टोक्यो 2020 के लिए #1YearToGo: भारतीय एथलीट जापान में लड़ना भी चाहते हैं और जीतना भी

जहां खेल दोबारा पटरी पर आ रहा है वैसे ही खिलाड़ी भी मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट होने की कोशिश कर रहे हैं। 

5 मिनटद्वारा जतिन ऋषि राज
अंजुम मोदगिल का मानना है कि संयुक्त परिवार में रहने से COVID-19 महामारी से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल रही है। फोटो: ISSF
(ISSF)

आज से एक साल बाद यानी 23 जुलाई, 2021 में टोक्यो के ओलंपिक स्टेडियम में 29वें समर गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। हर खलाड़ी के जीवन में खेल की दुनिया के सबसे बड़े इवेंट में अपने देश को गौरवान्वित करना एक गर्व की बात है।

यह आसान नहीं है, एक एथलीट को हमेशा खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट रखना पड़ता है, अनुशासन भरा जीवन जीना पड़ता है साथ ही कड़ी ट्रेनिंग कर अपने कौशल को निरंतर निखारना पड़ता है।

अब जब टोक्यो 2020 नज़दीक आता जा रहा है तो ऐसे में विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसकी तैयारियों में जुट गए हैं और अपने दिमाग़ और शरीर को बस खेल और उसके पहलुओं में ढाल रहे हैं।

हॉकी कहे – चक दे!

8 गोल्ड, एक सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज़ मेडल के साथ भारतीय मेंस हॉकी एक बार फिर ओलंपिक गेम्स में बाज़ी मारने के इरादे से उतरेगी। मोस्को 1980 ओलंपिक गेम्स के बाद से इस टीम ने कभी पोडियम पर चढ़ने लायक प्रदर्शन नहीं किया लेकिन अब फॉर्म और लय को देखकर लग रहा है कि मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) की यह टीम इस बार ज़बरदस्त प्रदर्शन कर भारत के गौरव में चार चांद लगा देगी।

भारतीय मेंस हॉकी फिलहाल चौथी रैंक पर काबिज़ है और देखते-देखते इस टीम ने सभी को अपने आक्रामक स्टाइल की ओर आकर्षित किया है। एसवी सुनील ने ओलंपिक चैनल से बात करते हुए कहा “ओलंपिक गेम्स खेल की दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ख़ास इवेंट है। हम नर्वस नहीं हैं बल्कि टर्फ पर जाकर खेलने के लिए उत्साहित हैं।”

भारतीय मेंस हॉकी ने ओलंपिक गेम्स 2020 के लिए क्वालिफाई कर लिया है और ऐसे में यह टीम एक बार फिर हॉकी के उन सुनहरे पलों को दर्शकों के सामने लाने की कोशिश करेगी जिन्हें पहले भारतीय दर्शकों द्वारा महसूस किया जाता रहा है।

एसवी सुनील ने आगे कहा “एक जुट हो कर एक टीम की तरह खेलने के लिए हमे लगभग 2 महीने लगेंगे। बेंगलुरु में लगे नेशनल कैंप में हम सबने बड़ी मेहनत की है और जिस वजह से हमारी रणनीति और प्लान बेहतर भी हुए हैं।

शूटिंग टीम ने बुना लक्ष्य

बात करें अगर शूटिंग की इस बार भारतीय शूटर अपने कंधों पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी और बहुत सी उम्मीदें लेकर जापान जाएंगे। भारतीय शूटर इस समय लय में दिखाई दे रहे हैं और माना जा रहा है कि टोक्यो 2020 में यह दल भारत के लिए मेडल की बारिश कर सकता है और यह कहना गलत भी नही होगा क्योंकि अभी तक 15 भारतीय शूटरों ने टोक्यो ओलंपिक गेम्स में अपना स्थान पुख्ता कर लिया है।

