एथलीटों को अब आराम से शुरूआत करनी होगी: वीरेन रासकिन्हा

पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान ने कहा कि जब ओलंपिक गेम्स 2021 में आयोजित होगा तो मौजूदा फॉर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन मुक्केबाज़ विकास कृष्ण मुक़ाबले के लिए तैयार हैं।

4 मिनटद्वारा विवेक कुमार सिंह
भारत में ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के सीईओ वीरेन रासकिन्हा का ओलंपिक में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फोटो: ओजीक्यू

कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रकोप के चलते टोक्यो ओलंपिक को स्थगित करने के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान वीरेन रासकिन्हा (Viren Rasquinha) ने कहा कि आधिकारिक घोषणा के बाद ओलंपियनों को आराम से फिर से शुरूआत करना चाहिए।

वीरेन रासकिन्हा ने कहा “खेलों की अनिश्चितता एथलीटों को परेशान कर रही थी' जिसका असर भारतीय एथलीटों पर ज्यादा देखने को भी मिल रहा था।” उन्होंने आगे कहा कि “एथलीट अब थोड़ा आराम कर सकते हैं, अपनी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं, इस महामारी से उबरकर आगे की योजनाओं पर फोसक सर सकते हैं।”

“39 वर्षीय पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी ने ओलंपिक चैनल के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि, “बहुत सारी बातें की जा रही थीं, जिससे विरोध उत्पन्न हो रहा था। मुझे लगता है कि ओलंपिक का स्थगित होना तय था, जिसका फैसला स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लिया गया है और महामारी के प्रकोप के कारण, मुझे लगता है कि ये भी सही निर्णय है।”

"जब एथलीटों के सामने एक टारगेट होता है, और इस मामले में समय बहुत कम हो, जैसा कि 24 जुलाई से ओलंपिक शुरू होना था, ऐसे में खिलाड़ी बहुत अधिक ध्यान के साथ ट्रोंनिंग करते हैं। विशेष रूप से पिछले दो सप्ताह से जो हो रहा था, उसकी वजह से बहुत सारी अफवाहें फैल गई थीं, मैं एथलीटों के बीच फैकस की भारी कमी देख रहा था। विशेष रूप से फिजिकल स्पोर्ट्स में ट्रेंनिंग लेवल सामान्य से 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो गया था।”

भारत में ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के सीईओ के रूप में वीरेन रासकिन्हा का योगदान रहा है, जो ओलंपिक आकांक्षाओं का समर्थन करने वाली एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट संस्था है।

वीरेन रासकिन्हा ने कहा ये बिल्कुल सही फैसला है 

हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान ने इस बात पर सहमति जताई कि जिस परिस्थिति से दुनिया गुजर रही है उसे देखते हुए खेलों को स्थगित करना, इस समय का सही निर्णय है। उन्होंने कहा कि टोक्यो 2020 के लिए तैयारी करने वाले प्रत्येक एथलीटों की तैयारियों का अवलोकन भी निश्चित था।

“वे इस पल के लिए चार साल से तैयारी कर रहे हैं। और यदि आप उन्हें देखें, तो कई शानदार फॉर्म में भी थे। चाहे वो भारतीय निशानेबाज हों या विनेश फोगाट, रवि कुमार (दहिया) और अन्य एथलीट। लेकिन अब एक साल से अधिक समय के लिए स्थगित होने के बाद प्रत्येक खिलाड़ी के पास एक साल का समय है और उन्हें फिर से इसके लिए शुरू से शुरूआत करना होगा।

"आपके वर्तमान फॉर्म, फिटनेस, गति, आत्मविश्वास का कोई मलतल नहीं रह गया है ... खेल में बहुत सारी चीजें होती हैं और जब गेम्स शुरू होंगे तब तक बहुत कुछ बदल गया होगा।"

हालांकि भारतीय मुक्केबाज़ विकास कृष्ण (Vikas Krishan) का अलग ही नजरिया है।

उन्होंने अपने आत्मविश्वास के साथ कहा कि, “हां, निश्चित रूप से तैयारी प्रभावित होगी। हमारी तैयारी अभी तक चल रही थी। लेकिन मुझे यकीन है कि अगर 2021 में खेल होते हैं, तो हमारी तैयारियां बेहतरीन नहीं होंगी। जो प्रदर्शन आप देखेंगे उसमें अंतर होगा।”

दुनिया भर में हर एथलीट के लिए समान

“खेलों के स्थगन ने हमें कड़ी मेहनत करने और बेहतर तैयारी करने के लिए कुछ और समय दिया है। अब ये सुनिश्चित करना हमारे ऊपर है कि जब हम ओलंपिक रिंग के अंदर पहुंचेंगे तो कोई भी हमें छू न सके।”

वीरेन रासकिन्हा ने ये भी माना कि आने वाले दिनों में भारत के एलिट वर्ग के संकल्प का परीक्षण किया जाएगा कि वो कैसे बदलती दुनिया के लिए अनुकूल होते हैं

उन्होंने कहा “एलिट स्पोर्ट्स का मतलब है कठिन परिस्थितियों के अनुकूल होना, एक गतिशील बदलती दुनिया के लिए अनुकूल होना। चैंपियन एथलीट, चैंपियन टीमें चुनौतियों को दूर करने का एक तरीका ढूंढती है। वो कठिन समय को दूर करने का एक रास्ता खोजते हैं। मुझे लगता है कि दुनिया भर के हर शीर्ष एथलीट के लिए, उन्हें इन बदलते समय के अनुकूल होने का रास्ता खोजना होगा।”

उन्होंने कहा कि "यह कठीन है। इसके लिए योजनाओं और फ़ोकस की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। लेकिन यह सभी के लिए एक स्तरीय खेल का मैदान है। 

"यह दुनिया भर में हर एथलीट के लिए समान है।"