सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी भारत का घरेलू T20 क्रिकेट टूर्नामेंट है, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
इस टूर्नामेंट का उद्घाटन संस्करण साल 2007 में अंतर-राज्य ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के रूप में आयोजित किया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले आयोजित की जा रही है जो साल 2008 में शुरू हुई थी।
भारत के पहले विदेशी टेस्ट शतकवीर और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी सैयद मुश्ताक अली के सम्मान में 2010 में इसका नाम बदला गया, यह प्रतियोगिता तब से भारत के घरेलू क्रिकेट कैलेंडर में एक मुख्य आकर्षण रही है।
इसके उद्घाटन संस्करण में 27 टीमों ने शिरकत की थी, जिसमें 2007 T20 विश्व कप विजेता दिनेश कार्तिक की कप्तानी में तमिलनाडु ने खिताब अपने नाम किया था।
तमिलनाडु की टीम तीन खिताबों के साथ प्रतियोगिता में सबसे सफल टीम बनी हुई है, जिसमें उद्घाटन संस्करण के साथ 2020 संस्करण (2021 में खेला गया) और 2021 में लगातार दो खिताब शामिल हैं।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के 16 संस्करणों में 11 विजेता रहे हैं। तमिलनाडु तीन खिताबों के साथ शीर्ष पर है जबकि बड़ौदा, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने दो-दो खिताब जीते हैं। बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब ने एक-एक बार ट्रॉफी अपने नाम की है।
आपको बता दें कि पंजाब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का मौजूदा चैंपियन है, जिसने अभिषेक शर्मा के प्लेयर ऑफ द सीरीज प्रदर्शन के दम पर 2023 में अपना पहला खिताब हासिल किया था। दिलचस्प बात यह है कि पंजाब चैंपियन बनने से पहले चार बार उपविजेता रहा था।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी विजेता
पिछले कुछ वर्षों में इस प्रतियोगिता में शिरकत करने वाली टीमों की गिनती में इजाफा हुआ है और 2024 में 17वें संस्करण में कुल 38 टीमें प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
2024 संस्करण के लिए टीमों को पांच ग्रुपों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक टीम राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में अपने संबंधित ग्रुप की अन्य टीमों के खिलाफ खेलेंगी। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करेंगी।
फ्रेंचाइजी मॉडल-आधारित आईपीएल के विपरीत, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राज्यों और संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें शामिल होती हैं जो भारत के प्रमुख प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में प्रतिस्पर्धा करती हैं।
बीसीसीआई ने 2017 में टूर्नामेंट के नौवें संस्करण के लिए राज्य टीमों और संघों को क्षेत्रीय टीमों से बदल दिया, लेकिन अगले सीजन से पुराने राज्य-आधारित फॉर्मेट को दोबारा वापस ले आया गया। उस वर्ष मनोज तिवारी की कप्तानी में ईस्ट जोन ने खिताब हासिल किया था।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टूर्नामेंट उभरते भारतीय क्रिकेटरों के लिए एक शानदार मंच के रूप में काम करता है, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू व्हाइट बॉल क्रिकेट में नाम कमाना चाहते हैं। अनुभवी खिलाड़ियों के लिए, यह अपने कौशल को निखारने, फॉर्म बनाए रखने और कुछ के लिए टीम में वापस आने का शानदार अवसर प्रदान करता है।