26 वर्षीय अंजुम मोदगिल (Anjum Moudgil) टोक्यो 2020 के ज़रिए अपना ओलंपिक डेब्यू करने जा रही हैं और उनसे अच्छ परिणाम की भी उम्मीद की जाएगी।

ओलंपिक चैनल से बात करते हुए इंडियन शूटर ने कहा “मेरे कोच ने मुझे एक चार्ट दिया है जिसमे सभी पहलू हैं। उसमे लिखा है कि मुझे कब तीव्र ट्रेनिंग की ज़रूरत है और कब हलकी ट्रेनिंग की और कब मुझे आराम चाहिए होग।”

“पहले भी कुछ ऐसा ही था लेकिन अब जब ओलंपिक गेम्स पोस्टपोन हो गए हैं तो ऐसे में में मानसिक रूप से फिट होने पर ध्यान दिया है और अपने चंडीगढ़ के घर में ही कुछ फिज़िकल एक्सरसाइज भी की हैं।”

इनके प्लान की बात की जाए तो नई दिल्ली में लगने वाले नेशनल कैंप से इस खिलाड़ी को खासी उमीदें होंगी और मोदगिल वहां जाकर अपनी ट्रेनिंग का आगाज़ कर सकती हैं। गौरतलब है कि 10 मीटर एयर राइफल में खेलती मोदगिल एक अर्जुन अवार्ड विजेता हैं और पिछले कुछ समय में उनकी फॉर्म भी उनका साथ दे रही है।

“प्रतियोगिता कब होंगी कब नहीं होंगी यह एक सवाल ज़रूर है लें इन हालातों ने मुझे मेरी कमियों पर काम करने की अनुमति दे दी है।”

ये हैं ताकत-वीर

बात करें अगर बॉक्सिंग तो लंदन 2012 की ब्रॉन्ज़ मेडल विजेता मैरी कॉम (MC Mary Kom) और तीन बार के ओलंपियन विकास कृष्ण (Vikas Krishan) ने टोक्यो 2020 में अपनी जगह बना ली है। इनके अलावा अमित पंघल (Amit Panghal), जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से अपने होना का प्रमाण पेश किया है उनसे मेडल जीतने की कई उम्मीदें लगाई जा रही हैं।

फ्लाईवेट केटेगरी में खेलने वाले अमित पंघल अपने भारवर्ग में फिलहाल वर्ल्ड नंबर 1 हैं और माना जा रहा है कि अगले साल तक वह अपने कौशल को और भी मज़बूत कर लेंगे जिसे उनके जीतने के मौके बढ़ जाएंगे।

ओलंपिक चैनल से बात करते हुए पंघल ने कहा “मुझे लगता है मुझे और ताकत की ज़रूरत है। जब से मैंने 49 से 52 भारवर्ग में कदम रखे हैं तब से इसकी थोड़ी कमी देखी गई है। यहां तक कि मेरे कोच को भी यह आभास हो गया था। तो लॉकडाउन में मैं इस पर जोरो से काम कर रहा हूं।”

“मुझे पहले यह आभास हुआ कि अब जब गेम्स एक साल के लिए स्थगित हो गए हैं तो ऐसे में मुझे अभ्यास करने का एक साल ज़्यादा मिल गया है। मेरे लिए यह एक फायदा है और हां मेरी तैयारियों की प्रक्रिया अब शुरू होती हैं।”

विकास कृष्ण की बात की जाए तो वह भी अगले साल होने वाले ओलंपिक गेम्स के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। ओलंपिक चैनल से जुड़ने के बाद विकास ने कहा “मैं लकी ब्रॉन्ज़ या सिल्वर मेडल नहीं जीतना चाहता। मैं वहां पूरे आत्मविश्वास के साथ जा रहा हूं और मुझे गोल्ड मेडल ही जीतना है।”

“इस बार भगवान ने मेरे लिए कुछ बेहतर चुना हुआ है। अब मेरे पास समय है और मैं इसका उपयोग उन चीज़ों को भरने पर करूंगा जिनकी कमी हुआ करती थी।”

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