस्य पदक जीता था।
विनेश फोगाट ने भी महिलाओं के 50 किग्रा में कांस्य पदक जीता, जबकि दीपक पूनिया ने 86 किग्रा फ्रीस्टाइल में रजत पदक हासिल किया था।
नॉर्वे के ओस्लो में आयोजित 2021 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अंशु मलिक प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
इस बीच, बेलग्रेड के सर्बिया में 53 किग्रा में कांस्य पदक जीतने के बाद विनेश फोगाट विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।
इस प्रतियोगिता में, बजरंग पुनिया ने अपना चौथा विश्व चैंपियनशिप पदक जीता। उन्होंने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल में कांस्य पदक हासिल किया।